पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१३१

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कुम्भ चतुर्वेदीकोष | १३१. कुम्भंकार, (पुं. ) जातिविशेष, जो घड़ा श्रादि बनावे अर्थात् कुम्हार । कुकुभ नामक पक्षी । कुम्भयोनि, ( पुं. ) कुम्भज | श्रगस्त्य मुनि । द्रोणाचार्य | द्रोणपुष्पी । कुम्भसम्भव, श्रगस्त्य मुनि का नाम । कुम्भदासी, ( स्त्री. ) कुटनी | कुम्भिका, (स्त्री ) छोटा बरतन | इण्डिया | वेश्या | नेत्ररोग | कुम्भिन्, ( पुं. ) हाथी । नक | मछली । एक प्रकार का विषैला कीड़ा। गुग्गुल | कुम्भिलः, ( पुं. ) चोर । श्लोकार्थ चुराने वाला । साला | गर्भमास पूर्ण होने के पहले ही उत्पन्न हुआ बालक । कुम्भी ( पुं. ) छोटा जलपात्र । मिट्टी के रसोई के बरतन । अनाज के तौलने का एक बाँट । अनेक पौधों का नाम । कुम्भधान्य, ( न. ) छः दिन के खर्च के योग्य घड़ों में संगृहीत अनाज | कुम्भीधान्यकः, ( पुं. ) गृहस्थ जो धान्य एकत्र करता है। कुम्भीनसः, (पुं. ) एक प्रकार का विषैला सर्प । कुम्भीपाकः, ( पुं. ) नरक, जहाँ तेल के तपे हुए घड़े में पकाये जाते हैं । या जहाँ कुम्हार के घड़े की तरह पापी जीव तपाये जाते हैं। कुम्भीक, पुनाग वृक्ष । गाड़ | कुम्भीरः, (पुं.) जल का जन्तु | बड़ी मछली | तेंदुआ । कुम्भीरकः, कुम्भीलः, कुम्भीलकः, (पुं. ) चोर | मगर । नक्र । कुर, (क्रि. ) शब्द करना । बजाना । कुरङ्करः, कुरङ्करः, (पुं. ) सारस | कुरङ्गः, (पुं.) हिरन, विशेष कर वह जिसका रङ्ग ताम्रवर्ण का हो । कुचिल्लः, (पुं. ) कंकड़ा । कर्कराशि । बनैले सेव । कुरटः, ( पुं. ) मोची । चमार | जूते बनाने चाला । कुल कुरण्डः, ( पुं. ) फोते बढ़ने की बीमारी । कुरर, ( पुं. ) उत्क्रोश पक्षी । चकवा | ) वर्तमान दिल्ली के समीप का देश | इस देश के राजा । पुरोहित | भात | कण्टकारिका । जम्बुद्वीप का वर्षभद्र । कुरुक्षेत्र, (न. ) पाप दूर करने वाला स्थान । वह स्थान जहाँ कौरव पाण्डवों का लोक- क्षयकारी इतिहास प्रसिद्ध हुआ था । कुरुवक, ( पुं. ) कुड़ची । पुष्पवृक्ष । कुरविस्त, (पुं. ) तौलविशेष । चार तोले सोने की तौल । कुरुटिन, ( पुं. ) एक फोड़ा | कुरुरी, ( स्त्री. ) एक प्रकार की चिड़िया | कुरुलः, ( पुं. ) चोटी । माथे पर की अलकें । कुरुवं, ( सं . ) एक प्रकार की नारङ्गी । कुरुविन्दः, ( पुं. ) लाल, काला नमक | दर्पण | कुरुवृद्ध, (पुं. ) भीष्म पितामह । कौरवों में बूढ़े । . कुरूप्य, (न. ) राँगा धातु । कुर्परः, ( पुं. ) घुटना । कोहनी । कुर्थास, (पुं. ) चोली | कंचुकी । कुर्वत्, (त्रि. ) काम करने वाला। नौकर | कुल, ( न. ) वंश | घराना | देश । समूह | कुलक, ( न. ) समूह | ऐसे दो तीन चार श्लोकों का समूह जो एक में मिले हुए हों । कुलकुण्डलिनी, (स्त्री.) तान्त्रिकों की उपास्य शक्ति । शिवशक्ति विशेष | कुलन, (नि.) कुल को नाश करने वाला । वर्णसंकर । कुलज, (त्रि.) खानदानी । अच्छे घराने का। कुलीन । कुलञ्जन, ( पुं.) वृक्षविशेष | कुलटा, (बी.) बदचलन औरत । घर घर घूमने वाली । कुलत्थ, (पुं. ) कुल्था नाम से प्रसिद्ध ग्रन विशेष |