सावर ( ३२१ साहस यह व्रत वे स्त्रियाँ रखती हैं, जो अपने पति की दीर्घायु की कामना रखने वाली होती हैं। यह व्रन ज्येप्र कृष्ई १४ को रखा जाता है। इस व्रत की रखने वाली खियाँ विधवा नहीं होनीं । सावरण ( वि० ) 1 गुह्य | गोल | छिपा हुआ | २ ढका हुआ। मुंदा हुआ। बंद | सावर्ण (वि० ) [स्त्री० - सावर्णी] एक ही रंग, नस्ल ! साविष्कार ( वि० ) १ अभिमानी । क्रोधी : २ प्रादुर्भूत या जाति का। एक ही रंग, नस्ल या जाति से सम्बन्ध रखने वाला साशंस ( वि० ) आशावान | कामना से पूर्ण | साव: ( पु० ) आठवें मनु जो सूर्य के पुत्र थे। सावरायै ( न० ) १ रंग की समानता । इकरंगापन | साशक } (वि० ) अयमीत । ढरा हुआ । २ श्रेणी या जाति की एकरूपता । ३ सावर्णिमनु साशयंदकः } (९० ) छुपकली । बिसनुड्या | का मन्वन्तर | सावर: ( पु० ) १ अपराध | जुर्म | २ पाप | गुनाह | दुष्टुता । ३ लोध्र का पेड़ ) सावलेप (वि० ) अभिमानी। अकड़बाज़ | धमंडी । साशूकः ( पु० ) कंचल । सावलेयं ( अव्यया० ) अभिमान से। क्रोध से | चकड़- साइचर्य ( वि० ) १ अद्भुत विलक्षण । २ आश्चर्य- चकित बाज़ी से । सावशेष (वि० ) १ वह जिसमें कुछ शेष हो । अव शिष्ट | २ अपूर्ण अधूरा सावंभ ( वि० ) हृढ़ता से मजबूती से | सोरसाइ हिम्मत के साथ । सावहेल ( वि० ) घृण्य | निन्द्य | तिरस्करणीय | सावहेलं (अव्यया० ) घृणा के साथ | तिरस्कार के साथ | साविका ( स्त्री० ) दाई । सास (वि०) धनुर्धारी । सावित्र (वि०) [स्त्री० - सावित्री] १ सूर्य सम्बन्धी सासुलु (वि० ) तीरों वाला । २ सूर्यवंशी । ३ गायत्री सहित । सासूय (वि० ) डाही । ईर्ष्यालु | साथ ) ( वि० ) १ कोण वाला। जिसमें कोण हों । सात्र ) २ रोता हुआ। आँखों में आँसू भरे हुए। साधुवी (स्त्री० ) सास । पत्नी अथवा पति की माता । सावित्री (स्त्री० ) १ किरण । २ ऋग्वेद का स्वनाम- ख्यात मंत्र विशेष गायत्री मंत्र | ३ यज्ञोपवीत संस्कार । ४ ब्राह्मणी | ५ पार्वती । ६ कश्यप की एक पत्नी का नाम ७ साल्व देशाधिपति सत्यवान की पत्नी का नाम । -पतितः, - परिभ्रष्टः ( पु० ) ब्राह्मण, क्षत्रिय, और वैश्य वर्ण का वह पुरुष, जिसका उपनयन संस्कार निर्दिष्ट समय पर न हुआ हो। चास्य । -घतं, (न० ) व्रत विशेष | साष्टांगम् ) ( न० ) अष्टाङ्ग प्रणाम | [ अष्टाङ्ग ये साष्टाङ्ग ) हैं :- मस्तक, हाथ, पैर, छाती, आँख, जाँव, वचन और मन | इन सहित भूमि पर लेट कर प्रणाम करना । ] सावित्रं ( न० ) यज्ञसूत्र | यज्ञोपवीत | सास्ना (स्त्री० ) गौ आदि का गलकंबल | सावित्रः ( पु० ) १ सूर्य । २ गर्भ । गर्भ की किल्ली । | साहचर्य ( न० ) सहचारता | सहवर्तित्व । ३ ब्राह्मण ४ शिव । ५ कर्ण । साहन ( न० ) सहनशीलता । सहिष्णुता । साहसं ( न० ) १ ज़बरदस्ती बरजोरी लुटना | २ कोई बुरा काम जैसे लूटपाट, बलात्कार आदि। ३ बेरहमी। नृशंसता ४ हिम्मत जुर्रत । १ बेसमझे बुके काम कर बैठना ६ सज़ा दण्ड । जुर्माना अर्थदण्ड। -- प्रङ्कः, (पु० ) विक्रमा- दित्य का नामान्तर । - अध्यवसायिन् (वि० ) बेसम बूके सहसा हड़बड़ी में काम कर बैठने चाला । -ऐकरसिक, (वि० ) सुंखार स० श० कौ० ११६
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९२७
दिखावट