१६३ उत्साहनम् ( -वर्धनम् ( न० ) वीरता । -शक्तिः, ( स्त्री० ) हड़ता। उच्चाह | उत्साहनम् (न०) १ उद्योग दृढ़ प्रयत्नशीलता | ३ बँधाना| उभाड़ना | उत्सित (व० कृ०) १ छिड़का हुआ । २ अभिमानी। क्रोधी| अकड़बाज़ | ३ जल की बाढ़ से बढ़ा हुआ । अत्यधिक । ४ चंचल । विकल | उत्सुक ( वि० ) १ अत्यन्त इच्छावान्। उत्कचिठत | चाह से चाकुल | २ बेचैन । उद्विग्न | व्याकुल । ३ अनुरक्त | ४ शोकान्वित | उत्सूत्र ( वि० ) १ डोरी से न बंधा हुआ। ढीला | बंधनमुक्त । २ अनियमित | गइश्व | ३ व्याकरण के नियम के विरुद्ध | प्रयत्न | २ अध्यवसाय | उत्साहवृद्धि | हौसला उत्सूरः ( पु० ) सन्ध्याकाल | झुटपुटा । उत्सेकः ( पु० ) १ छिड़काव | उड़ेलना । २ उमड़न | बढ़ती । अत्यधिकता | ३ अभिमान | शेखी | उत्सेकिन ( वि० ) १ उमड़ा हुआ । बढ़ा हुआ । २ अभिमानी । क्रोधी | अकड़वाज़ | उत्सेचनम् ( न० ) जल का छिड़काव या जो उछालने की क्रिया । [मोटापन | ३ शरीर । उत्सेधः (पु०) १ उच्चस्थान | ऊचा स्थान | २ मुटाई। उत्सेधम् (न० ) हनन । मारण । घात । उत्स्मयः ( पु० ) मुसक्यान । उत्स्वन ( वि० ) उच्चरवकारी । दीर्घ स्वर वाला । उत्स्वनः ( पु० ) उच्चरव। दीर्घस्वर । उत्स्वमायते ( क्रिया) सेप्ते में बराना । उद् ( अव्यया० ) यह एक उपसर्ग है जो क्रियाओं और संज्ञाओं में लगाया जाता है, अर्थ होता है; १ऊपर। बाहिर । २ अलग | पृथक | ३ उपा र्जन । लाभ | ४ लोकप्रसिद्धि | ५ कौतूहल । चिन्ता । ६ मुक्ति । ७ अनुपस्थिति । ८ फुलाना | बढ़ाना । खोलना । 8 मुख्यता | शक्ति | उदक (अव्यया० ) उत्तर दिशा की ओर। उदकम् ( न० ) पानी । –अन्तः, ( पु० ) तट । किनारा | समुद्रतट । - अर्थिन्, (वि०) प्यासा | -आधारः, ( पु० ) कुण्ड । हौद । - उदञ्जनः, (पु०) लोटा | कल्सा–उदरं, (न०) जलंधर रोग । ) उञ्चनम् -कर्मन. (न० ) कार्य, (२० ) -क्रिया, (स्त्री०) -दानं, (न०) पितरों की तृप्ति के लिये जल से तर्पण -कुम्भः, (पु०) जल का घड़ा या कल्सा । ~~गाहः, (पु०) स्नान | महणं, (न०) पीने का जल द्शतृ - दायिन- दानिक, (दि०) जलदाता जल देने वाला 1- दः, (पु०) १ सर्पण करने वाला | २ वंश वाला । उत्तराधिकारी । - धरः, (पु० ) बादल -वजूः, ( पु० ) चोलों की दृष्टि 1 - शान्तिः, ( स्त्री० ) मार्जनक्रिया :- हारः, (पु० ) पानी ढोने वाला १ उदकल ( वि० ) पनीला । पानी का भाग उदकित जिसमें विशेष हो । उदकेचर: ( पु० ) जलजन्तु । पानी में रहने वाला जीव जन्तु । उक्त (वि० ) ऊपर उठा हुआ । उक्य (दि० ) जल की अपेक्षा रखने वाला । उदवया (स्त्री० ) रजस्वला स्त्री | उदम ( वि० ) १ ऊवा उन्नत उठा हुआ। बाहिर निकला हुआ या वाहिर की ओर बढ़ा हुआ । २ बड़ा | चौड़ा । प्रशस्त । बहुत बड़ा | ३ बूढ़ा | ४ मुख्य । प्रसिद्ध । गौरवान्वित | १ प्रचण्ड | असह्य । ६ भयानक डरावना । ७ कराल | उद्विग्न ८ परमानन्दित । उदंकः ( पु० ) चमड़े की बनी ( तेल या घी रखने की ) कुप्पी या कुप्पा उच् ) उदंच ( वि० ) [ (पु० ) उदङ् ( न० ) - उदक (सी० ) - उदीची ] १ ऊपर की उदचे ) ओर घूमा हुआ था जाता हुआ | २ ऊपर का | उच्चतर | ३ उत्तरी या उत्तर की ओर घूमा हुआ ॥ ४ पिछला। अद्विः, (पु० ) हिमालय पर्वत । --अयनम् ( न० ) उत्तरायण आवृतिः, (स्त्री०) उत्तर से लौटने की क्रिया । –पथः, (पु०) उत्तर का एक देश --प्रवण, (वि० ) उत्तर की ओर झुका हुआ या ढालुआ। मुख, ( वि० ) उत्तर की ओर मुख किये हुए । उदंचनम् } से जल निकाला जाय । २ चढ़ाव । उदञ्चनम् ( न० ) १ ढोल । बाल्टी जिससे कुए उठाव उठान । ३ ढकन | ढकना |
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