पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१०८

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कक्षो चतुर्वेदीकोष | १०८. पाप । वर्म। घर की दीवार । काँच निकलने कश्चित् (अन्य ) हर्ष । मङ्गल । "इष्ट का रोग तड़ागी तह | परत कक्षोत्था, (स्त्री.) नागरमोथा। कक्ष्या, (स्त्री.) हाथी बाँधने का चमड़े का रस्सा | राजप्रासाद का बड़ा कमरा । बरावरी । साहस। ( स्त्री. ) उत्तरीय वस्त्र | ऊपर का कपड़ा । तराजू | कगू, (क्रि. ) क्रिया करना । चलना । कङ्क, (पुं.) काक नामक एक पक्षी, इसी पक्षी के परों से वार्यों के पुल बनाये जाते है । युधिष्ठिर का वह नाम जो उन्होंने विराटनगर में पहुँचने पर स्वयं रखा था । कङ्कट, ( पुं. ) कवच | वर्म्म । कङ्कण, (न.) विवाह के समय स्त्री पुरुप दोनों के हाथ में बाँधा जाने वाला सात गाँठो का सूत्र करभूषण। हाथ का भूषग्य । ककना । ककनी । कङ्कत, (न. ) कंधी | बालों को साफ करने F वाली । कङ्कतिका, ( स्त्री. ) नागवला | कंषी । कङ्कती, ( स्त्री. ) कंघी कङ्कपत्र, (पुं. ) तीर । बागण । कङ्कमुख, (पुं. ) सडांसी। सड़सी कपक्षी के मुख जैसा । कङ्काल ( पं. ) हड्डियों का पिचर । खखड़ी । कङ्कालमालिन्, ( पुं. ) अस्थिपञ्जर की माला वाला इन्द्र | रुद्र | कङ्कु, ( पुं. ) कगुनी - एक प्रकार का अनाज । (क्रि. ) शब्द करना | बाँधना वैर करना । कन् बाल । बृहस्पति का पुत्र । सूखा धाव । मेघ । बादल हथिनी । कच, सजावट। कन्चु ( स्त्री. ) कन्चूर | हल्दी । कञ्चर, (त्रि. ) मलिन | मैला । छाछ । कट प्रश्न । कच्छ (पुं.) स्थान जहाँ पानी ही पानी हो । तट खाल कछवा । पुनागद्रम | केसर का पेड़ । काछनी । कच्छप, (पुं. ) कू । कछवा | कुबेर का धनागार | मदिरा निकालने की कला | वृक्षविशेष । मल्लयुद्ध | ● कच्छुर, (त्रि. ) लम्पट । व्यभिचारी | व्यभिचारिणी स्त्री | कज, (न. ) कमल । पद्म कज्जल, (न. ) अञ्जन | काजल । बादल मच्छी विशेष । कजलरोचक, ( पुं. ) डीवट | दीपक की बैठक कल को चमकाने वाला कञ्चक, (पुं.) लोहे का केली 'चोली । यि कुर्ता | कञ्चुकिन्, (पुं. ) ड्योढ़ीदार | दरबान साँप जार। जौ वर्म्मधारी । रनवास- रक्षक । चणक नामक मुनि । अङ्गरखा पहरने वाला । कञ्जक, (पुं. ) मैना । कोयल | कञ्जार, (पुं. ) सूर्य | ब्रह्मा । उदर | पेट | कट, (कि. ) जाना । बरसना | हस्तिगण्ड- स्थल | बहुत । कांल । चटाई | मुर्दे की रथी | तख्ता । औषध मरघटा। कमर । कमर का मांस | कटक, (सी.) सेना | पर्वत का मध्यभाग | जोशन। हाथीदाँत । पहिया । राजधानी | समुद्र का नमक | वृत्त । भूमि | कटङ्कट, (पुं. ) शिवजी का नाम कटपूतन, ( सं . ) राक्षसविशेष | कटप्रू, (पुं.) महादेव । विद्याधर । मायावी राक्षस । पाँसा खेलने वाला । कीड़ा । जुवारी । कटभङ्ग, (पुं. ) सेना के हारने राजा का नाश। हाथ से धान को निकांना | +