पृष्ठम्:काव्यमाला (चतुर्थो गुच्छकः).pdf/१९२

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८८ काव्यमाला ।

प्रन्ससलाबालागरमाला- वल्यासवारामगणराए गया जिसम्भासुबडासनाद- "याः पिट बामेछापहम् .. . जाना बना रद - Rator गत नवा वाहमा उभय पददमपहनहारेषा काम कम्पपात हात देशबात देशवह मानो में गन्नाहा गजर नहतुक महन्त र मारसमस्कएकलकत्तापल्या - से इस मास मेपर डाग 1 . हा मानल्या मनमानी कर उरलाना रिसा यार ! ति यारत्यपरत मा समान संगणकाला मार परत दहा । 2. If पार गमता र स्वावर मात मारो सानजष्णाम: पर जानले जाकपुनकोaane मणाईन वन्यजनेमामाभाषामहे मुनि ! अस्मिता- ज्ञा पुला की मरमटायच्छ का असर