श्रीचन्द्रशेखराष्टकम्

विकिस्रोतः तः



चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् ।
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ १॥
रत्नसानुशरासनं रजतादिशृङ्गनिकेतनं
    सिञ्जिनीकृतपन्नगेश्वरमच्युताननसायकम् ।
क्षिप्रदघपुरत्रयं त्रिदिवालयैभिवन्दितं
    चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ २॥
पञ्चपादपपुष्पगन्धपदाम्बुजदूयशोभितं
    भाललोचनजातपावकदग्धमन्मथविग्रहं ।
भस्मदिग्धकलेवरं भवनाशनं भवमव्ययं
    चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ ३॥
मत्त्वारणमुख्यचर्मकृतोत्तरीमनोहरं
    पङ्कजासनपद्मलोचनपुजिताङ्घ्रिसरोरुहम् ।
देवसिन्धुतरङ्गसीकर सिक्तशुभ्रजटाधरं
    चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ ४॥
यक्षराजसखं भगाक्षहरं भुजङ्गविभूषणं
    शैलराजसुता परिष्कृत चारुवामकलेवरम् ।
क्ष्वेडनीलगलं परश्वधधारिणं मृगधारिणं
    चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ ५॥
कुण्डलीकृतकुण्डलेश्वरकुण्डलं वृषवाहनं
    नारदादिमुनीश्वरस्तुतवैभवं भुवनेश्वरम् ।
अन्धकान्धकामा श्रिता मरपादपं शमनान्तकं
    चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ ६॥
भषजं भवरोगिणामखिलापदामपहारिणं
    दक्षयज्ञर्विनाशनं त्रिगुणात्मकं त्रिविलोचनम् ।
भुक्तिमुक्तफलप्रदं सकलाघसङ्घनिवर्हनं
    चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ ७॥
भक्त वत्सलमचिञ्तं निधिमक्षयं हरिदम्वरं
    सर्वभूतपतिं परात्पर प्रमेयमनुत्तमम् ।
सोमवारिज भूहुताशनसोमपानिलखाकृतिं
    चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ ८॥
विश्वसृष्टिविधालिनं पुनरेव पालनतत्परं
    संहरन्तमपि प्रपञ्चम शेषलोकनिवासिनम् ।
क्रिडयन्तमहर्निशं गणनाथयूथ समन्वितं
    चन्द्रशेखर चन्द्रशेकर चन्द्रशेकर रक्षमाम् ॥ ९॥
मृत्युभीतमृकण्डसूनुकृतस्तव शिव सन्निधौ
    यत्र कुत्र च पठेन्नहि तस्य मृत्युभयं भवेत् ।
पूर्णमायुररोगितामखिलाथ सम्पदमादरं
    चन्द्रशेखर एव तस्य ददाति मुक्तिमयत्नतः ॥ १०॥
               ॥। इति चन्द्रशेखराष्टकम् ॥