पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२२६

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

पर चतुर्वेदीकोष | २२७. परमात्मन्, ( पुं. ) परब्रह्म । परमात्र, (न. ) खीर। दूध में पका हुआ अन । क्षौरान । देवप्रिय होने से परम संज्ञा है 1

परमायुस्, ( न. ) १०० वर्ष की पूरी श्रायु ।

परमेश्वर, (पुं० ) जगत् की उत्पत्ति, स्थिति और पालन का हेतु अर्थात् परमात्मा | चक्रवर्ती राजा | परम्परा, ( स्त्री. ) वंश । व्यवधान | सन्तति । . परश्वध, (पं. ) कुल्हाड़ा । परस्पर (त्रि. ) आपस में । परस्मैपद, ( न. ) जिससे दूसरे के लिये फल का ज्ञान हो। व्याकरण में कथित तिप् आदि । | परा, (अव्य. ) उलटा | बड़ाई | बुरे वचन कहना । सामने | देना । बहादुरी । नितान्त | जाना टूटना तिरस्कार । लौटना । पराक, (पुं. ) वंतविशेष | स्वम् । रोग विशेष । छोटा । परि पराचीन,(त्रि.)पराङ्मुख । परकासिक पुराना पराजय, (पुं.) पराभव | तिरस्कार | दबाव। विनाश | परम्पराक, (न. ) यज्ञार्थ पशुहनन । परस्परीण, (त्रि.) क्रमागत अविच्छेद । पराशर, (पु.) व्यासदेव के पिता का नाम । सन्तत | त्याग । परवश, (त्रि.) पराधीन | परवत्, (त्रि.) परवश । दूसरे के अधीन । परशु (पुं. ) कुल्हाड़ा। परशुराम, (पुं. ) जमदग्निपुत्र | एक ऋषि । भगवान् का चौबीस में से एक अवतार विशेष । - परासन, ( न. ) मारना । परासु, ( ) मरा हुआ। मृत । परास्त, (त्रि.) निरस्त । पराजित । पराह, ( पुं. ) परदिन अगला दिन । दूसरा दिन । पराक्रम, (पुं.) बल । जोर। वीरता । पराग, ( पुं. ) पुष्परज। उपराग । चन्दन । पराक्रमुख, (त्रि.) विमुख | मुँह मोड़े | नाराज | परांचित, (त्रि. ) दूसरे द्वारा घिराष्ट हुआ | दूसरे से पाला हुआ । परामर्श, (पुं. ) युक्ति | विवेचन | सलाह | परायण, (न. ) तत्पर और प्रिय । परारि, (अन्य ) व्यतीत तृतीय वर्ष । • बड़ा शत्रु । परार्द्ध, (न.) चरम संख्या | ब्रह्मा की आयु का आधा भाग, उनके ५० वर्ष । पराद्धर्थ, (त्रि.) श्रेष्ठ | बहुत अच्छा । परावर्त, ( पुं. ) बदला | बदलना | विनिमय । पराह्न, (पुं. ) दिन का पिछला हिस्सा | परि, (अव्य. ) चारों ओर से । बर्जना । बीमारी। शेष| निकालना। पूजा | भूषण | शोक सन्तोष । बोलना बहुत त्याम एवं नियम | परिकर, (पुं. ) परिवार पर्थ्यङ्क | समारम्भ समूह | विवेक । कमर कसना | साथी । परिकमन, (न.) देह का संस्कार | भूषण | उबटन लगाना। सेवक । परिक्रम, ( पुं. ) परिक्रमा | खेल आदि । परिक्षित्, ( पु . ) अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु का पुत्र कुरुवंश का एक राजा परी- क्षित् | इसने पाँच वर्ष की अवस्था श्रीकृष्ण को परीक्षा से जान लिया था। परिखा, (स्त्री. ) खाईं। परिगत, (त्रि.) प्रान्त । ज्ञात विस्मृत चेष्टित । घिरा हुआ चला गया । परिग्रह, (पुं.) सेना का पिछला भाग । भार्य्या | परिजन |