पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२२७

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ut • चतुर्वेदीकोष | २२८ f परिघ, ( पुं. ) खोहे का मुग्दर । लोहे से | परिपन, ( न. ) मूलधन | पूञ्जी। परिपन्थक, (पुं. ) शत्रु | परिपन्थिन्, परिपाक, ( पुं. ) चतुराई । ) शत्रु । मढ़ा हुआ लट्ठ | शूल घड़ा घर । योगों में एक योग | परिचय, (पुं. ) पहचान | संस्तव | प्रणय | परिचर्य्या, ( स्त्री. ) सेवा | अधीनता । पूजा | परिचाय्य, (पुं. ) यश की आग | परिचारक, (पुं.) सेवक । परिच्छद, (पुं.) सामान | परिवार | परिच्छेद, (पु. ) विशेषरूप से सीमा बाँधना | सर्ग । अध्याय । सीमा । विचार | परिपाटि-टी, ( स्त्री. ) अनुक्रम | रीति । परिप्लव, ( न. ) चञ्चल । अस्थिर । परिबई, (पुं.) राजा के चढ़ने योग्य घोड़ा, C परिजन, (पुं.) परिवार । प्रतिपाल्यजन | परिणत, (त्रि.) परिपक्क बढ़ा हुआ । किसी काम के अन्तिम फल का लाभ | टेढ़े दाँत चलाने वाला हाथी । परिणय, (पुं. ) विवाह | परिणाम, (पुं.) विकार | प्रकृति का अन्यथा भाव। शेष | अर्थालङ्कार । अन्तिम फल । परिणाह, (पुं. ) विस्तार | फैलाव | परिणेतृ, ( पुं. ) विवाह करने वाला । मर्ता । पति । परितस्, (अव्य. ) चारों ओर से । परिताप, ( पुं.) तपन । दुःख । शोक | गर्मी | भय । कम्प | नरकविशेष | ! परित्राण, (न. ) रक्षण | बचाना। हटाना | परिदान, (न. एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु देना | परिदेवन, (न.) बारम्बार सोचना | विलाप । पश्चात्ताप । परि परिधान, ( न. ) पहिनने का कपड़ा । पहिरना । परिधि, ( पुं. ) चन्द्र अथवा सूर्य का मण्डल। परिवेश | गोल गूलर वृक्ष की शाखा । चारों ओर । पास । परिधिस्थ, (त्रि.) परिचारक सेवक । टहलुआ। रथी की रक्षा के लिये रणभूमि में चारों ओर खड़ी सेना | हाथी । परिभ-भा+व, ( सं . ) अनादर | तिरस्कार | परिभाषण, (न. ) गालीगलौज | नियम | परिभाषा, ( स्त्री. ) कृत्रिम संज्ञा विशेष नाम । परिभूत, (त्रि.) तिरस्कृत | अपमानित | परिमण्डल, ( त्रि. ) गोल आकार का | गोल | परिमल, ( पुं. ) केसर चन्द्रनादि का उबटन | सुगन्धि | परिमाण, (न. ) माप | बराबरी | प्रमाण । समता । तौल । परिमित, (त्रि. ) मापा हुआ । युक्त । ठीक । . तौला । परि-री+रम्भ, ( पुं. ) छाती से लगाना | परिवर्जन, ( न. ) छोड़ना | देना | मारना । परि-री+वर्त्त, ( पुं. ) बदली | विनिमय । युगान्त काल अध्याय आदि । परिवह, (पुं. ) सप्तवायु में से एक । परि-री+वाद, (पुं.) 'अपवाद | निन्दा | बदनामी । परिवादिनी, (स्त्री. ) निन्दा करने वाली स्त्री ।. परि-री+चाप, ( न ) मुण्डन हजामत | परिवापित, ( त्रि.) मुड़ा हुआ । परि-री+वार, ( पुं. ) तलवार की म्यान | परिजन | कुटुम्बी | ! परिविन, (त्रि. ) वह भाई जिसके छोटे भाई का विवाह, उसके पूर्व हो गया हो। ऐसी ही ज्येष्ठा भगिनी |