कटक } मण्डप पाँसों के फेंकने का विशेष प्रकार है अतिरिक्त थाधिक्य १० सीर बाण १३ रवाज रीति | १२ कयरस्तान । अतः, (पु० ) भलक कनखियों देखना --उदकं (न० ) १ सर्पण का जल । २ हाथी का सद। ३ वर्णसङ्कर जाति विशेष | [ शूट्टायां वैश्यतश्चर्यात् कटकार ईति स्मृतः -- उशना |] २ चटाई बनाने वाला | धकार। कॉलः, (पु० ) खखारदान | पीक दान -खादकः, (पु० ) १ स्वार गीदड़ का पात्र घोषः, (पु० ) २ काक | ३ कांच घूतना, - (पु०) गरियों का पुरवा - पूतनः, (30) ( स्त्री०) एक प्रकार के प्रेतात्मा १ शिव २ इद्रभूत या पिशाच | ३ की। कीड़ा | - प्रोथ: (पु० ) -प्रोथे, ( न० ) चूत | नितंब | मालिनी, (स्त्री०) मदिरा | शराब | कटकः ( पु०) (१ पहुँची। कड़ा २ मेखला । कटकम् (२० ) ) कमरबन्द | ३ डोरी।४ जंजीर की कड़ी । २ चढ़ाई। ६ सँधा निमक १७ पर्यंत पा ८ उपत्यका ६ सेना १० राजधानी ११ घर मकान १२ चक्र पहिया वृत्त कटकिन् (पु० ) पर्वत पहाव । कटंकटः } ( पु० ) आग १ २ सोना | ३ गणेश कटङ्कट: 5 जी का नाम । ( २०२ ) कठिन कढीरकं (न०) १ शरीर का पिछला भाग २ पुट्टा | चूतड़ ई 7 कटु (वि० ) [ स्त्री०-डु, कड़ी] १ चरपरा | तीता पटरसों में से एक [छ प्रकार के रस ये हैं १ मधुर, २ कटु. ३ अम्ल, ४ वित्त, २ कवाय और ६ लवण] ३ सुवासित सुगन्धित ४ दुर्गन्धित १ उभ | तीषण। प्रतिकूल अप्रीतिकर | ६ ईर्ष्यालु ७ तेज़ । प्रचण्ड । -(न०) अनुचित कर्म | २ अपमान भिकार फटकार--कीटः, -कीटकः, (पु० ) डाँस मच्छड़काण, ( पु० ) टिटिभ पक्षी । -प्रन्थि, (न० ) सोंठ । -निलावः, ( पु० ) यह अनाज जो जल की बाद में जलमग्न न हुआ हो । - मोदं, (न० ) सुगन्धित द्रज्य विशेष - रवः (g० ) मैड़क | कटिका ( स्त्री० ) कूल्हा । करिहाँव । कटीरः कटीरम् }1 गुफा । चूल्हा । कदि । - मण्डूक कटुः ( पु० ) चरपराहट | सीतापन | कटुक ( वि० ) : सीक्षण | चरपरा | २ प्रचण्ड | तेज़ ३ अप्रीतिकर अप्रिय कटनम् ( न० ) सफान की छत, खपरैल या छप्पर कढाहः (५०) १ कढ़ाह। बड़ी कड़ाही २ खप्पर । ३ कूप । होला । कठिः } (स्त्री० ) १ कमर २ नितम्ब ३ हाथी | कठः (पु० ) एक ऋषि का नाम । यह वैशम्पायन कढी ) का के शिष्य थे। यजुर्वेद के पढ़ाने वाले यजुर्वेद की · एक शाखा इन्हीं के नाम से प्रसिद्ध है । - धूर्तः, (पु०) कठशाखा में निष्णात ब्राह्मण । - श्रोत्रियः, ( पु० ) यजुर्वेद की कठशाखा में - गण्डस्थल 1 -वटं, ( न० ) करिहा करिहाँव । ( न० ) कमरबन्द | कमर में बाँधने का कपड़ा प्रोथा (पु० ) चूतड़ | --मालिका, ( स्त्री० ) स्त्रियों का इज़ार बन्द नारा। -रोहकः, ( पु० ) हाथी का सवार। हाथी पर सवारी करने वाला शीर्षकः, ( पु० ) कूल्हा । करिहाँब बजनी करधनी -सूत्रं. पारङ्गत मारहाण इजारबन्द | कटुकः (पु०) चरपराहट सीतापन [ गँवारपन | कटुकता (स्त्री० ) अशिष्ट व्यवहार अशिष्टता कटोरं ( न० ) समयपात्र मिट्टा का वर्तन । कटुरं ( न० ) जलमिश्रित छाछ या माठा | कढोलः ( पु० ) १ चरपरा स्वाद | २ निम्नवर्ण का पुरुष जैसे चाण्डाल। कळू ( धा० परस्मै० ) कष्ट में रहना । कठमः (पु०) शिव जी का नाम । शृङ्खला (स्त्री० ) | कठर (वि० ) कड़ा | सख्त | ( न० ) कमरबन्द | कठा: ( पु० ) कठऋऋषि के अनुयायी । कठिका ( स्त्री० ) खढ़िया। चाफ । कठिन ( वि० ) १ का सन्त कठिन निष्ठुर हृदय संगदिल । निर्दयी | ३ नम्र न होने कठोर | २
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२०९
दिखावट