पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३२२

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वास . चतुर्वेदीकोष । ३२६ वासकसज्जा, (स्त्री. ) नायिका विशेष | वासगृह, ( न. ) घर के बीच का कमरा । वासतेयी, ( स्त्री. ) रात | वासन, (न. ) धूप देना । कपड़ा । रहने का स्थान | ज्ञान । वासना, ( स्त्री. ) प्रत्याशा | भरोसा । खुशबू- । दार करना । वासन्त, (पुं. ) ऊंट। हाथी का बच्चा | क़ोयल । दक्षिणी वायु जो मलय पर्वत पर होकर चलता है । मूँग | वासन्ती, ( स्त्री. ) एक प्रकार की चमेली । बड़ी मिर्च | पुष्प विशेष एक उत्सव जो कामदेव का कहलाता है । लता विशेष । वासर, (पुं. न. ) दिन | नाग भेद । ( वासवदत्ता, ( स्त्री. ) ग्रन्थ विशेष | एक नायिका का नाम जिसका परिचय भिन्न भिन्न ग्रन्थों में भिन्न भिन्न प्रकार का पाया जाता है ! वासस्, (न.) कपड़ा । वस्त्र । वासागार, (न. ) रहने योग्य गृह | (स्त्री.) वासित, (त्रि.) सुरभीकृत | बसाया गया | सुगन्ध युक्त किया गया। वासि, वासी, एक प्रकार की कुल्हाड़ी रहने वाला | वासु, (पुं.) विष्णु । वासुकि, (पुं.) सर्पराज | वासुदेव, (पुं. ) श्रीकृष्ण | विष्णु । वासू (स्त्री.) सोलह वर्ष की लड़की । वास्तव, (न.) असल सत्य | वास्तविक, (त्रि.) असल में । सत्य सत्य | वास्तव्य, (त्रि. ) रहने वाला रहने योग्य | वास्तु (पुं. ) घर बनाने योग्य भूमि | घर | बथुआ का शाक | वास्तेय, (त्रि. ) रहने योग्य | वास्तोष्पति, ( पुं. ) इन्द्र | घर का मालिक | बास्त्र, (पुं.) कपड़े के पर्दे से ढका रथ । बाह, (क्रि. ) यत्न करना विक चाह, (पुं. ) कुली | मजूर ढोने वाले जानवर घोड़ा बैल भैंसा आदि । गाड़ी । रथ | बाँह । हवा । चार भार का माप विशेष | वाहम, (न.) सवारी। वाहिनी, ( स्त्री. ) सेना । नदी । वाहिनीपति, (पुं.) सेना का मालिक । समुद्र | वाहीक, (पुं. ) जाति विशेष । वाहु (बाहु), (पुं.) बाह | रेखा विशेष | वाहुमूल (बाहुमूल), (न.) काँख । बगल वाह्य, (न. ) अश्वादि सवारी | बुन्दर । ( त्रि. ) बाहिर का । वाह्निक, १ ( पुं. ) बलखनुखारा देश । वाह्नीक, इस देश में उत्पन्न हुआ घोड़ा । ( न. ) केसर | हींग | वि, ( अव्य. ) नियोग | विशेष । सहन | निग्रह | हेतु | अव्याति । ईषत् | परिभव | शुद्धि । अवलम्बन । ज्ञान । गति । श्रालस्य पालन | इसको संज्ञा के पूर्व लगाने से उसके अनेक प्रकार के अर्थ हो जाते हैं। वि, (पुं. स्त्रीः ) पक्षी । घोड़ा । जानेवाला । सोम | - विंश, ( त्रि. ) बीसवाँ । विंशक, (न. ) बीस | विंशति, ( स्त्री. ) कोड़ी | बीस | विंशतिक, (त्रि. ) बीस के योग्य अथवा बीस के मूल्य का । विंशतितम, (त्रि. ) बीसवाँ । विक, (न.) दूध, उस गाय का जो हालही में ब्यानी हो । विकच, (पुं. ) नागा । बौद्ध संन्यासी | बहुत बाल वाला। ध्वज केतु । झण्डा | खिला हुआ। (त्रि. ) कॅशशून्य विकट, (त्रि.) विकृत । विशाल | बिगड़ा हुआ | सुन्दर | नीचे ऊपर । (पं.) फोड़ा । चिकण्टक, (पुं. ) वृक्ष विशेष (1) शत्रु रहित ।