पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१०६

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श्रेष चतुर्वेदीकोष । २०६ शोषधिप्रस्थ, (पुं. न. ) हिमालय । औषम् (अव्य. ) शीघ्रता से । श्रोष्ठ (पुं.) होठ दाँतों का परदा । ओष्ठी ( स्त्री. ) विम्बफल नामी वृक्ष | तेला- कुचा । कुँदुरू | गोष्ठ्य (पुं. ) अक्षर जिनका उच्चारण होठों की सहायता से होता है । ओष्ठपमफला, ( स्त्री. ) बिम्ब की लता | केंटुरू की बेल । औ श्री देवनागरी वर्णमाला का चौदहयों प्रक्षर । श्रीक्ष, (न. ) नृपसमूह | बैलों की है । बैलसम्बन्धी । औख्य (त्रि. ) बटलोई या तसले में रींधी हुई वस्तु । श्री (न. ) उग्रता | तीव्रता | श्रौघ, (पुं.) जल की बाद श्रौचि ती श्रौचित्य, ( स्त्री. न. ) न्यायल | सत्यत्व | योग्यता | श्रौञ्चैःअवस, ( पु. ) इन्द्र के घोड़े का नाम । औौज्ज्वल्य, ( न.) चमक | उजलापन | श्रौडम्बर, (पुं. ) चतुर्दश यमों में से एक अंकार का यम । कुष्ठरोगभेद गूलर का । ताँबे का । मृत्यु का देवता । औड़व, (त्रि. ) नक्षत्रसम्बन्धी तारों का |

श्रौत्कराठ्य, ( पुं. ) उत्कण्ठा । इच्छा |

खेद | श्रौत्तानपादी, ( पं. ) उत्तानपाद राजा की सन्तति । ध्रुव नामी राजा । न हिलने वाला तारा ध्रुवतारा श्रौप्तमि, ( पु. ) तीसरे मनु का नाम । उत्तम का पुत्र | श्रीपतिक, ( पुं. ) प्राकृतिक । प्रकृति - सम्बन्धी । औपातिक, (पु.) साधारण विशेष | औत्सर्गिक, (कि. ) सामान्य विधि के योग्य। और प्राकृतिक त्याज्य स्वाभाविक छोड़ने योग्य | श्रौत्सुक्य, ( न. ), उत्कण्ठा । इच्छा | अभिलाषा | औदक, (न. ) जलोद्भव । जल में उत्पद्म होने वाला । श्रौदनिक, ( त्रि. ) रसोइया जो भात ता है श्रीरिक, (पुं. ) खाऊ । पेटू । केवल पेट भरने की चिन्ता वाला । श्रौदार्य, (न. ) उदारता | महत्त्व | बड़प्पन | श्रौदासीन्य, ( न. ) उपेक्षा । उदासीनता । श्रीदास्य, (न. ) वैराग्य । विरक्ति | मन न लगना । श्रीदुश्वर, (पुं.) गूलर की लकड़ी का बना हुआ श्रौद्धत्य, (न. ) उद्दण्डता । श्रविनीतत्व । श्रौद्धाटिक, (न. ) विवाह के समय मिली हुई वस्तु । श्रौपचारिक, (पुं. ) उपचारसम्बन्धी । औपच, (न. ) झूठा सिद्धान्त। श्रौषधिक, (पुं. ) धोखा | छल । प्रपत्र | औपनिषद, ( पं. ) उपनिषदों द्वारा ही जानने योग्य | | श्रौपनीविक, (त्रि.) धोती की गाँठ के पास की लगा हुआ । श्रीपस्य, (न. ) सादृश्य समानता । औपथिक, (त्रि. ) उपाय से प्राप्त । ठीक । न्याय से प्राप्त वस्तु | श्रौपवस्तक, (पुं.न.) आरम्भिक । आरम्भ का | श्रौपवाह्य, (न.) सवारी के योग्य | श्रौपसर्गिक, ( पुं. ) वात श्रादि सक्षिपात से उत्पन्न रोग | श्रीगहारिक, (पुं. ) भेंट या पुरस्कार सम्बन्धी | श्रौपाकरण, ( न. ) वेदाध्ययन का आरम्भ | श्रौरभ्र, (न.) कम्बल, ऊन का बना । औरभ्रक, (न.) भेड़ों का झुण्ड । औौरस (पुं. ) ब्याही हुई स्त्री के गर्भ से उत्पन्न सन्तान । सच्चा पुत्र |