पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१७२

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f जानु ८ चतुर्वेदीकोष । १७२ जातुष, (त्रि.) लाख का पदार्थ । जातूकर्ण, ( पुं. ) शिव मुनिविशेष । जातेष्टि, ( स्त्री. उत्पन्न हुए के संस्कारार्थ किया गया एक यज्ञ | संस्कारभेद । जातोक्ष, (पुं.) युवा । साँड़ | जात्य, ( त्रि. ) कुलीन । श्रेष्ठ | सुन्दर ! जात्यन्ध, (त्रि.) प्रज्ञाचक्षु । जन्म का अन्धा | जात्युत्तर, (न.) झूठा जवाब असत् उत्तर । जानकी, ( स्त्री. ) जनक की कन्या | सीता | जानपद, (त्रि.) देश का | देश से आया हुआ | जानु, ( पुं. न. ) घुटना | जामदग्न्य, ( पुं. ) जमदग्नि का पुत्र + परशुराम । जामातृ, (पुं.) जमाई । स्वामी । प्रिय । लड़की का पति । जामि, ( स्त्री. ) भगिनी । बहिन । बहू कुलस्त्री | जाम्बवत्, (पुं.) जाम्बवान् । रीछों के राजा । जाम्बवती, ( स्त्री. ), श्रीकृष्ण की मार्या । जाम्बवान् की कन्यो । सर्पों को वश में करने वाली । जाम्बूनद्र, (न. ) सोना । धत्तरा। जम्बूनद में उत्पन्न । जाया, ( स्त्री. ) स्त्री । औरत । लग्न से सातवाँ घर । जायु, ( पुं.) दवा । औषध | बूटी । जार, (पुं. ) उपपति । जार | यार । जारज, (त्रि.) उपपति से उत्पन्न सन्तान | कुण्ड | गोलक । जीर्णो 1 जाल्म, (त्रि. ) पामर | नीच | मूर्ख । कर । बेरहम । श्रावला । a जावाल, (पुं.) जवाल ऋषि की सन्तान । जाह्नवी, (स्त्री. ) गङ्गा | भागीरथी । जि, (क्रि. ) जीतना | जिगीषा, ( स्त्री. ) जय करने की इच्छा । प्रकर्ष । उद्यम । जिशासु, (गु.) ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा करने वाला । मुमुक्षु । जित, (न. ) जय । जीत । पराजित । वशीकृत | जितकाशिन्, (त्रि. ) जयी । विजयी | जीतने वाला । जितात्मन्, ( त्रि. ) जिसने मन अथवा इन्द्रियों को अपने वश में कर लिया है । जितेन्द्रिय | जितेन्द्रिय, (त्रि. ) देखो जितात्मन् । जित्वर, (त्रि. ) जयशील । जीतने वाला । जिन, (पुं.) संसार को जीतने वाला | बुद्ध | विष्णु । जैनियों के पूज्यविशेष । जिषू, (क्रि.) सींचना | जिष्णु, (पुं.) अर्जुन | इन्द्र | विष्णु | सूर्य्य | अष्टवसु । जीतने वाला जिह्म, (त्रि.) कुटिल । तिरछा । मन्द | मूर्ख | तगर का वृक्ष | जिह्मग, ( पुं. ) जो टेढ़ा हो कर चलता है | सर्प । साँप । मदन का वृक्ष । कुटिल | जिह्वा, ( स्त्री. ) रसना । जीभ । जिह्वामूलीय, ( पुं. ) अक्षर जो जिह्वा को जड़ से उच्चारित किये जाते हैं । जिह्वारद, ( पुं. ) दन्तहीन । जीम ही से चाबने वाला पक्षी । जाल, (पुं.) मच्छी पकड़ने का जाल । कदम का पेड़ । झरोखा । छिद्र । फरेब । ठगई । धूर्त्तता | दम्भ । समूह | मोचकफल । नवीन कलियों का समूह । जालिक, (पुं.) फन्दा फँसाने वाला | धीवर । मल्लाह | मैकड़ी । मर्कटक । जीन, (त्रि.) वृद्ध | बूढ़ा | जीमूत, ( पुं. ) मेघ - मोथा | पर्वत | देव- ताड़ वृक्ष | इन्द्र । जीर, (पुं.) जीरा । खड़ | छोटा । जीर्णोद्धार, (पुं. ) संस्कार | मरम्मत |