पाश्चक पाश्वक. (पु०) [स्त्रा०-- से धन कमाने वाला चोर ( ५०१ ) -पार्श्विकी ] कुटिल उपायों पार्श्वस (अन्य ) समीप | पास बगल में | पार्विक ( चि० ) [ स्त्री०--पार्विी ] ne | पालंकी सम्बन्धी | पालकी पार्विकः ( पु० ) १ पक्षपाती जन तरफदार आदमी (खो०) कुरू नामक गन्ध द्रव्य विशेष । ः (पु० ) [ सी० -पालपचा | गन्ध द्रव्य विशेष २ सहचर साथी ३ ऐन्द्रजालिक जादूगर | दार्पत (वि० ) [ स्त्री० --पार्वती ] चिराहा हिरन | पालन ( दि० ) जीवनरक्षाफारो । सम्बन्धी पार्यतः (पु० ) १ राजा द्रुपद और उसके राजकुमार । २ टयुम्न का नामान्सर | पाती (स्त्री० १ २ दुर्गादेवी । पापद् (स्त्री० ) सभा | समाज | पार्षदः (पु० ) साथी संगी। अली अनु चर वर्ग | ३ सभा में उपस्थित जन । दर्शक | पंच शवन पालकाप्यं ( न० ) हाथियों के सम्बन्ध का विज्ञान पालंकः, ) ( पु० ) पालक का शाक इवाज- पशजङ्कः ) पक्षी | भाग | पीठ पीछे ४ लात | ठोकर | (स्त्री०) छिनाल स्त्री | २ कुन्तीका नामान्तर ---ग्रह, (४०) अनुयायी । ब्रहणम्. (न०) आक्रमण | पिछाड़ी की ओर पढ़े शत्रु को धमकाना ग्राहः, ( यु० ) १ पीछे पड़ा हुआ शत्रु । २ सेनापति जो पीछे रहने वाली सेना का नायक हो । ३ मित्रराजा जो अपने मित्रराजा को सहायता दे। -घातः ( पु० ) खात । ठोकर त्रं (म०) पोछे रहने वाली सेना-वाहः, (पु० ) बाहिरी घोड़ा। दूसरे का घोड़ा । पालः, (पु० ) रक्षक | रखवाला | २ ग्वाल । | अहीर गड़रिया में राजा ४ पीकदानी /- प्रः, ( पु० ) कुकुरमुत्ता कठफूल | छत्रक पालक ( पु० ) १ रक्षक | २ राजा शासक । ३ साईस भटियारा ४ घोड़ा | चित्रक वृत्त ६ योग्य पिता | पालनम् (न०) भरण पोषण रक्षण परवरिश । २ भंग न करना। न डालना। ३ हाल की व्यायी गौ का दूध | पालयितृ (पु० ) रक्षक। रक्षा करने वाला। पालाश (वि० ) [ बी० --पालाशी ] पलाश वृष का उससे उत्पन्न २ पास की लकड़ी का बना हुआ। ३ सन्जु । हरा खराडः, पण्डः, ( पु० ) मगध देश पालाश: ( पु० ) हरा रंग पार्षयः ( पु० ) सभा का सदस्य पंच पानि: ) (खी० ) १ कान का प्रभाग २ नोंक पाणिः ( पु० स्वी० ) १ ऐड़ी | २ सेना का पिछला । पाली ऽ किनारा कोर सीमा । हाशिया । ३ किसी अस्त्र की बाद या धार ४ सीमा हद २ पंक्ति । अवजी ६ मा दाग ७ पुल ८ गोदी | | तालाव जो लंका अधिक और चौड़ा कम हो । १० छात्रावस्था में गुरु द्वारा छात्र का भरण पोपण | ११ जूँ | चीलर ! १२ प्रशंसा। बड़ाई। १३ ढड़ियल औरत । पालिका ( स्त्री० १ फान का अभाग २ तलवार की तेज़ बाढ़ | ३ छुरी विशेष | पालित (च० कृ० ) १ रहित २ पाला हुआ। ( जो कहा सो ) किया हुआ। पालित्य (न०) वृद्धावस्था के करण वालों की सफेदी । पाल्वन्त ( वि० ) [ स्त्री० -पालवली ] तलैय सम्बन्धी तलैया में। } - पावकः ( पु० ) १ अग्नि थाग १ २ अग्नि देव । ३ तेज ताप ४ चित्रक सूच। २ तीन की संख्या - श्रात्मजः, ( पु० ) १ कार्तिकेय | २ सुदर्शन ऋषि । पालकाप्यः ( पु० ) ऋषि विशेष का नाम करे ऋऋषि; इन्होंने सब से प्रथम हाथियों के सम्बन्ध | पावकिः ( पु० ) कार्तिकेय का विज्ञान लोगों को खिलाया था। पावन (वि० ) [ स्त्री० - पावनी ] १ पाप से छुड़ाने
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