पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२३१

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

पानो चतुर्वेदकोष | २३२ पानीयशालिका, (स्त्री. ) पौसाला | पौसला | पान्थ, (पुं. ) पाथेक । बटोही । पाप, (न. ) बुरे कर्म । पापघ्न, ( पुं. ) पाप नाश करने वाला । तिल । पापपुरुष, (पुं. ) पापी जन । दुष्ट कर्म करने वाला मनुष्य पापात्मन्, ( पुं. ) पापी । पाप्मन्, (पुं.) पाप । पामन, ( न. ) खाज । पासन, ( पुं. ) गन्धक | पामन, (त्रि.) खजुहा खाज का रोगी । पामर, ( त्रि. ) नांच | मूर्ख | खल | पायस, (पुं. ) खीर | पायु, ( पुं. ) गुदा | गुह्यद्वार पार, (क्रि. ) काम समाप्त करना । पारक्य, (त्रि. ) परलोक हितकारी कर्म । पारग, (त्रि.) दूसरे पार जाने वाला । पारण, (.न. ) व्रतोद्यापन | व्रत की समाप्ति में भोजन । पारतन्त्र्य, ( पुं. ) पराधीनता । पारत्रिक, ( त्रि. ) परलोक के लिये हितकर | पारद-त, (पुं. ) पारा । पारदर्ग्य, ( पुं. ) परदार गमन । पारमार्थिक, (त्रि.) कल्याण साधक कर्म । पारम्पर्थ्य, (न.) लगातार चला आना | पारलौकिक, (त्रि.) दूसरे लोक का । पारशत्र, (पुं.) दोगला | लोहा। कुल्हाड़े का । पारसीक, ( पुं. ) देश विशेष । फारसी । पारस्त्रैणेय, (त्रि. ) परस्त्री में उत्पन्न पुत्र | जारज । पारापत, ( पुं. ) कबूतर | परेवा | पारापावा + र, (न. ) समुद्र | पारावार । पारायण, (न.) किसी ग्रन्थ का साद्यन्त पाठ । पारावारीण, (त्रि. ) समुद्र पार जाने वाला । पाराशर, (पुं.) वेदव्यास | पाराशरिन्, ( पुं.) भिश्चक । संन्यासी | 4 पारी पाराशर्थ्य, (पुं. ) वेदव्यास पारिकाङ्क्षिन्, (पुं. ) मौनव्रतधारी । ब्रह्म- ज्ञान चाहने वाला | पारिजात, (पुं. ) देवताओं का एक वृक्ष । नन्दनकानन का वृक्ष विशेष । पारिणाष, (त्रि. ) विवाह के समय प्राप्त धन । पारिपन्थिक, (पुं. ) चोर | डाँकू | ठग | पारिपा-या+त्र, (पुं.) मालव देशकी समा का एक पर्वत । पारिपार्श्वक, ( पुं.) सूत्रधार के पास रहने वाला नट | पारिप्लव, (न. • ) चञ्चल | श्राकुल | पारिभाव्य, ( न. ) जामिन | एक प्रकार की श्रौषधि । पारिभाषिक, ( गु. ) प्रचलित . चलतू | साधारण । जगत्मान्य । विशेष अर्थ- वाची । पारिमाण्डल्य, (न. ) सर्वत्र विद्यमानत्व | श्रृणु । पारिमिर्त्य, ( सं . ) सीमा । परिमित स्थान या संख्या | पारिमुखिक, (गु. ) मुँह के सामने | समीप । पारियानिक, ( पुं. ) यात्रा करने की गाड़ी । पारिरक, ( पुं. ) साधु । तपस्वी । पारिवित्त्य, (गु.) छोटे भाई के व्याहे जाने पर भी जो बड़ा भाई अनव्याहा रहै । पारिशील, ( पुं. ) चपाती । रोटी । पारिषद, (त्रि.) सभास्थ । सम्य । असे- सर। राजा का सहचारी पारिहार्थ्य, (पुं. ) कड़ा | पहुँची । ककना । पारिहास्य, (न. ) हँसी-खेल | पारी, (स्त्री.) हाथी का पैर बाँधने की रस्सी । जल पीने का पात्र प्याला घड़ा दुधेड़ी ।