सदस्यः:Devesh Shastri

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जयत्विष्टिकापुरी[सम्पाद्यताम्]

जयतु जयतु अस्माकं धरणी, जयत्विष्टिकापुर्याः धरणी। गंगा-यमुना नद्योर्मध्ये, श्रेष्ठा चेयमुर्वरा धरणी। जयतु जयतु अस्माकं धरणी, जयत्विष्टिकापुर्याः धरणी।। घारं पारं करक पचारम, इति नामसु विभक्ता धरणी। जयतु जयतु अस्माकं धरणी, जयत्विष्टिकापुर्याः धरणी।। गंग-देव-शिशु-पंगु कवीनाम काव्यै सतत गुन्जिता धरणी। जयतु जयतु अस्माकं धरणी, जयत्विष्टिकापुर्याः धरणी।। राज्ये- राष्ट्रे - विश्व गोलके संशोभितालंकरिता धरणी। जयतु जयतु अस्माकं धरणी, जयत्विष्टिकापुर्याः धरणी।।

श, ष, स भेद , उच्चारण स्थान[सम्पाद्यताम्]

श ष स के उच्चारण भेद को बहुधा लोग नहीं जानते, यदि जानते भी होंगे तो जानबूझ त्रुटि करते हैं अथवा स्वाभविक सुगमतावश गलत उच्चारण होता है। संस्कृत ही एक मात्र व्यवस्थित जिसका विज्ञानपरक व्याकरण को समूचा विश्व अपनी आवश्यकतानुकूल ग्रहण कर रहा है। हमें समझना होगा उच्चारण स्थान को - 1 अकुहविसर्जनीयानां कण्ठः क वर्ग (क, ख, ग, घ, ङ) अ, आ, ह और विसर्ग का उच्चारण स्थान कण्ठ है। 2 इचुयशानां तालुः च वर्ग (च, छ, ज, झ, ´) इ, ई, य, श का उच्चारण स्थान तालु है। इसी आधार पर श के तालव्यी होने की पहचान सर्व विदित है। 3 ऋटुरषानां मूर्घाः ट वर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण) ऋ, र, ष का उच्चारण स्थान मूर्धा है। इसी आधार पर ष के मूर्धन्नी होने की पहचान सर्व विदित है। 4 लृतुलसानां दन्तः त वर्ग (त, थ, द, ध, ना) लृ, ल, स का उच्चारण स्थान दंत है। इसी आधार पर स के दन्ती होने की पहचान सर्व विदित है। 5 उपूपध्मानीयानामोष्ठौ प वर्ग (प, फ, ब, भ, म) )( उ, ऊ का उच्चारण स्थान ओष्ठ है। तालव्यी, मूर्धन्नी, दन्ती रूपी पहचान ही श,ष,स के भेद को प्रकट करती है। च वर्ग के फ्लो में जीभ का तालु से स्पर्श होते हुए निकलने वाली शकार ध्वनि तालव्यी है। टवर्ग के फ्लो में मुंह के खुलने से निकलने वाली षकार ध्वनि मूर्धन्नी है, जबकि त वर्ग के फ्लो में दंतपंक्तियों के परस्पर मिलने से होने वाली सकार ध्वनि दन्ती है।


संस्कार-संस्कृत-संस्कृति: यथा गम् धातु से गमन-गत-गति शब्द, दृश् धातु से दर्शन-दृष्ट-दृष्टि, कृ धातु करण-कृत-कृति, स्थ धातु से स्थापन-स्थित-स्थिति। गमन-गत-गति दर्शन-दृष्ट-दृष्टि करण-कृत-कृति में जो पारस्परिक सार्थक संबन्ध हैं वही संस्कार-संस्कृत-संस्कृति में भी है। संस्कार से संस्कृत को व संस्कृत से संस्कृति को सर्वथा अलग नहीं किया जा सकता।

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