पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२७३

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माज माजल, ( पुं. ) पक्षी विशेष | माञ्जिष्ट, ( न. ) लाख रङ्ग । माजिष्ठ, । • चतुर्वेदीकोष | २७६ माठ, (पुं. ) मार्ग | रास्ता | माठर, ( पुं. ) व्यास का नाम ब्राह्मण विशेष सूर्य्य का पार्श्ववर्त्ती एक गण। माठी, ( स्त्री. ) कवच | माड, (पुं.) वृक्ष विशेष तौल । माप | 1 माडि, (पुं.) राजप्रासाद | माङ्गुकक, } ( पुं. ) ढोल बज्जाने वाला ॥ 3 माढि, ( स्त्री. ) शोक । निर्द्धनता । ऋ । गोट | सआफ | नया निकला वृक्ष का पत्ता । कोपल । मासव, (पुं.) छोकरा लड़का सोलह लड़ का मोतियों का हार | माणवक, (पुं. ) छोकरा | वोना । खोटा मनुष्य । ब्रह्मचारी | सोलह या बीस लड़ का हार | माणविका, ( स्त्री. ) छोकरी । अप्सरा | मागवीज, (त्रि. ) लड़कपन | छोकरापन | माणज्य, ( न. ) छोकरों का दल या समूह | माणिका, ( स्त्री. ) माप विशेष जो आठ पल के बराबर है । माणिक्य, (न. ) लाल मणि माणिक्या, ( स्त्री. ) छिपकली | बिस्सुइया | माणिबन्ध, ( न. ) संधा या पहाड़ी नोन | भाण्डलिक, (त्रि. ) एक प्रान्त का शासक | मातङ्ग, ( पुं. ) हाथी | चाण्डाल | किरात | पीपल का वृक्ष | मातङ्गी, ( स्त्री. ) दस महाविद्याओं में से एक । मातरपितृ, ( स्त्री. ) माता पिता । मातरिपुरुष, ( पुं. ) भीरु । डरपोंक । मातरिश्वन्, ( पुं.) वायु । मांतलि, ( पुं. ) इन्द्र का सारथि | माता, (स्त्री. ) माता मातामह, (पुं.) नाना मातुल, (पुं. ) मामा | मातुलक, ( पुं. ) मामा | धतूरे का फल मातुला, मातुलानी, } मातुली, मातुलेय, ( पुं. ) मामा का पुत्र मातुलेयी, ( मातुलिङ्ग, ( मातुलुङ्ग, मात्र ( स्त्री. ) मामी सन ) मामा की बेटी ( पुं.) बीजपुर । अनार | नांधू दुर्गा रेवती । मातृ, (सी.) माता | गौ । लक्ष्मी आकाश । पृथिवी । देवी श्राखुकर्णी, इन्द्रकर्णी, जटामांसी आदि रूखरी । अष्टमातृकाएँ यथा - “ ब्राह्मी माहेश्वरी चण्डी बाराही वैष्णयो तथा कौमारी चैव चामुण्डा चर्चिकेत्यष्टमातरः || किन्तु किसी किसी के मतानुसार आठ की जगह सात ही हैं। यथा - " ब्राह्मी माहेश्वरी चैत्र कौमारी वैष्णयी तथा । माहेन्द्री चैव वाराही चामुण्डा सप्त मातरः ॥" " कोई कोई सोलह मातृका तक मानते हैं । आठ प्रकार की पितृलोकनासिनी माताएँ । सात माताओं की पूजा बत्रुधारा में और षोडश मातृकाओं की ग्रहमख आदि साङ्ग- लिक कृत्यों में होती है । जीव । ज्ञाता | मातृबन्धु (पुं. ) मातृबन्धुओं में इनकी गणना है । यथा - ११ "मातुः पितुः स्वसुः पुत्रा मातुर्मातुः स्वसुः सुताः | मातुर्मातुलपुत्राश्च विज्ञेया मातृबन्धवः ॥ मातृष्वस, ( स्त्री. ) मौसी । मातृष्वस्त्रेय, (पुं.) मौसी का लड़का | मात्र, (न.) अल्प माप परिमाण . धन हस्व, दीर्घ, प्लुत आदि । लवुवर्ण को उच्चारण करने का एक अवयव । इन्द्रियों की वृत्तियाँ