पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२५६

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भक्त चतुर्वेदीकोषं | २५७.. भक्कमण्ड, (पुं. न. ) चावलों का बसाया हुआ पानी । माँड़ । भक्ति, (स्त्री.) आराधना बँटवारा उपचार | अवयव | रचना । श्रद्धा | भक्तियोग, (पं.) भक्तिरूपी योग । अनुराग उत्पन्न होने से चित्त का एक थोर लग जाना । भक्षु, (क्रि. ) खाना | भग, ( पुं. न. ) सूर्य | वीर्य | यश | लक्ष्मी | वैराग्य योनि | इच्छा | माहात्म्य | यत्त । धर्म । मोझ । सौभाग्य । कान्ति | चन्द्रमा । भगदत्त, ( पुं. ) कामरूप देश का प्रसिद्ध राजा जो महाभारत में लड़ा था । भगन्दर, (पुं. ) रोग विशेष | भगवत्, (त्रि.) परमेश्वर । भाग्यवान् । छः प्रकार के ऐश्वर्य वाला । भगाङ्कुर, (पं . ) बवासीर के मस्से । भगिनी, ( स्त्री. ) वहिन । सोदरा | भगीरथ, (पुं.) सूयँवंशी राजा दिलीप का पुत्र, जिसने तपस्या कर गङ्गा को प्रसन्न किया और उन्हें इस लोक में प्रवाहित किया । भग्न, (त्रि.) टूटा फूटा । पराजित | भग्नप्रक्रम, (पुं. ) अलङ्कार कथित काव्य का दोष विशेष | भङ्ग, ( पुं० ) पराजय । हार । खण्ड । तिरछापन । भय । डर । पत्ररचना विशेष । जाना । पानी का निकास | सन | भाँग ( स्त्री . ) । भङ्गिी, ( स्त्री. ) विच्छेद । कौटिल्य | विन्यास | लहर | भेद । बहाना । भङ्गुर, (त्रि. ) कुटिल । स्वयं टूटने वाला । नदियों का घुमात्र । भङ्गन्य, (न. ) भाँग का खेत । भजू, (क्रि. ) बाँटना | सेवा करना | पकाना | देना । भया. भजमान, (त्रि.) बाँटने वाला । सेवक । न्यासपूर्वक प्राप्त धन | भट्, (क्रि. ) पालना | बोलना । भटित्र, ( न. ) कबाब । भट्ट, ( पुं. ) भाट । स्वामित्व । जाति विशेष | वेदज्ञ | परिडत | सभी शास्त्रों का मर्थज्ञ भट्टार, ( पुं. ) पूज्य | सूर्य भट्टारक, ( पुं. ) पूज्य बहुत पढ़ा हुआ। नाटक में राजा के लिये भी इस शब्द का प्रयोग होता है । भट्टिी, ( स्त्री. ) ब्राह्मणी नाटक की अकृताभिषेक रानी | भइ, (क्रि.) बहुत बोलना । भरण, (क्रि. ) कहना । भणिति, ( सी. ) कथन । कहना है भण्ड, ( पुं. ) गन्दे शब्द वोराने वाला | भद्, ( क्रि. ) प्रसन्न होना | कल्यास करना । भदन्त, ( पुं. ) पूजा गया । बौद्ध विशेष | भद्र, (न. ) मद्दल | सोना । मोथा । ज्योतिष का करण विशेष महादेव । रामचन्द्र | बलदेव । सुमेरु । ( स्त्री. ) ज्योतिष में २या, ७मी और १२शी तिथियाँ (त्रि.) साधु । श्रेष्ठ | भद्रज, (पुं.) इन्द्रजौ भद्रतुरग, (न. ) जम्बूद्वीप के नव वर्षों में से एक, जहाँ अच्छे घोड़े पाये जाते हैं : भद्रपदा, ( स्त्री. ) पूर्वा और उत्तरा भाद्रपदा नक्षत्र | सद्रश्रय, (न. ) चन्दन रस । सन्दल का वृक्ष। भद्रासन, (न. ) राजसिंहासन | नृपासन | भय, ( न. ) भय । अर भयङ्कर, (त्रि. ) डरावना | रस विशेष | भयानक, (पुं. ) डरावना | भेड़िया | राहु | रस विशेष |