पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१७४

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ज्ञाना सतुर्वेदीकोष । १७४ ज्ञानापोह, ( पुं. ) विस्मरण । भूलना । ज्ञान का जाता रहना। ज्ञानाभ्यास, (पुं.) ज्ञान का अभ्यास | शानिन्, (त्रि. ) तत्त्वज्ञानी | जानने वाला । यथार्थ बात को जानने वाला । ज्ञानेन्द्रिय, ( न. ) ज्ञान की इन्द्रिय | यथा-कान, आँख, नाक, जीभ, अन्तः- करण, मन । ज्या, (क्रि.) बूढ़ा होना । ज्या, (स्त्री.) होदा । धनुष चढ़ाने की डोरी । ज्यानि, (स्त्री. ) जीर्णत्व । बुढ़ापा । पुरा- तनत्व | हानि । नदी । ज्यायस् (त्रि.) बहुत बुड्ढा । ज्युत्, (क्रि. ) चमकना । ज्येष्ठ, (त्रि.) बड़ा | सब की अपेक्षा बड़ा । अमंज। बहुत अच्छा । ( स्त्री. ) गङ्गा । अलक्ष्मी अठारहवाँ नक्षत्र | ज्येष्ठतात, (पुं.) पिता से बड़ा काका या चाचा | ज्यैष्ठाश्रम, (पुं. ) गृहस्थाश्रम ज्यैष्ठी, ( पुं. ) जेठ मास । ज्येष्ठा नामक चान्द्रमास | ज्यैष्ठ्य, ( न. ) ज्येष्ठत्व । बड़प्पन | ज्योक, ([अव्य. ) अब शीघ्र । प्रश्न | ज्योतिरिङ्ग, (पुं. ) प्रकाश की भाँति चमकने वाला । खद्योत । ज्योतिर्विदू, ( पुं. ) ज्योतिष विद्या जानने A • वाला । गणक | ज्योतिश्चक्र, ( न. ) सूर्य्यादि ज्योति- मण्डल सत्ताइस नक्षत्र वाला राशिचक्र | ज्योतिःशास्त्र, ( न. ) ग्रह और नक्षत्र आदि की गति और स्वरूप का निश्चय कराने वाला शास्त्र | ज्योतिष, (न. ) ग्रहादि की गति, स्थिति, यादि जनाने वाला शास्त्रविशेष | वृद्धि । बढ़ती । ज्योतिष्टोम, ( पुं. ) यज्ञविशेष जिसे सम्पन्न करने के लिये सोलह कर्मकाण्डी विद्वानों की आवश्यकता होती है । ज्योतिष्मत्, ( पुं. ) सूर्य | लक्षद्वीप का एक पहाड़। मालकानी लता । रात्रि । ज्योतिष वाला / चित्त की एक वृत्ति विशेष | ज्योतिस्, ( पुं. ) सूर्य अग्नि । मैथी का शाक । आँख की पुतली पदार्थ । स्वयं प्रकाशमान । नक्षत्र । प्रकाश । चैतन्य | झ ज्योत्स्ना, ( स्त्री. ) कौमुदी । चाँदनी | चन्द्रमा की किरन । चाँदनी रात | ज्यौतिषक, ( पुं. ) दैवज्ञ | गणक | ज्योतिषी । ज्रि, (क्रि.) दवाना । तिरस्कार करना । श्री, (क्रि. ) बूढ़ा होना। ज्वर, (क्रि. ) रोगी होना । ज्वर, (पुं.) ताप | बुखार | ज्वर, (पुं.) ताप दूर करने वाला। गिलोय चिरायता ।- ज्वरापहा, ( स्त्री. ) बिल्वपत्र | ज्वरनाशक बुखार दूर करने वाला | ज्वरित, (त्रि.) ज्वरयुक्त | ज्वलू, (क्रि. ) चमकना | चलना । ज्वलन, ( पुं. ) वह्नि । आग | दांति | चमकना । दाह । जलना । ज्वलनाश्मन्, (पुं. ) सूर्यकान्तमणि । ज्वलित, (त्रि.) दग्ध । जला हुआ। उज्ज्वल चमकीला | ज्वाल, (पुं. ) भाग की शिखा। ज्वालजिह्व, (पुं. ) आग | ज्वालामुखी, (स्त्री.) दुर्गा का स्थान | ज्वालावक्र, (पुं.) शिव नाम | आग | ज्वालिन्, (त्रि.) शिव जी का नाम । जलता हुआ चमकता हुआ । Utt झ, ( पुं. ) झंझावात। बृहस्पति । इन्द्र | ध्वनि | आवाज । नष्टद्रव्य | हिराई हुई वस्तु । बन्द करना ।