पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२७४

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मात्रा चतुर्वेदीकोष । २७७ मात्रा, ( स्त्री. ) माप विशेष फुट । पल । अणु अंश | धन | नागरी वर्णमाला के स्वरों के चिह्न जो अक्षरों के ऊपर नीचे अगल बगल लगाये जाते हैं । क्रान में पहनने की बाली । रल । मात्सर्थ्य, ( न. ) ईर्ष्या मात्स्यिक, (पुं. ) मछली पकड़ने वाला | धीमर । मल्लाह | माथ, ( पुं. ) पन्था | मार्ग | (क्रि. ) बिलोना नष्ट करना । मारना । माथुर, (त्रि.) मथुरा में उत्पन्न । मथुरा में आया हुआ | माद, (पुं. ) नशा | दर्प । हर्ष । मादक, (त्रि. ) नशैला । नशा उत्पन्न करने वाला। परीक्षा | मादन, (म.) लौंग । कामदेव । मदन वृक्ष । ( स्त्री. ) भाँग | माडशी, } ( त्रि. ) मेरे समान । माद्री (स्त्री. ) मद्रदेशसम्भूत की दूसरी स्त्री | माधव, ( पुं. ) नारायण । लक्ष्मीपति । बसन्त ऋतु । वैशाख मास | महुआ का पेड़ | ( स्त्री. ) वासन्ती लता । इन्द्र | परशुराम यादव | सायन के साथी और ऋग्वेद के टीकाकार पण्डराज माधवक, ( पुं. ) मद्य विशेष जो मधु से बनाई जाती है । साधषिका, ( स्त्री. ) एक लता । माधवी, (स्त्री.) एक प्रकार की मंदिरा वासन्ती लता । कुटनी | माधुर, (न. ) मालती का पुष्प माध्य, (त्रि.) बीच का माध्यन्दिन, ( न. ) दिन का मध्य भाग | यजुर्वेद की एक शाखा । माध्याहिक, (त्रि. ) दोपहर सम्बन्धी | माध्ब, (गु.) मन्व के अनुयायी । मान्धा मान, (कि. ) विचार करना । पूजा करना । मान, (न. ) सम्मान प्रतिष्ठा । श्रभिमान | ( अच्छे भाव में ) क्रोध | माप । हाथ । तौलना । प्रमाण । गीत का श्रङ्ग । मानग्रन्थि, (पुं. ) अपराध | भूल चूक । मानरन्ध्रा, (स्त्री.) एक प्रकार का समय- सूचक यंत्र | माननीय, (गु.) मान के योग्य | प्रतिष्ठित मानःशिल, ( न. ) मनसिल का । मानव, ( पुं. ) मनुष्य | मनु के वंशधर | मानवधर्मशास्त्र, (न. ) मनु का बनाया धर्मशास्त्र । मानस, (न. ) मन । मानसरोवर । मानसव्रत, (न. ) अहिंसा, सत्य आदि व्रत, चोरी न करना, ब्रह्मचर्य धारण, लालच न करना - ये मानस व्रत कहलाते हैं। मानसिक, (न. ) मन सम्बन्धी मानसौकम्, ( पुं. ) हंस | मानिका, (स्त्री.) मदिरा विशेष । तौल विशेष । मानिनी, ( स्त्री. ) माम करने वाली स्त्री | फली वाला वृश्च । मानुष, ( पुं. ) श्रादमी । मानव । भानुषी, ( स्त्री. ) स्त्री | नारी । मानुष्य, (न.) मनुष्यत्व : चादमीपन | मानोशक, . ( न. ) सुन्दरता । मान्त्रिक, ( पुं. ) मन्त्र जानने वाला | मान्थ्, (क्रि. ) चोटिल करना । मान्थर्ये, (न.) सुस्ती । थकावट | निर्मलता | मान्दार, (पुं. ) वृक्ष विशेष । मान्द्य, (न. ) जड़पना | सुस्ती | बीमारी | न्यूनता मान्धातृ, (पुं.) सूर्य्यवंशी एक राजा का नाम । यह युवनाश्व का पुत्र था और अपने बाप के पेट से उत्पन्न हुआ था। पेट से उसके निकलते ही ऋषियों ने कहा था - "कं एष धस्यति ?" इस पर इन्द्र ने प्रकट हो कर कहा- “मां धास्यति ।” तब ही से इसका नाम मान्धातृ या मान्धाता पड़ा।