पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२५५

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ब्रटा • चतुर्वेदीकोष | २५६ ब्रह्मत्व, (न.) ऋत्विगविशेष | ब्रह्मा का धर्म | निर्विकार ब्रह्म की प्राप्ति | ब्रह्मदण्ड, (पुं.) ब्राह्मण से वसूल किया गया जुर्माना । ब्रह्मशाप । ब्राह्मण की लकड़ी । ब्रह्मदाय, (पुं. ) समावृत वित्र को देने योग्य • धन । ब्रह्मनाल, (न.) ब्रह्म में विश्राम | परमानन्द | ब्रह्मपुत्र, (पुं.) विष । एक नद । एक क्षेत्र | ( स्त्री. ) सरस्वती नदी । ब्रह्मपुरी, ( स्त्री. ) हृदय | सत्यलोक । काशी। ब्रह्मभूय, ( न. ) ब्रह्मपन | ब्रह्म के साथ मिलन । ब्रह्मयश, (पुं) पश्चयज्ञों में एक प्रधान यज्ञ। जिसमें श्रीविष्णु की स्तुति की जाती है । वेद का पढ़ना और पढ़ाना ब्रह्मरन्ध्र, (न. ) खोपड़ी के भीतर का छेद । ब्रह्मराक्षस, (पुं. ) जो ब्राह्मण का सर्वस्व बनता है वह ब्रह्मराक्षस होता है- "अपहृत्य च विप्रस्वं, भवति ब्रह्मराक्षसः ।” ब्रह्मर्षि, (पुं. ) वशिष्ठादि ऋषि । ब्रह्मलोक, ( पुं. ) सत्यलोक । ब्रह्मवर्चस्, ( न. ) वेदाध्ययन से उत्पन्न हुआ तेज । ब्रह्मतेज, जिसके बल से वशिष्ठ ने विश्वामित्र को हराया था और विश्वामित्र ने कहा था- “ धिग्वलं क्षत्रियबलं, ब्रह्मतेजोवलं बलम् | अतस्तत्साधयिष्यामि, यद्वै ब्रह्मत्वकारणम् ॥ ब्रह्मवादिन, (पुं. ) वेदपाठक । ब्रह्म का निरूपण करने वाला । ब्रह्मविद्या, ( स्त्री. ) वेदान्तदर्शन | ब्रह्मबिन्दु (पुं. ) वेदाध्ययन के समय मुख से निकला जलबिन्दु । ब्रह्मवैवर्त्त, ( न. ) अठारह पुराणों में से एक | ब्रह्मसंहिता, ( स्त्री. ) वैष्णवाचार द्योतक • अन्थ विशेष । भक्त ब्रह्मसायुज्य, (न.) मुक्ति विशेष । ब्रह्मसूत्र, (न ) जनेऊ । शारीरिक सूत्र | ब्रह्महत्या ( स्त्री. ) ब्राह्मण की हत्या । ब्रह्महन्, ( त्रि.) विप्रहत्याकारी । ब्रह्महुत, (न. ) गृहस्थों के पाँच यज्ञों में से एक | ब्रह्माञ्जलि, (पुं. ) यजुर्वेद पढ़ते समय हाथ से जां स्वर दिया जाता है वह मुद्रा | ब्रह्माणी (स्त्री. ) ब्रह्मशक्ति । ब्रह्माण्ड, (न. ) सारा विश्व | ब्रह्मावर्त्त, (पुं. ) सरस्वती और दृषद्वती नदियों के बीच का देश | बिर | ब्रह्मासन, (न. ) ध्यान का श्रासन विशेष । ब्राह्म, ( ब्रह्म का । पुराण मेद । विवाह विशेष | राजा का धर्म ब्राह्मण, (पुं. ) परब्रह्म को जानने वाला। वेदज्ञ । चार वर्णों में से प्रथम वर्ण । वित्र । ब्राह्मणब्रुव, ( पुं. ) जो अपने को केवल उत्पत्ति ही से ब्राह्मण कहता। दूषित आच- रण वाला ब्राह्मण ब्राह्मण्य, (न. ) विप्रधर्म ब्राह्ममुहूर्त्त, (पुं. ) अरुणोदय से पूर्व की दो घड़ी । ब्र, (क्रि. ) कहना | ब्लेष्क, ( न. ) जाल | फन्दा | भ भ, ( न. ) नक्षत्र | मेष आदि राशियाँ । (पुं.) शुक्राचार्य । भौंरा | भगण । २७ की संख्या । मधुमक्खी । रूप । भक्तिका, ( स्त्री. ) झींगुर । भक्त, ( पुं. न. ) भक्ति करने वाला । भात | विभक्त | भक्लदास, (पुं. ) उदरदास । पन्द्रह प्रकार के दासों में से एक ।