शारी श्रादि बाजों के बजाने का राज | ३ शतरंज खेलने की क्रिया | ४ शतरंज का मोहरा या उसकी गोठ या गोटी। ( ८३८ ) री ( स्त्री० ) पक्षी विशेष । रीर ( वि० ) [ स्त्री०-शारीरी ] शरीर सम्बन्धी | | दैहिक | कायिक | २ शरीर धारी। मूर्तिमान | रीरः ( पु० ) १ जीवात्मा | २ साँद | वृष | ३ एक प्रकार का अर्थ | रीरक (वि०) [स्त्री०-शारीरकी] शरीरसम्बन्धी । रीरकं ( न० ) १ शरीरधारी जीवात्मा । २ जीव के स्वरूप ज्ञान की खोज या जिज्ञासा । —सूत्रं, (न०) वेदान्त के दार्शनिक विचार। वेदव्यासजी के बनाये हुए वेदान्त सूत्र | रिक (वि० ) [ स्त्री०- शारीरिकी ] शरीर सम्बन्धी । दैहिक । कायिक । गार्थिव । रुक (वि० ) [ स्त्री० - शारुकी ] अनिष्टकर | हानिकारी कष्टदायी। क. (पु० ) शर्करापिण्ड । मिश्री। कंद । कर (वि० ) [स्त्री० - शार्करी ] हुई । २ पथरीली । कँकरीली चीनी की बनी कर: ( पु० ) कँकरीली जगह । २ दूध का फेना । ३ मलाई । ( वि० ) ९ सींग का बना हुआ। सींगदार । धनुषधारी धनुर्धर । डुः (पु०) ( न० ) गृ: (पु० ) ) १ धनुष | २ विष्णु भगवान के धनुष का नाम - धन्वन्, ( पु० ) - धरः, पाणि, भृत्, (पु० ) विष्णु भगवान् के नामान्तर । (न०) } ( पु० ) १ धनुर्धारी। २ विष्णु। शाति शार्षर (वि०) [ स्त्री०- शार्वरी ] १ नैशिक । रात्रि- कालीन । २ उत्पाती। उपद्रवी । शार्वरं (न० ) अंधियारी। अन्धकार । शार्वरी (स्त्री० ) रात्रि । रात । निशा । शालू ( धा० चा० ) [ शालते ] प्रशंसा करना । चापलूसी करना । २ चमकना । ३ सम्पन्न होना । ४ कहना | लः ( पु०) १ व्याघ्र | चीता | २ बघर्रा | जकड़ बग्घा ३ राक्षस | दैत्य | दानव ४ पक्षी विशेष ५ समासान्त शब्दों में पीछे धाने पर इसका अर्थ होता है :- सर्वश्रेष्ठ उत्तम प्रसिद्ध पुरुष - चर्मन्, (न० ) चीते की छाल । — विक्रीडितं ( न० ) १ चीते की क्रीड़ा । २ उन्नीस अक्षरों के पादवाला एक छन्द विशेष शालः ( पु० ) : शालनामक पेड़ | २ वृक्ष | ३ हाता । घेरा ४ मछली विशेष ५ शालिवाहन राजा का नाम -ग्रामः, ( पु० ) विष्णु भगवान की एक प्रकार की मूर्त्ति जो गंडकी नदी में पाई जाती है। - निर्यासः, ( पु० ) शालवृक्ष का गोंद -- भञ्जिका, ( स्त्री० ) गुड़िया पुतली | पुतला २ रंडी । वेश्या । – भञ्जी, (स्त्री० ) गुड़िया पुतली । --चेः, ( पु० ) सालवृक्ष का गोंद।- सारः, ( पु० ) १ उत्कृष्टतर वृक्ष | २ हींग | शालवः ( पु० ) लोध वृक्ष । शाला ( स्त्री०) १ कमरा । कोठा। बड़ा घर । मकान | ३ वृक्ष की ऊपर की वृक्ष का तना था धड़-मृगः, (पु० ) सियार शृगाल । वृकः, ( पु० ) १ भेड़िया | २ कुत्ता। ३ हिरन । ४ विल्ली। ५ शृगाल । गीदड़ ६ बंदर। कमरा । २ डाली । ४ शालाकः ( पु० ) पाणिनि का नाम । शालाकिन् ( पु० ) १ भालाधारी | २ जरोह । हज्जाम । नापित। नाई । शालातुरीयः (पु०) पाणिनि का नाम । [ "शालातुर" पाणिनि के जन्मस्थान का नाम है ] शालारं ( न० ) : जीना । सीढ़ियां | २ पक्षी का पिंजड़ा | शालिः (पु० ) 1 चाँवल । २ ऊदबिलाव। -श्रोदनः, ( पु० ) -श्रोदनं, ( न० ) भात | - गोपी, ( स्त्री० ) वह स्त्री जो धान के खेत की रखवाली के लिये नियुक्त की गयी हो।- पिटं, (न० ) बिल्लौर पत्थर स्फटिक - वाहनः, ( पु० ) शक जाति का एक प्रसिद्ध राजा |
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८४५
दिखावट