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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१९९

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एकक ( १९२ एनस्विन् एकस्वरी वेद पाठ करने का क्रम विशेष, जिसमें एठ (घा० चात्म० ) [ एठते, पुठित ] विदाना | उदातादि स्वरों का विचार न किया जाय । --- सामना करना । सप्ततिः ( स० ) 101 इकहत्तर 1-सर्ग | एड (वि०) बहरा /- भूक (बि०) १ बहरा गूंगा | २ ( वि० ) दशचित्त /--सातिक (वि०) एक कापड ( 5 ) एक प्रकार की भेद। देखा हुआ ।-हायन ( दि०) एक वर्ष का एडकः (५०) १ भेड़ा | २ जङ्गली वकरा पुराना या एक वर्ष की उम्र का दारानी | एडका ( स्त्री० ) भेट्टी (स्खो०) एक की यदिया। एकक ( चि० ) ३ अकेला | २ समान सदा । एकतम (वि०) बहुतों में से एक एकतर (दि) दो में से एक २ दूसरा भिन ३ बहुतों में से एक। एकतसू (अव्यया० ) १ एक ओर से एक थोर । २ | एक एक कर के एकत:-अन्यतः (अभ्या०) १ एक तरफ / २ दूसरी तरफ | | एकत्र (अन्यय०) १ एक स्थान पर । २ साथ साथ सब एक साथ | [ ही समय में। एकदा (अयचा० ) १ एक बार २ एक ही बार एक एकघा (अध्या० ) १ एक प्रकार १२ अकेले ३ तुरन्त एक हो समय में एक साथ | एकल (चि० ) अकेला एकान्त एकशस (अध्यया०) एक एक करके । एकाकिन् (वि०) अदेखा। एकान्त | [११॥ ग्यारह एकादशन् ( वि० ) संख्यावाची विशेषण | एकादश (वि०) [स्त्री०-एकादशी] ग्यारहवाँ- 1 द्वार ( न० ) शरीर के ११ छेद या दरवाजे - रुद्राः (बहुवचन ) ग्यारह रुद्र । एकादशी (श्री०) चन्द्रमा के प्रत्येक पक्ष की ग्यारहवीं तिथि। विष्णु भक्तों के उपवास का दिवस । यह विष्णु सम्बन्धी उपवासदिवस है। एकीभाव. ( पु० ) संमिश्रण एकत्व ऐक्य एकीय (वि० ) एक का या एक से i एकीयः ( पु० ) एक का सहायक। एक पक्ष का एजू] ( भा०] पर० ) [ एअते, एजित ] १ कांपना २ हिलना हिलोरना। ३ चमकना । 1 हुआ। एजक ( वि०) हिलता हुआ। काँपता वाला काँपनेवाला । पजनं (न०) कम्प कापना । हिजने- पाः ) ( पु० ) काला मृग व्यजिनम् (न०) एसकः ) सुगची - तिजकः, भृत् (g० ) चन्द्रमा - दृश् (दि०) हिरन जैले नेत्रोंवाला । ( पु० ) मकर राशि | एणी ( स्त्री० ) काली हिरनी। एत (वि०) [स्त्री० पता, पती] रंगबिरंगा । मकीला । पतः ( पु० ) हिरन | बारहसिंहा। } एतद् (सर्वनाम० वि०) [ ४० एपः । श्री० पूषा | ज० एतद् ] यह यहाँ। सामने। एतदीय (वि०) इसका। इससे सम्बन्ध युक्त | एतनः ( पु० ) स्वांस | स्वांस त्याग पतर्हि (अन्यमा० ) अब इस समय वर्तमान समय में। एतदृगू ) (वि०) [स्त्री०- एतादृशी, एतादृत्ती ] पतादृक्षे १ऐसा इसकी सरह २ इस तरह का । एतावत् (वि०) १ इतना अधिक इतना बड़ा। इतने अधिक। इतने परिमाण का। इतना लम्बा चौड़ा। इतना दूर। इस प्रकार का इस किस्म का। पधू (धा० आत्म०) [ एधते, एधित ] १ बढ़ना । वड़ा होना। २ आराम से रहना। समृद्धिशाली होना । ( निवन्त ) बढ़ाना । बधाई देना । सम्मान करना । पधः (पु० ) ईंधन जलाने के लिये लकड़ी। एधतुः (पु०) मानव | २ अग्नि । पघसू (न०) ईंधन | पघा (स्त्री०) समृद्धि । हर्ष आनन्द । गधित (व० कृ०) १ वृद्धि युक्त वड़ा हुआ। २ पाला पोसा हुआ। एनस (२०) १ पाप । अपराध दोष | २ उत्पात जुर्म ३ क्लेश ४ भर्त्सना | कलङ्क | एनस्वत् } (वि० ) दुष्ट । परपी ।