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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५९४

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( ५८७ ) बबुर बबुरः (पु० ) ववल का पेड़ बई ( धा० आत्म० ) [ बहते ] १ बोलना | २ देना । ३ ढकना । ४ चोटिल करना | नाश करना । ५ विछाना | बई ( न० ) 29 मयूर की पूंछ । २ पक्षी की पूंछ । बर्हः (पु० ) ) ३ मीर की पूंछ के पर ४ पत्ता | ५ अनुचर वर्ग / - भारः ( पु० ) १ मोर की पूंछ | ३ मोरचल | बहणम् ( न० ) पत्ता | बर्हिः (पु० ) अग्नि ( न० ) कुश | दर्भ | बर्हिणः (पु० ) मोर | मयूर 1 वाजः, ( पु० ) मयूर के पैँखों से युक्त बाण । वह तोर जिसमें मोर के पंख लगे हों। चाहनः, ( पु० ) कार्तिकेय | २ कुश की । चमक।. बहिस् ( पु० न० ) 1कुश | दर्भ | शय्या ( पु० ) १ अग्नि । २ ( न० ) १ जल | २ यज्ञ | – केशः, - ज्योतिस् ( पु० ) १ अग्नि | २ देवता - शुष्मन् (पु०) अग्नि-सद्, (= वर्हिषद् ) ( वि० ) कुशा- सन पर बैठा हुआ । ( पु० ) ( बहुवचन ) पितृगण | C बलू ( धा० परस्मै० ) [ बलति ] स्वाँस लेना । जीवित रहना २ अनाज एकत्र करना । (उभय० ) वजति, -चलते ] १ देना। चोटिल करना | मार डालना। ३ बोलना। ४ देखना । चिन्हित करना । ( निज० ) [ बालयनि, बालयते ] पालन पोषण करना ) परवरिश करना | वलं ( न० ) १ बल । ताकत जोर । शक्ति | २ उग्रता । प्रचण्डता । ३ सेना | सैन्यदल ४ ( शरीर की ) मुटाई। मौदापन | ५ शरीर || आकार । ६ वीर्य । धातु । ७ खून | गोंद। राल । लोबान } १ चँखुआ। अङ्कर। - अङ्गकः ( पु० ) वसन्त ऋतु । - अविन्ता, ( स्त्री० ) बलराम की बाँसुरी। प्रदः (पु० ) मूंग ! - अध्यक्षः ( पु० ) १ चमूपति । सेना का बड़ा अफसर २ समरसचिव - अनुजः, ( पु० ) श्रीकृष्ण । -शनः, ( पु० ) बादल के श्राकार बला में सेना ।- प्रगतिः, ( पु० ) इन्द्र - प्रवलेपः, ( पु० ) बलवान होने का अभिमान | - उशः, असः, (पु० ) १ क्षय रोग | कफ २ गले की सूजन /- प्रमिका, ( स्त्री० ) हस्तिशुण्डी या सूरजमूखी। - आहः, (पु०) जल पानी ।-उपपन्न -उपेत ( वि० ) बलदान । ताकतवर घः ( पु० ) सेनाओं का समूह अनेक सेनाएं /- तीमः, ( पु० ) विक्रं, (न० ) १ साम्राज्य राष्ट्र | २ सेना १ - अं, ( न० ) १ नगरद्वार | फाटक | २ खेस ३ अनाज अनाज का ढेर । ४ युद्ध लड़ाई | १ गरी | मिगी । —जा, ( स्त्री० ) १ पृथिवी | २ सुन्दरी स्त्री | ३ चमेली विशेष |-दः (पु० ) बैल | - देवः, ( पु० ) पवन | हवा | २ श्रीकृष्ण के बड़े भाई का नाम । -द्विपू, (पु०) - निवृदः (पु० ) इन्द्र तिः, ( पु० ) सेनापति - प्रसूः, ( पु० ) बलराम की माता रोहिणी जी । - भद्रः, ( पु० ) १ मजबूत आदमी | २ बैल विशेष | ३ बलराम | ४ लोध वृद्ध | -भिद्, ( पु० ) इन्द्र /-भृत्. ( वि० ) मजदून | बलवान | बलः ( पु० ) १ काक | कौश्रा | २ कृष्ण के बड़े भाई बलराम ३ एक दैत्य जिसे इन्द्र ने मारा था। -अग्रः (पु०) सेनानायक । चसूपति ।- रामः, ( पु० ) बलदेव जी का नामान्तर 1-विन्यास, ( पु० ) सैन्यच्चूह-व्यसनं, (न० ) सेना की हार-सूदनः, ( पु० ) इन्द्र स्थः । पु० ) योद्धा । सिपाही। स्थितिः, ( स्त्री० ) पदाव छावनी। शाही पड़ाव - हन्, ( पु० ) इन्द्र | -हीन, (वि० ) वलशून्य । निर्बल | कमज़ोर | बलक्ष ( वि० ) सफेद | - गुः, ( पु० ) चन्द्रमा । बललः ( पु० ) इन्द्र का नामान्तर । बलवत् ( वि० ) १ ताकतवर | बलवान | २ मज़बूत। रोबीला | ३ सघन । गाड़ा| ४ मुख्य प्रधान व्याप्त । ३ अधिक आवश्यक । अधिक भारी । ( श्रन्यया० ) १ ज़बरदस्ती वलपूर्वक । २ अत्यधिक अतिशय चला ( स्त्री० ) एक मंत्र या विद्या का नाम, जिसके