सदसान, मन्दमान इन्द्र के नन्दनकानन के पाँच वृक्षों में से एक आवास, -वासिनी ( स्त्री० ) दुर्गा का नामान्तर | मंदसानः । ( पु० ) १ अग्नि । २ जीवन | आयु || मन्दसानः ) ३ निद्रा | मंदाकः मन्दाकः ) मंदाकिनी ) ( स्त्री० ) पुराणानुसार गङ्गा की यह मन्दाकिनी धार जो स्वर्ग में हैं जो ब्रह्मवैवर्त के अनुसार एक अयुत योजन लंबी है। मंदार ) ( पु० ) मरो का वृक्ष | यह भी इन्द्र के मन्दारः । नन्दनकानन के पाँच वृक्षों में से एक है। २ अर्क। मदार | ३ धतुरा | ४ स्वर्ग | ५ हाथी । मंदार ) ( पु० ) मूंगे के वृक्ष का फूल । - माला, मन्दारं ) ( स्त्री० ) मदार के फूलों का हार। - षष्ठी, ( स्त्री० ) माघशुका ६ छठ | मंदारकः मन्दारक: मंदारवः ( पु० ) धारा । नदी । मन्दारवः मंदारु > ( पु० ) मँगे का वृद्ध । मंदिमन ) ( प्र० ) १ धीमापन | दीर्घसूत्रता । २ मन्दिमन / मूदता । मूर्खता मंदिरं ) ( न० ) १ रहने का घर घर। डेरा । मन्दिरं । भवन। राजभवन | २ कस्बा | ३ शिखिर । छावनी | ४ देवालय - पशुः, (पु० ) बिल्ला । बिलार । – मणिः, ( पु० ) शिव जी का नाम । मन्दिरा }(स्त्री० ) अस्तबल। तबेला । पशुशाला । मंदुरा ) ( स्त्री० ) अश्वशाला । घुड़साल । घोड़ों मन्दुरा ) का तबेला । २ चटाई। गद्दा | मंद्र । } (वि० ) नीचा | गहरा । पोला । गम्भीर । मन्द्र ) मन्द्रः मृदङ्ग ३ मंद } (d) 12 मदर एक प्रकार का ढोल । हाथी विशेष मन्मथः ( पु० ) १ कामदेव । २ प्रेम कामुकता | ३ ( कैथा । -आनन्द:, ( पु० ) आम विशेष का चू/-आलयः; (पु० ) १. आम का पेड़ ।--- मयूर. युद्धं, ( न० ) स्त्रीसम्भोग । –लेखः, ( पु० ) प्रेमपत्र | भन्मनः ( पु० ) १ गुप्त कानाफैंसी | २ कामदेव | मन्युः (पु०) १ क्रोध | कोप | रोष । २ दुःख | शोक | सन्ताप । केश ३ दुर्दशा | कमीनापन | नीचता | ४ यज्ञ | २ अग्नि | ६ शिव । मन ( धा० पर० ) [ मभ्रति] चलना जाना । मम ( पु० ) मेरा । -कारः, ( पु० ) ममता । मैं मैंपन | स्वार्थ । ममता ( स्त्री० ) १ मेरेपन का भाव | स्वार्थ । ममत्व | अपनापन | २ अभिमान अहङ्कार | ३ व्यक्तित्व | ममत्व ( न० ) १ ममता अपनापन २ स्नेह । ३ गर्व । अभिमान । ममापताल ( पु० ) ज्ञानेन्द्रिय | मंबू ( धा० परस्मै० ) चलना । डोलना । सम्मः ( पु० ) काव्यप्रकाश के रचयिता एक विद्वान का नाम । मय (वि० ) [ स्त्री० – मयी ] तद्धित का एक प्रत्यय जो तद्रूप, विकार और प्राचुर्य के अर्थ में शब्दों से जोड़ा जाता है। मयः ( पु० ) १ दैत्य जाति के एक शिल्पी का नाम । पाण्डवों के लिये सभाभवन इसीने बनाया था। २ द्विति का पुत्र, जिसकी पुत्री मन्दोदरी रावण को ज्याही थी । ३ घोड़ा ऊँट ४ खच्चर अश्वतर । मयट: ( पु० ) घास घूँस की झोपड़ी । मयष्टकः मयुष्टकः ) ( पु० ) बनमूंग | मयुः ( पु० ) १ किन्नर | २ मृग | हिरन । - राजर, ( पु० ) कुबेर का नाम । मयूखः ( पु० ) १ किरण २ सौन्दर्य | ३ अँगारा । धूपघड़ी की कील । रिः, मयूरः ( पु० ) १ मोर २ पुष्प विशेष । ३ सूर्य- शतक के बनाने वाले कवि का नाम । ( पु० ) छिपकली । -केतुः, ( पु० ) कार्तिकेय | -प्रीवकं (ल०) तृतिया - चटकः; ( पु० )
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