मेकी मैक्षव मैझुक भेकी (स्त्री० ) मेंडकी | छोटा मैडक | - भुज् ( पु० ) भेदिरं सर्पं । साँप 1-——खः, ( पु० ) मंडक की द | म } ( स० ) इन्द्र का बज । भेडः ( पु० ) १ मेर| भेड़ | २ बेड़ा | धन्नौती | भेडू: (पु० ) मेड़ा | भेदः ( पु० ) १ भेदने की क्रिया | छेदना वेधना | विदीर्ण करना । २ दरार ॥ फटन : ६ गड़बड़ी होहल्ला बाधा ४ अलहदगी। अलगाव | ६ | भेरुंड ) ( वि० ) भयानक भयप्रद | डरावन । खौफनाक | भेरुण्ड भेरुंड भेलाई ( न० ) गर्भधारण | गर्भाधान | ( ६२२ ) भेद्यं ( न० ) संज्ञा | - लिङ्गः, (दि० ) लिङ्ग द्वार पहचाना हुआ। भेरः ( पु० ) भेरी | बड़ा होल या नगाड़ा । भेरिः A } ( खी० ) बढ़ा ढोढ या नगाड़ा। घाव । ७ दरार | झिरी सन्धि ६ चोट | अन्तर | पहिचान ८ परिवर्तन संशोधन । ६ गड़ा | अनैक्य । १ विश्वासघात | ११ धोखा १२ किस्म । जाति । १३ द्वैतता | १४ चार प्रकार की राजनीतियों में से एक, जिसके द्वारा शत्र और भेण्डः ( पु० ) पक्षी की जाति विशेष । उसके मित्रों में परस्पर झगड़ा उत्पन्न कर दिया | भेरुखडक: } ( पु० ) शृगाल | स्यार । जाता है। १५ रेचन विधि | मल को साफ कर भेदकः ( पु० ) विशेषण | मेदनं (न०) १ चीर फाड़ २ पृथकत्व | अलहद्गी अलगाव १३ पहचान ४ अनैक्य फैलाना | झगड़ा टंटा उत्पन्न करने वाला । ढिलाई । ५ प्रकटन । विश्वासघात । भेल (वि० ) १ डरपोकना । भीह | २ मूर्ख। अज्ञानी । ३ चञ्चल | ४ लंबा | ५ फुर्तीला | देने की क्रिया - उन्मुख ( वि० ) खिलने बाजा । फूटने वाला । —कर, –कृत, ( वि० ) भेलः ( पु० ) नाव । बोट । बेढ़ा । झगड़ा उत्पन्न करने वाला |-- दर्शिन, दृष्टि ) को भेलकः पु० ) मानने वाला।==-प्रत्ययः, (go ) अद्वैतवाभिम | लकं ( TO } } नाव | वोट । बेड़ा । } विश्वास रखने वाला । —— वादिन, ( पु० ) द्वैतवादी । -सह, ( वि० ) १ विभाजित या पृथक होने योग्य । २ वह जो बिगाड़ा जा सके जो प्रलोभन में फँसाया जा सके। भेदक (वि०) [ स्त्री० - भेदिका ] १ तोड़ने वाला। चीरने वाला विभाजित करने वाला अलग करने वाला । २ नाश करने वाला ३ पहचानने वाला । विवेचन करने वाला । ४ लक्षण वर्णन करने वाला । भेष ( धा० उभय० ) [ भेषति, भेषते] डरना। भय- भीत होना । भेषजं ( न० ) १ दबाई | २ इलाज । चिकित्सा | ३ सोया सौंफ अगारः आगारः, (पु० ) -गारं, आगारं, (न० ) दवाईखाना या दवाई की दूकान । - अंगं, (न० ) कोई चीज़ जो दवाई खाने के बाद ली जाय। भैक्ष (वि० ) [ स्त्री०-भैक्षी ] भिक्षा पर निर्वाह करने वाला। – प्रश्न. ( न० ) भिक्षा का अन्न । -प्राशिन् (वि० ) भिक्षा में मिले हुए अन्न को खाने वाला। (पु०) भिखारी। – आहारः, ( पु० ) भिखारी । भिक्षुक –चरणं, ( न० ) –चर्या, ( स्त्री० ) भीख माँगना जीविका, वृत्तिः, ( स्त्री० ) भिखारीपन |-- भुज् (पु० ) भिखारी | भिक्षुक चर्ये, दनः ( पु० ) शूकर | भैक्षं ( न० ) भिक्षा | भीख । -देन् (वि०) चीरने वाला । फाड़ने वाला । अलगाने भैत्तवं, } ( न० ) कई एक भिखारी 4 वाला।
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