क्यासिकः वैयासिकः ( पु० ) व्यासपुत्र | वैरं ( न० ) १ शत्रुता । विरोध । २ प्रतिहिंसा । यदला श्रातंकः ( पु० ) अर्जुन का पेड़ | वैरक्तं ) ( न० ) 1 वासना शून्यता २ अरुचि वैरक्त्यं । घृणा | ( ८१० ) वैरंगिकः } ( पु० ) क्वितेन्द्रियजन : संन्यासी । वैरव्यं (न०) 1 विरलता | २ ढीलापन | ३ सूच्यता । वैरागं देखो वैराग्यं । वैराग्यं ( न० ) १ सांसारिक पदार्थों में अनासक्ति | अथवा उनसे विरक्ति | २ असन्तोष | अप्रसन्नता || ३ घृणा प्ररूचि ४ रंज। शोक | वैराज (वि० ) [ स्त्री० --बैराजी] ब्राह्मण सम्बन्धी वैराट (वि० ) [ स्त्री० - बैराठी] विराट सम्बन्धी | वैराट: ( पु० ) इन्द्रगोप नामक कीट वीर बहूटी। वैरिन् (वि० ) विरोधात्मक 1 चैरिन (पु० ) शत्रु | बैरी । रूप्यं ( न० ) १ कुरूपता बदशकपना | २ रूपों की विभिन्नता । वैरोचनः बैरोचनिः वैरोचिः ( पु० ) विरोचन के पुत्र दैत्यराज बलि की उपाधियों । वैलक्षज्यं ( न० ) १ विचित्रता | २ विरोध | ३ विभिनता । वैश्वणः वैवस्वती (खो०) दक्षिण दिशा | २ यमुना नदी का नाम । वैजयं ( न० ) १ गड़बड़ी] २ अप्राकृतिस्त्र । ३ लज्जा शर्म ४ वैपरीत्व । वैवाहिक ( वि० ) [ की - वैवाहिकी ] विवाह सम्बन्धी । वैवाहिक: ( पु० } } विवाह । परिणय | शादी | । वैवाहिकं (न० ) वैवाहिकः ( पु० ) वधू का पिता या दामाद का पिता ससुर । 2 वैशधं ( न० ) १ स्वच्छ निर्मलता २ सफाई | ३ उज्ज्वलता । ४ स्वस्थता । शान्ति ( मन की ) । वैशसं (न० ) १ नाश | वध | कसाईपन | २ उत्पीड़न । अत्याचार कष्ट पीड़ा तकलीफ | } वैशस्त्र (न०) १रकता | २ हुकूमत | शासनतंत्र वैशाखं ( न० ) शिकार करने के समय का एक पैसरा |
- वैशाखः ( पु० ) दूसरे मास का नाम | २ मन्थम
1 दण्ड | मथानी । वैशाखी ( स्त्रो० ) वैशाख मास की पूर्णमासी । वैशिक ( वि० ) वेश्याथों द्वारा अनुष्ठित । वैशिकं ( न० ) रंडीपना । वेश्यापन | वेश्याओं का शिकः ( पु० ) साहित्य में सोन प्रकार के नायकों में से एक, जो वेश्याओं के साथ भांग दिलास करता हो। वेश्यागामी वैशिष्ट्यं ( न० ) १ मेद | पहचान | २ विलक्षणता । विशेषता | ३ उत्तमता विशिष्ट लक्षण सम्पन्नता वैशेषिक (वि०) [ श्री-वैशेषिकी ] १ विशिष्टता वैशेषिक दर्शन सम्बन्धी वैलोभ्यं ( न० ) वैपरीत्व | उल्टापन | वैवधिकः ( पु० ) १ फेरीवाला। घूम घूम कर माल ! वैशेषिकं ( न० ) छः दर्शनों में से एक । इसके आचार्य कयाद हैं। बेचने वाला । २ बहँगी उठाने वाला। वैवराय ( न० ) १ रंग बदलीअल | पीलापन । २ भिनवा | ३ जातिअंशव ! वैवस्वतं ( न० ) वैवस्वत मनु का वर्तमान सम्वन्दर | | वैवस्वतः ( पु० ) : सातवें मनु का नाम | आज कल का मन्वन्तर इन्हीं मनु का माना जाता है। २ यमराज १३ शनिग्रह | j वैशेष्यं ( न० ) उत्तमता । मुख्यता । वैश्यः (पु०) तृतीय वर्ण का मनुष्य । –कर्मन, (न०) -वृत्तिः, (स्त्री० ) वैश्य वर्ण के कर्म । वैश्रवण (पु० ) १ कुबेर का नाम । २ राज्य का नाम |-अलियः, यावामः, ( पु० ) ३ कुत्रेर