पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२३२

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पारी चतुर्वेदकोष | २३३' पारीण, (त्रि.) पारग | निष्णात । पारीणह्य, (न. ) घरेलू सामान | बर्तन श्रीदि । , पारीन्द्र, (पुं.) शेर। बड़ा सर्प । पारीरण, (पुं. ) कछुवा । छड़ी । कपड़ा । पारु, ( पुं. ) सूर्य | अग्नि । पारुष्य, (न. ) कड़ाई | निष्ठुरता | पारेरक, ( 9 ) तलवार । पारोक्ष, (पुं. ) अबोध | रहस्यमय गुप्त | पार्घट, (न. ) धूलि । पार्जन्य, (न. ) वर्षासम्बन्धी । पार्थ, ( पुं. ) पृथापुत्र । युधिष्ठिरादि, पर विशेष कर अर्जुन । पार्थक्य, ( न. ) पृथक्त्व | जुदाई | भिन्नता । पार्थव, (न. ) बड़प्पन | बहुतायत । चौड़ाई पार्थिव, (पुं. ) पृथिवी का । पृथिवी का अघिपति । राजा । · पार्वर, (पुं. ) श्रअलि भर चावल । क्षयरोग | राख । यम का नाम । पार्यन्तिक, (न. ) अन्तिम | पार्वण, (त्रि. ) पूर्णिमा आदि में होने वाला । श्राद्ध विशेष । पार्वत, (पुं. ) पहाड़ी । पर्वत-सम्बन्धी । पार्वती, (स्त्री. ) हिमालय की कन्या | शिव की स्त्री । पर्वत की वनस्पति । पार्वतीनन्दन, ( पुं. ) गणेश । कार्तिकेय | पार्शव, ( पुं. ) कुल्हाड़ा से सुसज्जित सिपाही | पार्शुका, (स्त्री. ) पसली । पार्श्व, (पुं. ) काँख | बगल | पास | पहिया | चक्र | पार्षत, ( पं. ) द्रुपद और उसके पुत्र धृष्टयुम्न की पदवी । पिङ्ग पाणिग्राह, (पुं. ) शत्रु जो पीछे हो । सेना- पति जो सेना के पिछले भाग का संचा- लन करता हो । पार्षद्, ( पुं. ) सभ्य | सभास्थ जन । पार्टिण, (पुं. स्त्री. ) गिट्टे के नीचे का भाग । एड़ी सेना का पिछला भाग | पाल, (क्रि. ) रक्षण करना। पालन करना । पाल, (त्रि.) रक्षा करने वाला । रक्षक | पालक, ( पुं. ) रक्षक | राजा । चित्रक पेड़ | पालङ्क, ( 9 ) पलङ्ग । पलकी का साग | कुन्दुरू का वृक्ष | पालाश, (न.) पलाशसम्बन्धी | तेजपात | पावक, ( पुं. ) श्राग । बिजली की आग | पावकी, (पुं.) अग्निपुत्र | कार्तिकेय । पावन, ( पुं. ) अग्नि | व्यासदेव | गोमय प्रायश्चित्त | गङ्गा | हर्र । तुलसी । पाश, (पुं. ) पशु और पक्षियों को फँसाने वाला फन्दा | पाशक, (पुं.) पाँसा । पाशपाणि, (पुं. ) वरुण | पाशुपत, ( पुं. ) व्रतविशेष : अस्त्र विशेष | शिवभक्त । पाशुपाल्य, (न. ) पशुओं का पालना । वैश्य जाति का धर्म । पाश्चात्त्य, (त्रि.) पश्चिम देश का | पाश्या, ( स्त्री. ) बहुत से फन्दे । · पाष-ख+ एड, (पुं.) ढोंग | पत्थर | पाषण्डिन्, (पुं. ) वेदाचारत्यागी | ढोंगी | पाषाण, (पुं. पाषाणदारक, (पुं.) टाँकी जिससे पत्थर फोड़े जाते हैं । पि, ( स्त्री. ) जाना | पिक, (! कोकिल । कोइल | पिकबन्धु, ( पुं. ) आम का पेड़ | पिङ्ग, (पुं.) मूसा | हरताल । पिङ्गल, ( पुं. ) नाग | रुद्र | सूर्य के समीप रहने वाला । बन्दर | खजाना एक मुनि । मङ्गलग्रह । छन्दोमन्थ का रचयिता एक श्राचार्य । नाड़ी । राजनीति । वेश्या ( स्त्री. ) ।