पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१५५

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चतुर्वेदीकोष । १५५ ● गोकी गोकौल, ( पुं. ) मूसल । हल । गोकुल, (न. ) वह स्थान जहाँ गौत्रों का समुदाय हो । गोष्ठ । गौशाला । यमुना के समीप नन्द गोप का निवासस्थान | गोघ्न, (पुं. ) कसाई । अतिथि । गोचर, ( पुं. ) गौ के चरने की भूमि । नहास्याह । इन्द्रियों के विषय | जन्मराशि स्थान में सूर्यादि ग्रहों ज्ञान का जाना । गोजिह्वा, ( स्त्री. ) लताविशेष | गोणी, ( स्त्री. ) पुराना पात्र | आवपन पात्र । एक प्रकार का माप । गोतम, (पुं. ) ब्रह्मा का पुत्र | मुनिविशेष | गोत्र, (पुं.) पृथिवी को बचाने वाला । पर्वत | वन । खेत | घर | वंश । नाम रास्ता । छाता | जातिसमूह | मनुकथित शाण्डिल्यादि चौबीस आदिपुरुष । गोत्रभिद्, (पुं.) पहाड़ों को फोड़ने वाला | गोत्रा, ( स्त्री.) पहाड़ों वाली । धरती । धरा । गौत्रों का हेड़ । गोदन्त, ( न. ) हरिताल । गौ के दाँतों के समान अवयव वाला । गौ का दाँत । गोदारण, ( न. ) लाङ्गल | हल । कुदाल | गोदावरी, ( स्त्री. ) दक्षिण भारत की एक नदी जिसके तट पर बसे हुए मुख्य नगरों में से एक नासिक है । गोधा, (स्त्री.) भुजा को बचाने के लिये चमड़े का पट्टा जिसे धनुषधारी भुजा पर बाँधते हैं। गोधूम, ( पुं.) कनक | गेहूँ । एक प्रकार का धान । गोधूलि, ( पुं. ) गोचर भूमि से गौत्रों के की बेला । सूर्यास्त का समय | साँझ | गोनदर्दीय, (पुं. ) गोनर्द देश के समीप उत्पन्न हुआ। व्याकरणकर्त्ता पाणिनि मुनि । गोल गोनस, ( पुं.) जिसकी नासा के समान है । एक प्रकार का साँप । गोपति, (पुं. ) गौधों का पति । बैल | 'साण्ड | शिव । पृथिवीपति । श्रीकृष्ण | सूर्य | इन्द्र | ऋषभ नाम औषध । गोपा, ( स्त्री. ) श्यामा लता । गोपानसी, ( स्त्री. ) छज्जा । परदा डालने के लिये दीवार पर गड़ी हुई लकड़ी । गोपाल, (पुं. ) गोप | अहीर | राजा | नन्द- राजा का पुत्र | गोपुर, (न. ) पुरद्वार। शहर का द्वार । गोप्य, ( ग्रु, ) रक्षा के योग्य | छिपाने योग्य । ( पुं ) गोपीसमूह | ग्रोमती, ( स्त्री. ) नदीविशेष वेद का मंत्र विशेष । गोमय, ( पुं. न. ) गोबर | गौ जैसा । •गोमायु, ( पुं. ) शृगाल | गीदड़ | सियार | गन्धर्व । गोमिन, ( त्रि. ) गौधों का स्वामी | गीदड़ | गोमुख, (पुं.) यक्षविशेष । नक्र । तेंदुआ । तिरछा घर । एक प्रकार का बाजा। लेपन | जपमाला की गोमुखी । गुप्ती | गङ्गोत्री | गोमूत्रिका, ( स्त्री. ) लताविशेष | काव्य की रचना विशेष | गणित में ग्रहस्पष्ट की एक रखा | गोमेद, ( पुं. ) मणिविशेष | जवाहर | द्वीप भेद । टापू । गोमेध, (पुं. ) यज्ञविशेष जिसमें पशु के • स्थान पर गौ रखी जाती है। गोरोचना, ( स्त्री. ) हल्दी जो गौ से उत्पन्न हुई हो । गौ के मस्तक से निकला पीले रङ्ग का पदार्थ । गोल, ( पुं. ) चारों ओर से गोल । मदन का पेड़ । पति के मरने पर जार से उत्पन्न हुआ पुत्र । भूगोल । आकाशमण्डल | एक राशि पर छः .. ग्रहों का एकत्र होना । गोलक । लकड़ी की गेंद ।