भैक्ष्य भेदयं ( म० ) भीख | खैरात | भैम (वि० ) [ स्त्री० -- भैमी ] भीम सम्बन्धी । भैमी (स्त्री० ) १ भीम की पुत्री दमयन्ती । २ माघ- शुद्धा ११शी । ( 23 ) भैमसेनिः । भैमसेन्यः । ( पु० ) भीमसेन का पुत्र भैरव (वि० ) [ श्री० - भैरवी ] १ भयानक | दराबना। ३ भैरव सम्बन्धी । -ईशः ( पु० ) १ विष्णु | शिव-तकः ( पु० ) - यातना, ( स्त्री० ) वह यातना जो उन प्राणियों को, के काशी में शरीर न्यायते हैं, मरते समय उनकी शुद्धि के लिये भैरव जी द्वारा दी जाती है। भैरवं ( न० ) भय | दर ३ भैरवः ( पु० ) शिव के गण विशेष जो उन्हींके अव तार माने जाते हैं। भैरवी (स्त्री०) १ दुर्गा देवी २ एक रागिनी विशेष | ३ वर्ष या कम की लड़की जो दुर्गापूजा में दुर्गा देवी की जगह समझी जाती है। भैषजं (न० ) दवाई | भैषज्ञः (पु० ) लावक लवा बटेर । भैषज्यं (न०) १ रोग की चिकित्सा | २ दवा दारा। ३ आरोग्य करने की शक्ति | आरोग्यता । भागिन् किसी देवविग्रह के लिये नैवेद्य मुनाफा १४ मा १६ वह मजदूरी या रुपया पैसा जो किसी वेश्या को उसके साथ उपभोग करने के बदले में दिया जाय १७ मोड़। गेटुरी घुमाव १८ सर्प का फैला हुधा फन ३ सर्प ।-, ( वि० ) उपभोग योग्य. ( न० ) सम्पत्ति । धन दौन (०) अनाज | अन | नाज -आधि, (पु० ) गिरवी रखी हुई धरोहर जिसका उपभोग तब तक किया जासके जय तक उसफा मालिक उसे छुढावे नहीं । श्रावसः ( पु० ) जनानखाना घर का वह भाग जिसमें यि उठे बैठे-गु (न० रडियों की उज रत। - गृहं ( न० ) ज़माना कमरा तृष्णा, ( स्त्री० ) सौमारिक पदार्थों के उपभोग की कामना या अभिशापा ।- देहः, (पु० ) जीव का सूक्ष्म शरीर या कारण शरीर जिसके द्वारा भइ मलोक में किये हुए शुभाशुभ कर्मों का फल पर लोक में भोगता है।-धरः, ( पु० ) सर्प । साँप 1-पतिः, ( १० ) सुवेदार | जिलेदार - पालः, ( पु०) साईस)- पिशाचिका, (स्त्री०) भूख । -भृतकः ( पु० ) नौकर | चाकर। (केवल खुराक लेकर काम करने वाला) (वस्तु, ( न० ) उपभोग्य वस्तु । --स्थानं, ( न० ) १ शरीर । २ अनाना कमरा भोगः (5०) ऽभवण | आहार करना । २ स्त्रीसम्भोग | ३ मुक्ति | कब्ज़ा | अधिकार । ४ उपयोग | लाभ । २ शासन | हुकूमत ६ प्रयोग लगाना ( जैसे रूपये का व्याज पर या व्यापार में) ७ अनुभव। ८ प्रतीति । भाव | ६ उपभोग | १० उपयोग के जिये पदार्थ | 39 भोज । दावत। ज्योनार । १२ www १३ लाभ | १२ सम्पत्ति । भैष्मकी (स्त्री० ) रुक्मिणी । भोकू ( वि० ) १ खाने वाला । २ भोग करने वाला | भोगवत् (वि० ) १ आनन्दप्रद | २ सुखी । समृद्ध- 4 २ कवा करने वाला ४ उपयोग में लाने वाला : बरतने वाला २ अनुभव करने वाला। भोकू ( पु० ) १ काबिज़ | उपभोग कर्ता उपयोग कर्ता | २ पति | ३ राजा नरेन्द्र ४ प्रेमी । आशिक । वान् | ३ उमेठवौं । इल्लादार | गिदुरीदार भोगवत् ( पु० ) सर्प । २ पर्वत । ३ एक ही साथ नाचना, गाना और अभिनय करना । भोगवती ( स्त्री० ) 1 पातालगंगा | २ नागिन | ३ नागों की पूरी जो पाताल में है। ४ द्वितीया तिथि की रात । ५ महाभारत के अनुसार एक नदी का नाम । ६ कार्तिकेय की एक मातृका का नाम भौगिक ( पु० ) साईस | घोड़े की दास्य करने चाला। भोगिन् (वि० ) १ खाने वाला २ उपयोग करने वाला ३ अनुभव करने वाला ४ इस्तेमाल करने वाला | २ टेवा मेंदा या मोनों वाला ६
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