पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२०९

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मन्दा चतुर्वेदीकोष । २१० नन्दा, ( श्री. ) गौरी । पार्वती । तिथि विशेष ( १ दा | ११ शी | ६ ष्ठी ) | ननद । नन्दि, ( पुं. ) वृक्ष विशेष | आनन्द | महादेव का पार्श्वचर । नन्दिकेश्वर | विष्णु । शिव । नन्दिन्, ( पुं.) शिवजी का एक द्वारपाल । नग्दिनी, ( स्त्री. ) वसिष्ठजी की धेनु का नाम । लड़की । सुता । पार्वती । गङ्गा | ननद । व्याडि की माता । रेणुका औषध । नन्दिनीसुत (पुं. ) व्याकरण का संग्रह - कर्त्ता | व्याडि मुनि । नन्दिपुराण, (न. ) नन्दी कथित पुराण | एक उपपुराण | नन्दीश, (पुं.) शिवजी का द्वारपाल । नपुंसक, ( पुं. न. ) हिजड़ा । जनखा | क्लीब। नष्ट, ( पुं. ) पौत्र | पोता | दोहिता | नभ, (न. ) आकाश | सावन का महीना | नभःसद, ( पुं. ) देवता । श्राकाश-निवासी । नभश्चर, ( पुं. ) आकाशचारी । बादल | वायु । पक्षी | सूर्य, चन्द्रादि ग्रह | राक्षस । नभस, (न. ) आकाश । नभस्, (न.) बादल । श्रावण मास । नभस्य, ( पुं. ) भादों त् जिसमें वर्षा अच्छी हो । नभस्वत्, (पुं.) वायु । हवा | नभोमणि, (पुं॰ ) सूर्य्य । सूरज नभोरजस्, (न.) अन्धकार अंधेरा । नभ्राज्, ( पुं. ) मेघ । बादल | नमस्, ([अव्य. ) नति | झुकना । छोड़ना । शब्द करना | नमस्कार, (पुं. ) प्रणाम । अभिवादन | नमस्य (त्रि. ) प्रणाम करने योग्य | नमुचि, (पुं.) शुम्भ निशुम्भ का छोटा भाई | जो युद्ध को न छोड़े। नमेरु, (पुं.) सरपुन्नाग वृक्ष | रुद्राक्ष | नम्बू, (क्रि. ) जाना । नम्र, (त्रि.) नत | झका हुआ | विनयान्वित | नम्रक, (पुं. ) बेंत | नयू, (पुं.) जाना | नय, ( पुं. ) नीति | शुक्राचार्यादि से रचा हुआ एक शास्त्र । नेता न्याय्य । एक प्रकार का जुआ नयन, (न.) नेत्र | आँख नर, (पुं. ) परमात्मा (वै नसूनवः विष्णु । मनुष्य का अवतार मनुष्य । अर्जुन | एक ऋषि धूम घड़ी की एक पिन ( Pin. ) कील । नरक, ( पुं. ) पृथिवी का बीच । वराह से उत्पन्न एक दैत्य | पापियों के दुःख भोगने का स्थान विशेष । रौरव आदि २८ प्रकार के नरक बतलाये जाते हैं । कुल संख्या हजारों है। . नरकजित्, (पुं. ) नरकान्तक | श्रीकृष्ण | नरदेव, (पुं. ) राजा। नरनारायण, ( पुं. ) भगवान् का एक अवतार | ऋषभदेव । श्रीकृष्ण और अर्जुन | नरपति, (पुं. ) नरदेव राजा । नृपति । नरपुङ्गव, (पुं.) मनुष्यों में श्रेष्ठ । राजा । नरमाला, ( स्त्री. ) मनुष्यों के कटे सिरों की माला । " नरमाला विभूषणा इति चण्डी । नरमेध, ( पुं. ) एक यज्ञ जिसमें नर के मांस से होम किया जाता है । नरयान, (सं.) पालकी। पीनस | डोली । तामझाम | कण्डी | नरवाहन, (पुं. ) कुबेर | नरसिंह, ( पुं. ) विष्णु भगवान् का नर और सिंह के रूपों से मिला हुआ एक अवतार जो प्रह्लाद की रक्षा के लिये हुआ था । " नरस्कन्ध, ( पुं.) बहुत से मनुष्य नरेन्द्र, (पुं.) राजा | विषवैद्य | २१ अक्षरों के पाद वाला एक छन्द | 41