गौड | शौड़ (धा०प० ) (शौनि) देखो ड (वि० ) [ शैयडी ] शराबी सद्यप शौण्ड) २ नशे में चूर उत्तेजित : २ निपुण पटु ( पु० ) कलवार। शराब बेचने वाला। शैडिकः शोण्डिक डिन् शौण्डिन् शांडिकेयः डिकेयः ) ( पु० ) वैश्य दानव | झाँडी शौण्डी) (स्त्री० बड़ी पीपल गैंडर) (वि० ) अभिमानी। क्रोधी १२ उठा गौण्डीर) हुआ। उन्नत शौद्धांदगिः (पु० ) का नाम अर्थात शुद्धोदन ( sk७ ) हो 1 शीनं ( न० ) कसाईखाने में रखा हुआ माँस । शौनकः (पु०) एक प्राचीन वैदिक थाचार्य और ऋषि जो सुनक ऋषि के पुत्र थे। इनके नाम से : कई ग्रन्थ प्रसिद्ध हैं। 1 शौनिकः ( पु० ) कसाई | वृचड़ | २ यद्देलिया । चिड़ीमार | ३ शिकार आखेट जाभः (पु०) ईश्वर देवी । २ सुपाड़ो का पृष शौरिः का पुत्र युत् देखो च्युत् औद्र (वि० ) [ खो०- शौ] शुद्ध सम्बन्धी शौः ( पु० ) शूदा का पुत्र जो शुद्ध मिस किसी (०२०) [येतत] टपकता | बहता २ गिरना। जाति के पुरुष से पैदा हुआ। शौभांजन: ( पु० ) एक वृद्ध का नाम । भिकः ( पु० ) मदारी ऐन्द्रजालिक जादूगर शौरसेनी ( श्री० ) प्राचीन काल की एक प्रसिद्ध प्राकृत भाषा जो शारसेन प्रदेश में बोली जाती थी।
- ( पु० ) : श्रीकृष्ण या विष्णु | २ बलराम |
३ शनिमह । मील क) ( ० ) ताँबे के बरतन आदि बनाने शैविकः बाला कसेरा शौर्य (न० ) १ शूरता वीरता पराक्रम २ बल ताकत | ३ आरभटी। शाल्किकः } { इ० ) चुंगी विभाग का दरोगा । 1 आव (दि० ) [ खी० - शौवां ] कुत्ता सम्बन्धी | शौयं (२०) १ फुनों का दल २ कुते जैसी प्रकृति शोवन वि० ) [ स्त्री० - जीवनी ] कुत्ता सम्बन्धी २ कुतों जैसे गुणों वाला। E की प्रकृति कृतं की शौचनं ( २० ) भलाद्र । शौनिक ( वि० ) [ स्त्री० --शवस्तिकी ] आने वाले कल का या कल तक रहने वाला। शैकलं (न० ) खुश्क गोरल का मूल्य । शौय्कलः (पु० ) गोश्त बेचने वाला २ गोश्त खोर | इण्यातः ( पु० ) श्चोत: ( पु० ) श्वातनं ( म०] ) श्च्यातनं (न० ) ) टपकना चूना बहाव श्मशानं ( न० ) मसान कवरगाह । श्रभिः ( पु० ) मसान की धाग। -श्रालयः ( पु० ) रमशान घाट --गोचर, (वि० ) रमशान पर रहने वाला । - निवासिन्, - वतिन्, ( पु० ) भूत प्रेत -भाजू. ( पु० ) वासिन्, -
- पु० ) शिव । - वेश्मन् (पु० ) १ शिव ।
२ भूत प्रेत 1-वैराग्ध, ( न० ) इणिक, वैराग्य ( जो श्मशान देखने से उत्पन्न होता है। -शूलं, (न०) ~ शूल: ( पु० ) श्मशान घाट पर लगी हुई सूली /~-साधनं ( न० ) भूत प्रेस को वश में करने के लिये श्मशान जगाना | मश्रु (न० ) मंछ | दादी-प्रवृद्धिः, ( पु० ) डाड़ी की बाढ़ -मुखी, ( स्त्री० ) वह स्त्री जिसके डाढ़ी हो।-वर्धकः, ( पु० ) नाई। श्मश्रुज (चि० ) डाड़ी याला । श्मीलू (चा० प० ) [ श्मीजनि ] आँख मटकाना । आँख मारना । सं० श० को २०८