पुष्पधय पूतना जिसे रावण ने अपने यह भाई कुबेर से छीन पूग ( पु० ) १ वेर समूह सग्रह २ सख्या । १ सभा संघ ३. सुपारी का पेढ़ | ४ स्वभाव | लिया था। ५ वलय । काग्य | ६ अञ्जन विशेष ७ नेत्र राग विशेष | पुष्पध्याः } ( S० ) मधुमक्षिका । शहद की मक्खी । पुष्पचत् ( वि० ) फूल जैसा फूला हुआ । २ फूलों से सजाया हुआ (पु० द्वि० ) चन्द्र और सूर्य । पुष्पवती (स्त्री० ) रजस्वला स्त्री | पुष्पा ( स्त्री० ) चम्पा नगरी। पुष्पिका ( स्त्री० )दत का मैल । २ लिङ्ग का मैल | ३ अध्याय के अन्त का वह भाग जिसमें वर्णन किये हुए प्रसङ्ग की समाप्ति सूचित की | जाती है । यथा “इति श्रीमन् महाभारते आदि । | फूला हुआ। पुष्पिणी ( स्त्री० ) रजस्वला श्री पुष्पित (व० कृ० ) 1 पुष्पसंयुक्त २ पूर्ण विकसित | पुष्पिता ( स्त्री० ) रजस्वला स्त्री पुष्पिन ( वि० ) फूलदार । फूलों वाला | पुष्यः (पु० ) १ कलियुग । २ पौषमाल | ३ पुष्य | नक्षत्र | पुष्यलकः ( पु० ) लिये हुए २ सपणक चँवर कील कस्तूरी मृग जैन साधु ३ खूंटा पुस्तं ( न० ) 1 गीली मिट्टी का पजास्तर / चित्र- कारी लीपना पोसना २मिट्टी लगाने या खोदने आदि का काम । ३ लकड़ी या धातु की बनी कोई वस्तु ४ पुस्तक हाथ की लिखी पोथी : किताव /- कर्मन, (न० ) गारा की अस्तरकारी चित्रकारी। 1 पुस्तकं ( न० ) पुस्तकः ( पु० ) पुस्ती (स्त्री० ) किताब। हाथ की लिखी पोथी। पू (धा० आम० ) [ पवते, पूयते, पुनाति, पुनीते, पूत, (निजन्त) पावयति ] पवित्र करना । मौंजना | २ साफ फरना । ३ भूसी थलग करना। फटकना | ४ प्रायश्चित करना । २ लक्षण से पहचानना ६ ईजाद करना। सोच विचार कर कोई बात नई पैदा करना । मिजाज़ | 1 - पूगं ( न० ) सुपारी फल --- पात्रं ( न० ) १ पीक- दान | पानवान। पीठं--पीठं ( न० ) पीक- दान । - फलं, (न० ) सुपाड़ी । -वैरं, (न०) अनेक लोगों से शत्रुता } पूज् ( [चा० उभव० ) [ पूजयति-पूजयते, पूजित] १ पूजना पूजन करना। सम्मान करना। सम्मान पूर्वक स्वागत करना पूजक ( वि० ) [ स्त्री-पूजिका ] पुजारी | सम्मान करने वाला। पूजनं (न ) पूजा । अर्चा । सम्मान । प्रतिष्ठा । मानार्ह (वि० ) पूज्य पूजा के योग्य | पूजित ( ३० कृ० ) ३ सम्मानित | २ पूज्य ॥ १ स्वीकृत | ४ सम्पन्न । ५ शिफारिश किया हुआ। प्रशंसित । पूजित्ल ( वि० ) पूज्य | माननीय पूजिलः ( पु० ) देवता । पूज्य ( वि० ) मान करने योग्य | पूजा करने योग्य - पूज्यः (पु० ) ससुर । पत्नी का पिता या पति का पिता | [करना | जमा करना । पूण ( धा० उभय० ) [ पूण्यति- पूण्यते ] एकत्र पूत ( व० कृ० ) 1 पवित्र | शुद्ध | २ पटक हुआ। ३ प्रायश्चित्त करके पवित्र किया हुआ। ४ ईजाद किया हुआ। आविष्कार किया हुआ। १ सड़ा हुधा | बुसा हुआ बदबूदार आत्मन् (वि० ) साफ दिल का । ( पु० ) विष्णु का नामान्तर / - कतायी, ( स्त्री० ) इन्द्राणी। शची -केतु (पु० ) इन्द्र का नामान्तर | ~~ तृणं, ( २० ) सफेद कुश /- दुः ( ० ) पलाश वृत्त - धान्यं, (न० ) तिल । -पाप्मन, (वि० ) पाप से मुक्त/-फलः, ( पु० ) कटहल का वृक्ष पूतं ( म० ) सचाई | पूतः ( पु० ) १ शङ्ख | २ सफेद कुश | पूतना ( स्त्री० ) 1 एक राक्षसी जो कंस की प्रेरणा से गोकुल में श्रीकृष्ण को मारने गयी थी, किन्तु
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