वासनम अवसान ४ किसी पुस्तक का परिच्छेद या काण्ड | आश्वासनम् ( न०) दिलासा | तसही। टॉडस धीरज आशाप्रदान । आश्विकः ( पु० ) दसवार | आश्विन: ( पु० ) कार का महीना। आश्विनेयो (विचन ) दो आश्विनी कुमार | ये दोनों देवताओं के चिकित्सक कहे जाते हैं। शियन (वि० ) [ स्त्री० आश्विनो ] घोड़े पर सवार हो यात्रा करने वाला। आषाढ ( पु० ) १ वर्षाऋतु के प्रथम मास का नाम । २ पखास का वड भाषाढा (स्त्री० ) २० वाँ और २१ वाँ नक्षत्र | पूर्वापाढा और उत्तरापाड़ा। [ मासी । आषाढ़ी (०) आषाढ़ मास की पूर्णिमा या पूरन आमः ( पु० ) आठवाँ भाग या अंश । आस्, झाः ( श्रन्यवा० ) स्मृति, क्रोध, पीड़ा, अपा- करण, खेद, शोक-थोतक अव्यव आस् (धा० आ० ) [ आस्ते, आसिय ] बैठना। लेटना विश्राम करना २ रहना। बसना । ३ 1 चुपचाप बैठना बेकार बैठना | ४ होना । जीवित रहना २ अन्तर्गत होना । ६ जाने देना | छोड़ | देना ७ एक ओर रख देना । यासः ( पु० ) ) १ बैठक | २ कमान | भासम् (न० ) ) "ह साथि साझा साक्ष | " - किरातार्जुनीय । प्रासक ( ३० कृ० ) १ अनुरक्त | जीन | लिप्स | २ सुब्ध सुग्ध मोहित। आशिक । आसक्तिः (बी० ) १ अनुरक्ति | लिप्तता २ लगन । चाह। प्रेम। ३ इश्क। आसंगः ) (90) अनुराग अभिनिवेश २ संगति, थासङ्गः ) ( सोहबत मिलन ३ बंधन | आसंगिनी ) ( श्री० ) वचंडर | श्रासनी) आसुति. टता । २ अर्थबोधार्थ बिना व्यवधान के परस्पर सम्बन्ध युक्त दो पदों या शब्दों का समीप रहना। श्रासन ( म० ) मुख । आसनम् (न० ) १ बैठ आना। २ बैठक | बैठकी तिपाई। ३ बैठने का ढंग विशेष | श्रासन विशेष | ४ बैठ जाना या रुक जाना | मैथुन करने की कोई भी विशेष विधि | ६ प्रकार की राजनीति में से एक। वे ये हैं:- “सम्धिन विग्रहो याममाया" अमरकोष | शत्रु के सामना करने पर भी किसी स्थान पर दे रहना । ७ हाथी का कंधा। आसना (स्त्री० ) बैठक । सिपाई। टिकाव । ध्यासनी (श्री० ) छोटी बैठकी। यासंदी ) कोच | तकिया दार लंबी बैंच जिस पर आन्दी गद्दा मढ़ा हो । आसंजनम् ) ( न०) १ बांधना । लपेटना । ( शरीर- यासजनम् । पर ) धारण करना । २ फंसजाना। चिपट जाना ३ अनुराग। भक्ति | आसत्तिः ( स्त्री० ) १ संसर्ग | मेलमिलाप | २ घनिष्ट ऐक्य ३ लाभ फायदा ४ सामीप्य निफ- | । आसन्न ( च० कृ० ) समीपस्थ | निकट का उप- स्थित /-कालः, ( पु० ) १ मृत्यु की घड़ी । २ जिसकी मृत्यु समीप हो-परिचारकः, (पु०) ---चारिका, (बी० ) व्यक्तिगत चाकर। शरीर- रक्षक बाडीगार्ड | श्रासंवाध (वि० ) बंद किया हुआ। रोका हुआ | चारों ओर से रुका हुआ। संवाया भविष्यन्ति पन्या शरमिः । --रामाया । आसवः ( पु० ) अर्क २ काढ़ा ३ हर प्रकार का मय । [ मण । आसादनम् ( न० ) १ उपलब्धि | प्राप्ति | २ आक्र आसारः ( पु० ) मूसलधार सृष्टि २ शत्रु को घेरना। ३ आक्रमण हम्ला चढ़ाई ४ मिन राजा की सैन्य ५ रसद | भोज्यपदार्थ | आसिकः ( पु० ) तलवारबहादुर सिपाही । प्रसिधारम् (न० ) व्रत विशेष | प्रसुतिः (बी० ) परिश्रवण निःसरण क्षरया | खिंचाव टपकाव । आव २ फॉट काय | तलवारबंद काड़ा ।
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