पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१४६

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खाङ्गा चतुर्वेदकोष | १४६ खाङ्गाहः, ( पुं. ) सफेद और पीला रंग का घोड़ा मिश्रित रंग का खाजिकः, ( पुं. ) लावा धान इत्यादिक का । खाटिः, (स्त्री.) खराब ग्रह । शराब का सत्त । उपरोक्त अर्थ में खाटिका, ( स्त्री. खाटी, (स्त्री.) } खांडवम्, (न.) चूर्णविशेष | यथा— कोलामलकजं चूर्ण शुरठ्येलाशर्करान्वितम् । मातुलुङ्गरसेनाकं शोषितं सूर्य्यरश्मिभिः ॥ एवं तु बहुशोभ्यक्तं शोषितं च पुनः पुनः । ईषल्लवणसंयुक्त चूर्णं खाण्डवमुच्यते ॥ गुणाः॥ खाण्डवं मुखवैद्यकारकं रुचिधारणम् । हृद्रोगशमनं चेति मुखवैरस्यनाशनम् ॥ भोजनान्ते विशेषेण भोक्तव्यं खाण्डवं सदा ॥ खांडवः, (पुं.) देवराज इन्द्र का वन । अर्थात् नंदन नाम का वन खांडवी, (स्त्री.) पुरीविशेष । खांडिकः, (पुं.) खंडपालक । खंडजीवनी | खंडराज्य | खंडियों का समूह | खातकः, (पुं. ) ऋणी । खाँई कुये के पास जो गढ्ढा जल का हो प्रतिकूप कहते हैं । खेटक, (पुं.) ढाल फलक । दुर्गा के ध्यान में है - खेटकं पूर्णचापं । खेद, (पुं.) दुःख | शोक । हृदय की घबराहट। खय, (न.) खाँई। परिखा । खोदने लायक । खेल, (क्रि. ) हिलाना। जाना । खेलन, ( न. ) क्रीड़ा । खेल । खेलना । खेला, ( स्त्री. ) क्रीड़ा | खेल खेलना । खेद, (क्रि. ) सेवा करना । खेसर, (पुं.) शीघ्र चलने से मानो आकाश में चलती है। अश्वतर । खच्चड़ । अस्तर । एक तरह का पशु | खोट्, (क्रि. ) चाल की रुकावट । खोटि, ( स्त्री. ) चतुर स्त्री | बुद्धिमती । और खचरी स्त्री । खोड़, (क्रि..) लंगड़ा | लूला | खंज | खारः खोर, (क्रि. ) चाल की रुकावट | चाल का टूटना। ख्यात, (त्रि.) जाहिरात प्रसिद्धि वाला । मशहूर । कथित । कहा गया । ख्या, (क्रि. ) कहना | ख्याति, ( स्त्री. ) स्तुति । प्रशंसा | तारीफ | मशहूरी कहना | ख्यापक, (त्रि. ) प्रकाश करने वाला । प्रसिद्ध करने वाला । खातम्, (न. ) पुष्करिणी । तलैया | गड्ढा | खातकः, (पुं.) क़र्जदार । परिखा | खाँई । खात्रं, (न.) खन्ती । फरुहा । कुदार । ज़मीन खोदने के शस्त्र । खातभूः, (स्त्री.) खाँई । कुँयें के समीप जल रुकने की जगह । गड्ढा । खादकः, (त्रि.) खाने वाला। भक्षक। जैसा- विक्रियैर्गोविनिमयैर्दत्त्या गोमांसखादके । व्रतं चान्द्रायणं कुर्याद्वधे साक्षाद्वधी भवेत् ॥ इति गोभिलः । खादनः, (पुं. ) दाँत । आहार । खाना । खादितः, ( त्रि.) लील जाना । निगलना । खा गया । खादिर, (पुं.) यज्ञ का खंभा । खैर का विकार | खादिरसारः, (पुं. ) खैर या खैरसार । खादुकः, (त्रि.) जीवघात की इच्छा वा श्रद्धा | खाद्य:, (त्रि.) खाने लायक चीज । खानः, ) हिंदूधर्म्म लोप करने वाले म्लेच्छजातिविशेष | खानिः, ( स्त्री. ) खान । धातु और जवाहि- रात निकलने की खान जगह को कहते हैं । खानिकम्, (. न. ) भीत में छेदने योग्य अर्थात् आला । ताख । ताखा खानोदकः, (पुं.) नारियल । श्रीफल | खापगा, (स्त्री.) गंगा नदी । खारः, ( पुं..) खारी परिमाण ।