ला लोण (धा०प०) ~ [श्लोणत] ढेर करना | एक करना जमा करना | लोण ( पु० ) लंगड़ा। लूला । एवं ( }( ( घा० श्रा० ) [ श्वङ्कते ] चलना | जाना । ८६४ ) श्वच ) (धा० आ० ) [ श्वचते, -शवंचते ] १ श्वंच जाना | चलना । २ फटना दरार होना । श्वज (घा० श्रा० ) [ श्वजते ] जाना | चलना । श्वठ् ( घा० उ० ) [ श्वठयति-श्वव्यते ] श्वा ठयति- श्वाठयते ] ६ जाना | चलना | २ सजाना ३ समाप्त करना पूरा करना श्वहरू } ( था० उ० ) [ श्वंठयति ] बुराई करना । ) एकव० द्विवच० बहुवच श्वभ्रं (न०) सूराख | दरार सन्धि । इचयः (पु०) सूजन | वृद्धि । श्वयः ( पु० ) सूजन श्वादत, श्वादन्तः श्वयीची (स्त्री०) बीमारी। रोग श्वत् (धा०प०) [श्वलति] दौड़ना चलना। इवल्क् (घा० उ०) [श्वल्कयति, श्वल्कयते] कहना। दर्शन करना | श्वल्लू (धा०प०) [इवल्लति] दौड़ना । । श्वशुरः (पु०) ससुर । पत्नी या पसि का पिता । श्वशुरकः (पु०) ससुर श्वशुर्थः (पु०) साला । पत्नी या पति का भाई । २ देवर। पति का छोटा भाई ।
श्वस् (धा०प०) [श्वसिति, स्वस्त या श्वसित ] स्वाँस लेना साँस खींचना २ उसाँस लेना । आह भरना। ठंडी साँस लेना। सुसकारी भरना । खुर्राटा लेना। श्वस (अव्यय० ) १ कल ( जो आने वाला है ) | भविष्यद् | भूत, (वि०) [- श्वोभूत] कल होने पर । -वसीय, वसीयस, (= श्वोवसीय, = श्वोक्सीयस्) शुभ | भाग्यवान् । ( न०) प्रसन्नता सौभाग्य – श्रेयस (= इवःश्रेयस) आनन्दित समृद्धवान । -श्रेयसं, (न०) १ हप | समृद्धि | २ ब्रह्म । श्यन् ( पु० ) [ [कर्त्ता-श्वा, श्वानौ, श्वानः ] कुत्ता । कूकुर (क्रीडिन् (पु० ) शिकारी कुत्तों को पालनेवाला -गणः, ( पु० ) शिकारी कुत्तों का कुंड -गणिकः, ( पु० ) शिकारी । २ कुत्तों को खिलाने वाला । धूर्तः, ( पु० ) शृगाल /-नरः, ( पु० ) कठोर बातें कहने वाला । - निशं, (न०) निशा, (स्खी) वह रात जब कुत्ते भोंके ।—पच्, ‘पु०)- पचः (पु०) | श्वसनं (न०) १ २ ठंडी चाण्डाल | पतित जाति का आदमी । २ कुत्ते साँस /- अशन: ( पु०) साँप / ईश्वरः (पु०) अर्जुन वृक्ष-उत्सुकः (पु०) सौंप 1-ऊर्मि, (स्त्री०) हवा का झोंका नाम का माँस खाने वाला ।-पाकः, (पु०) चाण्डाल ! -- फलं, (न०) नीबू या जंभीरी फल्कः, (५०) अक्रूर के पिता का - भीरुः, ( पु० ) स्यार । शृगाल यूयं (न०) कुत्तों का मुण्ड 1-वृत्तिः, ( स्त्री० ) सेवा वृत्ति । - व्याघ्रः, ( पु०)शिकारी जानवर | २ चीता ३ थघर्रा । —हनु, (पु०) शिकारी । श्वभ्रू (धा० उ० ) [श्चभ्रयति-श्वभ्रयते] १ चलना। हुए। श्वसितं (न०) १ साँस उसाँस । २ ग्रह | श्वस्तन ) (वि०) [स्त्री० – श्वस्तनी] आने वाले कल जाना । २ घुसेड़ना । छेद करना | ३ दरिद्रता | श्वस्त्य ) से सम्बन्ध युक्त भविष्य श्वाकर्ण: (पु०) कुते के कान | में रहना । श्वसनः (पु०) १ हवा | पवन | २ एक दैत्य का नाम जिसका वध इन्द्र ने किया था। श्वसित (व० कृ०) आह लिए हुए। ठंडी सांस आहे श्वामिकः ( पु०) वह जो कुरो पालकर atarr निर्वाह करें। श्वासः । श्वान्तः ) कुत्ते का दाँत ।