व्यसग्रन्थमाला । [ लेखक-परिडत अम्बिकादत्तव्यासजी ! , इसमें श्री व्यासजीकृत तथा अन्य अच्छे २ लेखकों के लिखे हुये ग्रन्थ प्रकाशित हुआ करते हैं। बहुत दिनों से लोग इसके लिये चातक की भांति वाट जोह रहते थे पर अब यह सामने उपस्थित है । वर्ष के १२ अंको का मूल्य ३) मात्र-अवसर हाथ से न जाने दीदिये। वीराचरित्रमाला । । खिओं तथा बालिकाओं के लिये यह अपूर्व बस्तु है। इसमें स्त्रियों का आत्मसमर्पण, वीरता, थरता और लिनकी आश्चर्य जनक घटनाओं से पूर्ण चरित्र रहा करते हैं। प्रति अंक ) वार्षिक १) | शतरंज के शौकीनो । आइये !! | आपके लिये शतरंज की किताबें मौजूद हैं। शतरंज*तुरी ॥) शरीरश्र्जशिक्षक १ला भाग <! शतरञ्ज की गोदिअरं →)॥, '}} . J, T९) মিধান Dl, j j uij j) सबों के मंगाने का पता ቌ व्यासकम्पनी-१४ मानमन्दिर-काशीj Printed by S.D. Bajpeyi at B.J.P. for Publisher. . . . .
पृष्ठम्:कथाकुसुमम् (अम्बिकादत्तव्यासः).pdf/120
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