गा ( २६५ ) कुदाली । फाँबड़ा । --दाववरी, ( स्त्री० ) नदी विशेष |-दुद्द्, ( पु० ) दुहः, ( पु० ): ग्वाला । अहीर गाय दुहने वाला । २ गाय दुहने का समय - दोहनम् १ गाय दुहने का समय । २ गाय दुहना। -- दोहिनी, ( स्त्री० ) वासन जिसमें दूध दुहा जाय । - द्रवः, ( पु० ) गोमूत्र । - धरः, ( पु० ) पर्वत 1 धुमः- धूमः, ( पु० ) १ गेहूँ । २ नारंगी | शंतरा |- धूलिः, (पु०) वह समय जब गोधरभूमि से गौए घर कर लौटे । – धेनुः, (स्त्री०) गाय जो दूध देती हे और जिसके नीचे बछड़ा हो । ध्रः, ( पु० ) पर्वत । पहाड़ | नन्दी, ( स्त्री० ) सादा सारस । -नर्दः, ( पु० ) १ सारस । २ देश विशेष |-- नदीयः, (पु०) महाभाष्यकार पतञ्जलि / नसः, - नासः ( पु० ) १ सर्प विशेष । २ रत्नविशेष | -नाथः, ( पु० ) १ बैल | साँड़ | २ ज़मीदार ३ ग्वाला । ४ गौ का धनी । - निप्यन्दः, ( पु० ) गोमूत्र । -पः, (पु० ) १ गोप | ग्वाला । २ गोशाला का प्रधान | ३ गाँव का दारोगा | ४ राजा । ५ संरक्षक । अभिभावक /- पी. (स्त्री०) गोप की स्त्री । - पीध्यक्षः, (पु० )-पेन्द्रः- पेशः, (पु०) श्री कृष्ण /-पीदलः, (पु०) सुपारी का वृक्ष 1-पतिः, (पु० ) १ गौ का धनी । २ साँड | ३ मुखिया । प्रधान | ४ सूर्य | १ इन्द्र | ६ कृष्ण | ७ शिव ८ वरुण ७ राजा - g पशुः, (पु० ) यज्ञीय पशु-पानसी, (स्त्री०) छप्पर की धुनकिया -पालः ( पु० ) १ ग्वाला । अहीर । २ श्रीकृष्ण | ३ राजा ।-- पालकः, (पु० ) १ अहीर ग्वाला | २ शिव । --पालिका, – पाली, ( स्त्री० ) अहरिन । ग्वाला की स्त्री । - पीतः, ( पु० ) खंजन पक्षी विशेष पुच्छः ( पु० ) १ वानर विशेष | २ हार विशेष जिसमें दो, चार या ३४ खरे हों।- पुटिकम्, ( न० ) शिव जी के नादिया का सिर । ~~पुत्रः ( चि० ) बछड़ा - पुरं (न० ) १ नगर- द्वार | २ मुख्य द्वार । ३ मंदिर का सजा हुआ द्वार। -पुरोष, ( न० ) गोबर 1- प्रकाण्डम्, ( न० ) विशाल बैल |~~-प्रचारः, (पु० ) गोचर गा भूमि / – प्रवेशः, ( go ) के चरकर लौटने का समय, सूर्यास्त काल । -भूत्, (पु० ) पहाड़ |~-मत्तिक, बग्घी डाँस -मण्डलम्, ( न० ) १ भूगोल | २ गोत्रों का झुंड मतल्लिका ( स्त्री० ) वह गाय जो काबू मे लायी जा सके। सीधी गाय | उत्तम गाय - मथः, ( पु० ) ग्वाला /- माथुः, ( पु० ) १ सृगाल । २ मैड़क । एक गन्धर्व का नाम :- मुखः, - मुखम्, ( न० ) वाद्य यंत्र विशेष ! - मुखः, ( पु० ) १ मगर | घड़ियाल | नक्र | २ चोरों का किया हुआ विशेष प्रकार का दीवार में सूराख 1-मुखं, (न० ) - मुखी, ( स्त्री० ) जप करने की थैली | – मूढ ( वि० ) बैल की तरह मूढ | सूत्रं, (न० ) गाय का मूत्र | - मृगः, ( पु० ) एक प्रकार का बैल । - मेदः, ( पु० ) मणि विशेष | -यानम्, (न, ) बैल- गाड़ी। बहली | रथ । –रक्षः, (पु०) १ गोपाल । ग्वाला । २ नारंगी । – रङ्कः, (पु०) १ जलपक्षी । कैदी | बंदी । ३ नग्ना स्त्री । परमहंस - रसः, ( पु० ) १ गाय का दूध | २ दही | ३ मक्खन ।-राजः, ( पु० ) सर्वोत्तम बैल 1- रुतं, (न० ) दो कोस या चार मील का माप । -राटिका, - राठी, ( स्त्री० ) मैना पक्षी । - रोचना (स्त्री० ) गौ के मस्तक से निकला हुआ पीला पदार्थ 1- लवणं ( न० ) माप विशेष जिसके अनुसार गाय को निमक दिया जाता है ।- लांगुलः, लांगूलः, ( पु० ) वानर विशेष - नोमी (स्त्री० ) वेश्या । रंडी। -- वत्सः, ( पु० ) बछड़ा 1-वत्सयादिन, ( पु० ) भेड़िया | -- वर्धनः ( पु० ) मथुरा जिले का एक पर्वत और तीर्थस्थान :-वर्धन- धरः, - वर्धन्धारिन, ( पु० ) श्रीकृष्ण | - वशा, (स्त्री० ) बाँझ गाय । -वार्द, – वास, ( पु० ) गोशाला | – विदः, ( पु० ) १ मुख्य ग्वाला । अहीरों का मुखिया । २ श्रीकृष्ण । ३ बृहस्पति ~~-विष्, (स्त्री०) - विष्ठा, ( स्त्री० ) गोबर । — विसर्गः, ( पु० ) प्रातःकाल का वह समय जब चरने के लिये गाएं ढीली जाती हैं।
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