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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७४१

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सत्सक. और जिसी राजी का नाम कौशांबी था- यी (स्टी० ) एक प्रकार की ककड़ी की जाति का फल । कलींदा। तरबूज-अनः (पु० ) भेदिया ।—काम, ( वि० ) बच्चों का अनुरागी | - नामः, ( पु० ) १ वृक्ष विशेष | २ घनाभ नामक विष जो मीठा होता है ! - पालः, (पु० ) श्रीकृष्ण या बलराम /-शाला ( सी० ) गौशाला । ( ७३४ ) वत्सकः (५०) १ छोटा बढ़वा। बड़ा । २ वच्चा ३ कुटज का पौधा । वत्सकं (न०) १ पुष्पकलीस | २ कुटज | ३ इन्द्रजैौ । ४ निर्गुण्डी । वत्सतरः ( पु०) जवान बड़वा जो जोता न गया हो। वत्सतरी ( जी० ) वह बछिया जिसकी उम्र ३ वर्ष की हो । कलोर । वत्सरः ( पु० ) १ वर्ष । २ विष्णु का नाम - अन्तकः ( पु० ) फागुन मास ऋणं, (न०) वह कज़ जिसका चुकाना वर्ष के अन्त में आवश्यक हो । वत्सल ( वि० ) पुत्र या सन्तान के प्रति पूर्ण स्नेह युक्त । बच्चे के प्रेम से भरा हुआ है। वत्सलः ( पु० ) फँस की घास। वत्सलं (न० ) स्नेह । अनुराग वत्सला ( श्री० ) वह गाय जिसका अपने बच्चे पर पूर्ण अनुराग हो । JELE वधुः, वधुका वदनं ( न० ) १ चेहरा | २ मुख | ३ शक्ल | सूरत । रूप ४ सामना अगला भाग ५ प्रथम संख्या ( किसी माला का ) - प्रासवः, ( पु० ) थूक । वदन्ती (स्त्रो० ) वाणी । वक्तृता | संवाद । वदन्य ( किं० ) देखो “वदान्य”, । वदरः ( पु० ) देखो “बदर”, । . वदालः ( पु० ) १ भँवर २ पाठीन मत्स्य । पाठीन मछली । वदावद ( वि० ) १ वक्ता | २ गप्पी । वदान्य ( वि० ) १ तेज़ बोलने वाला | सुभाषी | २ अपनी बातचीत से दूसरे को सन्तुष्ट करने वाला । ३ उदार अतिशय दाता । वदि (अव्यया० ) कृष्णपक्ष ! वच (वि० ) १ बोलने योग्य । तिरस्कार करने के अयोग्य | २ कृष्णपक्ष। वद्यं ( न० ) भाषण | बातचीत। वधू (धा०प० ) [ वधति ] १ बध करना । वघः (पु० ) १ हत्या व २ याघात प्रहार ३ लकवा ३ घन्तर्धान क्रिया २ (अङ्कगणित में) गुणा की किया। अंतकं, (न०) विष । अर्ह ( वि० ) प्राणदण्ड पाने योग्य उपायः, ( पु० ) बध के साधन - कर्माधिकारिन्, ( पु० ) जल्लाद । बधिक । - जीविन, ( पु० ) १ व्याधा। चहेलिया । २ कसाई | बुचर 1- दण्डः, ( पु० ) १ शारीरिक दण्ड २ प्राण- दण्ड | ~भूमिः, ( स्त्री० ) स्थली, ( स्त्री० ) स्थानं, ( स० ) १ वह स्थान जहाँ प्राणदण्ड दिया जाय । २ कसाईखाना। - स्तम्भः, ( पु० ) फाँसी। चत्सिकः } ( स्त्री० ) श्रोसर या कलोर गैा । वत्सिमन् (पु० ) लड़कपन | जवानी | वत्सीयः ( पु० ) बहीर। गोपाल। ग्वाला। चद् ( धा० प० ) [ वदति ] १ बोलना | २ सूचना देना। ३ कहना। वर्णन करना। ४ निर्दिष्ट करना । ५ पुकारना । ६ बतलाना । ७ चिहाना | ८ किसी कार्य में पढ़ता प्रदर्शन करना । ३ चमकना । | वधित्रं (न०) १ कामदेव : २ मैथुन करने की इच्छा। १० परिश्रम करना । उद्योग करना । शहबस । वधकः ( पु० ) १ जल्लाद । २ घातक । हत्यारा। वधत्र ( न० ) वध करने का हथियार । षद ( बि० ) बोलने वाला | बातचीत करने वाला । | वधुः भली भाँति बोलने वाला। ) ( स्त्री० ) १ बहू । पुत्र की पत्नी । २ वधुका ) युवती श्री