प्रहेलिकानीवी
प्रहेलिकानीवी
रचयिता जि॰एस्॰श्रीनिवासमूर्तिः
Date of Publication: August 23, 2024
Introduction
[सम्पाद्यताम्]This short collection of verses in Sanskrit contains 12 arithmetic puzzles, accompanied by translations in English and Hindi. The Hindi translation and answers at the end have been provided by Mohit Dokania. I have liberally employed poetic license to adapt the puzzles drawing inspiration from the original English puzzles found in Henry Ernest Dudeney’s “Amusements in Mathematics“ to blend seamlessly with the ambience of Sanskrit. The work has been jointly reviewed and edited by the authors.
परिचय
[सम्पाद्यताम्]यह संक्षिप्त संग्रह संस्कृत में लिखी गई 12 अंकगणितीय पहेलियों का संग्रह है, जिसमें अंग्रेज़ी और हिंदी अनुवाद भी सम्मिलित हैं। हिन्दी अनुवाद और अंत में प्रदत्त उत्तर मोहित डोकानिया द्वारा दिये गए हैं। मैंने हेनरी अर्नेस्ट ड्यूडेनी की “Amusements in Mathematics“ में उपलब्ध मूल अंग्रेज़ी पहेलियों से प्रेरणा लेकर इन्हें संस्कृत के शास्त्रीय और काव्यात्मक वातावरण में ढालने के लिए काव्यात्मक स्वतंत्रता का भरपूर उपयोग किया है। पहेलियों को संस्कृत की शैली और प्रवाह के अनुरूप ढाला गया है, जिससे वें प्राचीन भारतीय परंपरा और भाषा से जुड़ी लगें। इस कार्य का लेखकों द्वारा संयुक्त रूप से पुनरीक्षण और संपादन किया गया है।
मानकपरिभाषा
[सम्पाद्यताम्]पैसा हि मुद्रा नवभारतेऽस्मिन् तासां शतं रूप्यकनाम धत्ते ।
भारस्य मानं खलु सर्वकारेणाङ्गीकृतं ग्राम्म इति प्रसिद्धम् ।
ग्राम्माभिधानां यदि चेत् सहस्रं केजी किलोग्राम्म इति ब्रुवन्ति ।
तेषां शतं क्विंटलनाम धत्ते तेषां दशाप्नोति हि टन्ननाम ॥
सेकण्ड एवेह हि कालमानं षष्टिस्तु तेषां मिनटाभिधः स्यात् ।
तेषां हि षष्टिः प्रथिता हि घण्टा ततः परं सर्वजनैः सुवेद्यम् ॥
दैर्घ्यस्य मानं खलु नाम मीटरो विभज्यते सः शतसेन्टिमीटरैः ।
जनः सहस्रं खलु मीटराणां ब्रूते किलोमीटरमत्र देशे ॥
तलस्य मानं खलु वर्गमीटरं वदन्ति तेषामयुतं हि कथ्यते ।
हेक्टेरनाम्ना बहुशो प्रयुज्यते क्षेत्रप्रदेशे तलमानकर्मणि ॥
आकारमानं घनसेन्टिमीटरः स सीसिनाम्ना क्वचन प्रयुज्यते ।
तेषां सहस्रं द्रवमानकर्मणि प्रयुज्यते लीटर इत्युदीर्यते ॥
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In modern India Paisa is the unit of currency. One hundred paisa s make a Rupee. The Government of India has accepted the unit of weight as gram. One thousand grams is recognized by people as kilogram. One hundred kilograms goes by the name of quintal. Ten quintals get the name of ton. Second is the unit of time. Sixty seconds is called a minute. Sixty minutes make the well-known hour. Units beyond an hour are well known. Unit of length is Metre. A Metre divided by one hundred gives a Centimetre. In this country, people call one thousand Metres a Kilometre. Unit of area is a square metre and ten thousand square metres make a Hectare which is extensively used in land measurements. Unit of volume is Cubic centimetre and is often called cc. A thousand cc s make a Litre and is used in measuring liquids.
आधुनिक भारत में पैसा मुद्रा की इकाई है। सौ पैसे मिलकर एक रुपया बनाते हैं। भारत शासन ने भार की इकाई के रूप में ग्राम को स्वीकार किया है। एक सहस्र ग्राम को किलोग्राम कहा जाता है। सौ किलोग्राम को क्विंटल के नाम से जाना जाता है। दस क्विंटल को टन कहा जाता है। समय की इकाई सेकंड है। साठ सेकंड को मिनट कहा जाता है। साठ मिनट मिलकर घंटा बनाते हैं, जो सभी के लिए जाना-पहचाना है। घंटे से बड़ी इकाइयाँ भी प्रचलित हैं। लंबाई की इकाई मीटर है। एक मीटर को सौ भागों में बाँटने पर सेंटिमीटर बनता है। इस देश में एक सहस्र मीटर को किलोमीटर कहा जाता है। क्षेत्रफल की इकाई वर्ग मीटर है और दस सहस्र वर्ग मीटर को हेक्टेयर कहा जाता है, जो भूमि मापने में प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है। आयतन की इकाई क्यूबिक सेंटिमीटर है, जिसे प्रायः सीसी कहा जाता है। एक सहस्र सीसी मिलकर लीटर बनाते हैं, जिसका प्रयोग तरल पदार्थों को मापने में होता है।
प्रहेलिका १
[सम्पाद्यताम्]सायं काचित्पतिगृहमगान्मेलितुं स्वप्रियेण।
प्रातो याताध्वनि हि विचरन्ती स्वगेहं निवृत्ता ।
तस्या वेगः प्रथमदिवसे षट्सहस्राणि मीटर्
घण्टायां चेत्तदितरदिने केवलं भोः तदर्धः
माध्यं वेगं वद यदि चतुरः द्राक् सुहृद्वारिजाक्ष्याः ॥
[माध्यवेगः=average speed]
One evening a woman went to her husband’s residence to meet with him. Next morning she returned to her residence taking the same route. While on the first day her speed was 6000 metres per hour, on the subsequent day it was just half of it. Dear friend, if you are sharp in mathematics, tell quickly the average speed of the lotus-eyed lady.
एक सांझ एक स्त्री अपने पति से मिलने उसके घर गई। अगले दिन सवेरे वह उसी मार्ग से अपने घर लौट आई। पहले दिन उसकी गति 6000 मीटर प्रति घंटा थी, जबकि अगले दिन यह आधी रह गई। हे मित्र, यदि गणित में तुम्हारी अच्छी समझ है, तो कमल नेत्रों वाली इस स्त्री की सामान्य गति शीघ्र बताओ।
प्रहेलिका २
[सम्पाद्यताम्]सममिलन् पशुमृगापणे त्रयो रविबृहस्पतिमहेश्वराभिधाः।
रविरुवाच तुरगाय ते सखे मम गृहाण षडजान् महेश्वर ॥
पशुगणान्मम तदा भविष्यति द्विगुणितो तव गणः शुभं भवेत् ।
दयित देहि तुरगं रवे तदा प्रतिददामि शशकान् चतुर्दश ॥
त्रिगुणितस्तव गणश्च मामकाद्भवति हीत्यवदत्बृहस्पतिः ।
नय ममाजचतुष्टयमञ्जसा यदि ददासि शशकं बृहस्पते ॥
तव गणो भवति षड्गुणं सखे मामकादिति बभाण महेश्वरः ॥
यदि भवान् गणितज्ञ बुध्यते कति भवन्ति पशवो गणत्रये ॥४ ॥
Three persons named Ravi, Bruhaspati, and Maheshvara met in an animal market. Ravi said, “Maheshvara, take my six bucks (male goats) in place of your horse. You will then have twice the number of animals with me. That will do you good.” Bruhaspati said, “Dear [Ravi], give me your horse and I will give you 14 rabbits. Then you will have three times the number of animals I will have.” [Maheshvara] told Bruhaspati, smiling, “Take my 4 bucks and give me a rabbit, and the number of animals in your group will grow 6 times.” O mathematician! Do you know how many animals there are in the three groups?
If m, r, and b are the numbers of animals with Maheswara, Ravi, and Bruhaspati respectively, then the equations are:
1. m + 5 = 2(r – 5) 2. r + 13 = 3(b – 13) 3. b + 3 = 6(m – 3)
तीन व्यक्ति जिनका नाम रवि, बृहस्पति और महेश्वर था, एक पशु मण्डी में मिले। रवि ने कहा, "महेश्वर, मेरे छः बकरों को अपने घोड़े के बदले में ले लो। फिर आपके पास मुझसे दोगुने पशु होंगे। इससे आपको लाभ होगा।" बृहस्पति ने कहा, "प्रिय [रवि], मुझे अपना घोड़ा दे दो और मैं आपको चौदह शशक दूंगा। फिर आपके पास मेरे पशुओं की संख्या के तीन गुना पशु होंगे।" [महेश्वर] ने बृहस्पति से मुस्कराते हुए कहा, "मेरे चार बकरे ले लो और मुझे एक शशक दे दो, और आपके समूह में पशुओं की संख्या छः गुना बढ़ जाएगी।" हे गणितज्ञ! क्या आपको पता है कि तीन समूहों में कितने पशु हैं?
यदि म, र, और ब क्रमशः महेश्वर, रवि, और बृहस्पति के पास पशुओं की संख्याएँ हैं, तो समीकरण निम्नलिखित हैं:
1. म + ५ = २(र – ५) 2. र + १३ = ३(ब – १३) 3. ब + ३ = ६(म – ३)
प्रहेलिका ३
[सम्पाद्यताम्] “किं वर्षीयाम्ब?" ‘वत्से, कलयसि यदि मे ते वयः त्वत्पितुश्च
प्राप्नोष्यङ्कं सलीलं शृणु दशगुणितं सप्त" “हे ते वयः किम्?” ।
पुत्र्या पृष्टः पिताह स्मितवलितदृशा, “षड्गुणं तावकीनात्”
“किं मे भूयात् कदाचित् वद तव वयसस्त्वर्धभागं वयो मे?”॥
“सत्यं भद्रे तदा स्यात् यदि कलयसि मे ते वयः त्वज्जनन्याः
चत्वारिंशत्समेतं शतमिति विदितं बुध्यसे किं वयो मे ।
किं ते मातुस्त्वदीयं वद यदि चतुरा ह्यङ्कशास्त्रे प्रवीणा”
पित्रा पृष्टेति कन्या वदति सुकरमित्युल्लसत्स्मेरनेत्रा ॥
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“Mother, how old are you?” “Listen, if you add my age, your age, and that of your father, you will get 70 easily.” When queried by the daughter, the father said, “My age is six times yours,” with a crooked smile. “Tell me, will my age ever be one-half of yours?” “Surely, my darling, when the sum of my age, your age, and your mother’s age will be 140. Can you tell me my age, your mother’s age, and yours if you are well-versed in arithmetic?” When the father asked his daughter, Thus, she replied, “It is quite easy,” with a smile sparkling in her eyes.
“माँ, आपकी आयु क्या है?” “सुनो, यदि तुम मेरी आयु, तुम्हारी आयु, और तुम्हारे पिता की आयु जोड़ोगी, तो तुम सुगमता से 70 प्राप्त कर सकोगी।” जब बेटी ने पूछा, तो पिता ने कहा, “मेरी आयु तुम्हारी आयु की छह गुना है,” एक चिढ़ी हुई मुस्कान के साथ। “बताओ, क्या कभी मेरी आयु तुम्हारी आयु का आधा हो पाएगी?” “निश्चित रूप से, प्रिय, जब मेरी आयु, तुम्हारी आयु, और तुम्हारी माँ की आयु का योग 140 होगा। क्या तुम मेरी आयु, तुम्हारी माँ की आयु, और अपनी आयु बता सकती हो यदि तुम गणित में कुशल हो?” जब पिता ने अपनी बेटी से ऐसा पूछा, तो उसने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “यह बहुत सरल है,” उसकी आँखों में चमक के साथ।
प्रहेलिका ४
पान्थः कश्चित् परिणतदिने ग्रामिकावासमेत्य
ब्रूते “भोस्ते विमलमनसा मङ्गलं व्याहरामि ।
प्राप्ता सन्ध्या खगरवरुचिरा रात्रिमेकामुषित्वा
गेहेऽस्मिन् श्वो दिनकरकिरणाक्रान्तमार्गेण यामि” ॥१॥
पान्थं ब्रूते गृहजनसुखदः ग्रामिक”स्तेऽस्तु भद्रं
गेहेऽस्मिन् भोः अवितततले बान्धवाः सन्ति भूरि ।
श्वश्रूः पुत्र्यौ पतिजनयिता सोदरश्च स्वसारौ
पुत्रौ पौत्र्यौ दयितपितरावार्यकश्चार्यका च ॥२॥
पत्न्यौ पौत्रश्च पतियुगलं च स्नुषा मातृयुग्मम्
गच्छेतस्त्वम्” श्रयविरहितं कोऽपि धूर्तो ब्रवीति ।
“गेहेऽस्मिन् भोः मम सुविदितं बान्धवाः सप्त एव”
प्राज्ञालोच्य प्रणिहितमनाः ब्रूहि किं सत्यमत्र ॥ ३॥
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A traveler arrives in the evening at the residence of the village chief and says, “Hello, with a clear mind I wish you well. This evening is made pleasant by the sounds of birds. I will spend the night here and leave tomorrow as the sun rises and brightens the road.”
The village chief, who takes care of his people, replies, "Hello, may good things happen to you. In this small house, many relatives are staying: a mother-in-law, two daughters, a father-in-law, a brother, two sisters, two sons, two granddaughters, two beloved fathers, a grandfather, a grandmother, two wives, a grandson, two husbands, a daughter-in-law, and two mothers. You should leave now."
One troublemaker told him, "Hello, there are only seven relatives in this house. I know it very well."
"Dear scholar, think carefully. What is the truth here?”
एक यात्री सन्ध्या को गाँव के मुखिया के घर पहुँचता है और कहता है, “नमस्ते, निर्मल मन से मैं आपका मङ्गल कहता हूँ। इस सन्ध्या को पक्षियों की ध्वनियाँ सुखद बना रही हैं। मैं यहाँ रात बिताऊँगा और कल जब सूर्य उगकर मार्ग को उज्जवल करेगा तब चला जाऊँगा।”
गाँव के मुखिया, जो अपने लोगों का ध्यान रखते हैं, उत्तर देते हैं, "नमस्ते, आपको शुभकामनाएँ। इस छोटे से घर में कई संबंधी रह रहे हैं: एक सास, दो बेटियाँ, एक ससुर, एक भाई, दो बहनें, दो बेटे, दो पोतियाँ, दो प्यारे पिता, एक दादा, एक दादी, दो पत्नियाँ, एक पोता, दो पति, एक बहू, और दो माताएँ। अब तुम यहाँ से जाओ।"
एक उपद्रवी ने उनसे कहा, "नमस्ते, इस घर में केवल सात संबंधी हैं। मुझे यह भली-भांति पता है।"
"प्रिय विद्वान, ध्यान से सोचो। यहाँ सत्य क्या है?”
प्रहेलिका ५
[सम्पाद्यताम्]जायापतीनां प्रजगाम पञ्चकः क्रीडाविलासाय महावनं प्रति ।
तत्रत्यनद्यास्तरणाय नाविकात् जग्राह नौकां सुदृढां मनोहराम् ॥
स नाविकस्तानवदच्च दम्पतीन् जनत्रयं मात्रमियं वहेत् खलु ।
एकस्य मूल्यं तरणस्य देयं द्राक्रूप्यकाणां शतमित्यवेहि ॥
पुमांस ऊचुः न हि खेदकारणं निषेध एषोऽपि न लङ्घ्यते खलु ।
नोपस्थिते भर्तरि नानुमन्यते ह्यन्येन पुंसा सह वर्तनं स्त्रियाः ॥
अमू पुरस्कृत्य विधी तथाकरोत् कियन्ति नद्यास्तरणानि वक्षि किम् ।
यथोक्तसंख्या भजते कनिष्ठतां स पञ्चकः गण्यजनेषु पण्डिते ॥
Five couples went on an excursion to a forest. They hired a sturdy and elegant boat from a boatman to cross a stream. The boatman informed them that the boat could carry only three people at a time and one hundred rupees must be paid immediately for each crossing. The men said, “That is not a concern. We will also adhere to the following restriction: A woman who is not accompanied by her husband is not allowed to be with another person.” Lady! You are considered erudite among the respected. Can you tell how many crossings did the group of 5 pairs make such that the number of crossings is a minimum?
पाँच दम्पती एक वन में भ्रमण पर गए। उन्होंने एक उत्तम और सुंदर नाव एक नाविक से भाड़े पर ली जिससे वें एक धारा पार कर सकें। नाविक ने उन्हें बताया कि नाव एक बार में केवल तीन लोगों को ही ले जा सकती है और प्रत्येक बार नदी पार करने पर सौ रुपये तुरंत देने होंगे। पुरुषों ने कहा, "यह कोई समस्या नहीं है। हम निम्नलिखित नियम का भी पालन करेंगे: कोई भी महिला जो अपने पति के साथ नहीं है, उसे किसी अन्य पुरुष के साथ ठहरने की अनुमति नहीं होगी।" देवी! आपको सम्माननीय जनों में विदुषी माना जाता है। क्या आप बता सकती हैं कि 5 जोड़ों के समूह ने न्यूनतम संख्या में कितनी बार पार किया?
प्रहेलिका ६
[सम्पाद्यताम्]गृहस्थो भार्याचाप्रतिमसुखदं पुत्रयुगलं
तरण्या तेरुस्ते शुनकसहिताः स्वच्छसरितम् ।
किलोग्राम्मान् षष्टिं वहति हि नौका न तदधिकम्
अहो पत्न्याः पत्युश्च स भवति भारो न सुकरः ॥
पितुर्भारस्यार्धो भवति यदि भारो लघुतनोः
सुतस्येकैकस्य प्रियशुनकभारस्त्वगणितः।
कथं सिन्धुं त्तेरुः कथय कति वारं तरति नौः
यदि त्वं संख्याने पटुरसि विदग्धा प्रथितधीः ॥
A householder, his wife, and their two sons crossed a clean stream in a boat along with their dog. The boat could carry only 60 kg at a time. Each of the couple weighs 60 kg, which is the boat’s maximum capacity. Each of the sons, being small in build, weighs half of the father’s weight. The puppy’s weight is negligible. O scholarly lady of reputed intelligence, if you are adept at calculations, tell me how they crossed the river and how many times the boat crossed the river.
एक गृहस्थ, उनकी पत्नी और उनके दो पुत्र एक स्वच्छ धारा को अपने कुत्ते के साथ नाव में पार कर रहे थे। नाव एक बार में केवल ६० किलो भार उठा सकती थी। दोनो पति-पत्नी का भार ६०-६० किलो है, जो नाव की अधिकतम क्षमता है। दोनों पुत्र, जो छोटे कद के हैं, पिता के भार का आधा भार रखते हैं। कुत्ते का भार नगण्य है। ओ विदुषी महिला, यदि आप गणना में निपुण हैं, तो बताइए कि वे किस प्रकार नदी पार किए और नाव ने कितनी बार नदी पार की।
प्रहेलिका ७
[सम्पाद्यताम्]तरीतुमैछत्कृषकः कदाचिन्नदीं तरण्या यवपूर्णकुम्भं
बिडालमेकं मृदुलं कपोतं सहात्मना नेतुमथ प्रयेते ॥
नौका क्षमासीत् कृषकेण सार्धं वस्त्वेकमेवोत्तरणे हि वोढुम् ।
यवो बिडालश्च कपोतसङ्गे लोके भवेतां न नृणा ह्यरक्षितौ।
कृशीवलः काङ्क्षति मार्गदर्शनं कथं तरेत् सः कति वारमापगाम् ।
विवेकमाधृत्य वदाञ्जसा प्रिये दक्षा त्वमस्मद्गृहनौनियन्त्रणे ॥
A farmer once wanted to cross a river in a boat. He had to transport a pot full of maize, a cat, and a soft dove. However, the boat could only carry one of these items along with the farmer at a time. In this world unless protected by a person, maize, or the cat could not be left with the dove alone. The farmer needs guidance on how to cross the river and how many trips he needs to make. Tell me, dear expert in managing household tasks, how should he proceed?
एक किसान को एक बार एक नदी पार करनी थी। उसके पास मकई से भरा एक बर्तन, एक बिल्ली और एक कोमल-सा कबूतर था। नाव एक बार में किसान के साथ केवल एक ही वस्तु ले जा सकती थी। इस संसार में, जब तक किसी व्यक्ति द्वारा संरक्षित नहीं किया जाता, मकई या बिल्ली को अकेले कबूतर के साथ नहीं छोड़ा जा सकता। किसान को नदी पार करने के लिए कितनी बार यात्रा करनी पड़ेगी, इसके बारे में मार्गदर्शन चाहिए। बताइए, प्रिय गृहस्थों के प्रवीण, उसे किस प्रकार आगे बढ़ना चाहिए?
प्रहेलिका ८
[सम्पाद्यताम्]कस्यचित् दुग्धविक्रेतुरासन् वै ग्राहकास्त्रयः ।
एकैकस्मै प्रदातव्याः चत्वारो लीटराः प्रगे ॥१॥
आस्तां तस्य सकाशे द्वे भिन्ने मापनभाजने ।
माति त्रीन् लीटरानेकमन्यं लीटरपञ्चकम् ॥२॥
नोपयुज्यान्यपात्राणि कथं वितरणं भवेत् ।
दुग्धवत्स्निग्धहृदये विचिन्त्य वद मत्प्रिये ॥३॥
A milk-seller had three customers, and he needed to give each of them 4 liters in the morning. He had two measuring vessels: one with a capacity of 3 liters and the other with a capacity of 5 liters. Tell me, my dear [lady] with a milk-like soft heart, how could the distribution be made without using any other vessels?
एक दूधवाले के पास तीन ग्राहक थे, और उसे प्रत्येक को सवेरे 4 लीटर दूध देना था। उसके पास दो मापने वाले बर्तन थे: एक की क्षमता 3 लीटर और दूसरे की क्षमता 5 लीटर थी। बताइए, प्रिये आपका हृदय दूध जैसा कोमल है, बिना किसी अन्य बर्तन का उपयोग किए वितरण कैसे किया जा सकता है?
प्रहेलिका ९
[सम्पाद्यताम्]तैलं क्रेतुं विपणिमगमत् कश्चिदन्येन सार्धं । १
विक्रेतारं “तव कति सखे लीटराः सन्ति भाण्डे?”।२
पप्रच्छेत्थं स “सपदि चतुर्विंशतिः केवलं भोः।३
कापेक्षा ते कति तव सुहृदः ब्रूहि मामि”त्यवादीत् ॥४
“वाञ्छाष्टावेव मम सुहृदः मामकेच्छा समाना”।५
इत्युक्तः सः विकसितमुखः,“तर्हि शक्नोमि दातुं॥६
भोः पञ्चैकादशदशयुतत्रीणि मातुं कृतानि ।७
पात्राणीमानि तव सविधे पूरयन्ति त्वदिच्छाम्” ॥८
उक्त्वेत्थं सो वितरण विधौ न्यस्तचित्तो बभूव।९
मूल्यं तैलस्य च समुचितं प्राप्य निष्ठः कृतार्थः।१०
खाद्यानां ते वितरणकला प्रत्यहं भासमाना ।११
कान्ते याचे वितरणविधिर्वर्ण्यतां तैलकस्य॥१२
A person went to the market with another person to buy oil. He asked the seller, "Dear friend, how many liters [of oil] do you have in your vessel?" The seller quickly replied, "24 liters only. How much do you and your friend need? Tell me." The person responded, "My friend needs 8 liters, and I need the same amount." The seller, with a bright face, said, "In that case, I can help. These vessels, which measure 5, 11, and 13 liters, will meet your requirements." Having said that, he got busy with the procedure for distribution.
"Dear, your skill in distributing goods shines everyday. Please explain the procedure adopted by the oil-seller.”
एक व्यक्ति एक अन्य व्यक्ति के साथ तेल लेने के लिए हाट गया। उसने विक्रेता से पूछा, "प्रिय मित्र, आपके बर्तन में कितने लीटर तेल है?" विक्रेता ने तुरंत उत्तर दिया, "केवल २४ लीटर। आपको और आपके मित्र को कितना चाहिए? बताइए।" व्यक्ति ने उत्तर दिया, "मेरे मित्र को ८ लीटर चाहिए, और मुझे भी उतना ही चाहिए।" विक्रेता ने मुस्कराते हुए कहा, "इस स्थति में, मैं सहायता कर सकता हूँ। ये बर्तन, जो ५, ११, और १३ लीटर के हैं, आपकी आवश्यकता को पूरा कर देंगे।" ऐसा कहकर, वह वितरण की प्रक्रिया में व्यस्त हो गया।
"प्रिये, आपके वस्तुओं के वितरण की कुशलता प्रत्येत दिन चमकती है। कृपया तेल विक्रेता द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया की व्याख्या करें।”
प्रहेलिका १०
[सम्पाद्यताम्]कन्दुका नव सन्त्यत्र रूपे वर्णे समाः परम् ।१
भारे न्यूनस्त्वेकतरस्तोलनाद्व्रियते प्रिये ॥२
विना मुद्रित भारान्स्ते तुलायन्त्रं प्रदीयते ।३
कथं द्विस्तोलयित्वार्ये वृणुषे न्यूनकन्दुकम् ॥४
Here are 9 balls of the same size and color, but one of them is lighter. You need to identify the lighter ball by weighing. My dear lady, you will be given a balance without standard weights. How can you find the lighter ball by weighing only twice?
यहाँ ९ गेंदें हैं जो आकार और रंग में समान हैं, किन्तु उनमें से एक हल्की है। आपको हल्की गेंद का पता लगाना है। प्रिये, आपको बिना मानक भार वाली तुला दी जाएगी। आप केवल दो बार तौलकर हल्की गेंद का पता कैसे लगाएंगी?
प्रहेलिका ११
[सम्पाद्यताम्]परस्परं द्वादशकन्दुका इमे दिशन्ति बिम्बप्रतिबम्बभावनाम् । १
परन्तु कोऽप्येकतरस्तु विद्यते ऽन्येभ्यः गुरुर्वा लघुरित्युदीरितम् ॥२
कार्यं त्रिरेवात्र तुलाधिरोहणं न दीयते मुद्रितभारमापकः ॥३
अहं यथात्वावृणवं तिलोत्तमे तथैव कान्ते वृणु भिन्नकन्दुकम्॥४
These 12 balls are identical to each other, like reflections in a mirror. However, it is said that one among them is either lighter or heavier. The balance can be used only three times, and no standard measuring weights are provided. My dear Tilottama! Identify the unequal ball just as I chose you.
ये १२ गेंदें एक-दूसरे के वैसे ही समान हैं, जैसे दर्पण में प्रतिबिंब होते हैं। किन्तु ऐसा कहा जाता है कि उनमें से एक या तो हल्की है या भारी। तुला का प्रयोग केवल तीन बार किया जा सकता है, और कोई मानक भार उपलब्ध नहीं है। मेरी प्रिये तिलोत्तमे ठीक वैसे ही असमान गेंद का पता लगाओ, जैसे मैंने तुम्हें चुना।
प्रहेलिका १२
[सम्पाद्यताम्]कथय युगपत्समानसरलरेखामाश्रितौ घटीहस्तौ ।
विपरीतदिशामुखिनौ कतिकृत्वोऽहर्निशं भवतः ॥
Tell me, over a day and night [24 hours], how many times do the two hands of a clock align to form a straight line in opposite directions?
मुझे बताओ, एक दिन और रात [२४ घंटे] में घड़ी की दोनों सुइयाँ विपरीत दिशाओं में एक सीध में कितनी बार आती हैं?
॥इति प्रहेलिकानीवी संपूर्णा॥
उत्तराणि
[सम्पाद्यताम्]- 4000 metres per hour.
- m=7, r=11, b=21.
- The daughter is 5 years and 10 months, the father is 35 years, and the mother is 29 years and 2 months.
- Village Chief, his wife, son, daughter-in-law, grandson and two granddaughters.
- 11 crossings
- 11 crossings
- 7 crossings
- Fill the 5-liter vessel completely and pour milk into the 3-liter vessel until it's full, leaving 2 liters in the 5-liter vessel. Empty the 3-liter vessel, then transfer the 2 liters from the 5-liter vessel to the 3-liter vessel. Refill the 5-liter vessel and pour milk into the 3-liter vessel, which already has 2 liters, until it's full. This leaves exactly 4 liters in the 5-liter vessel.
- Fill the 13-liter vessel completely and pour milk into the 5-liter vessel until it's full, leaving exactly 8 liters in the 13-liter vessel.
- Divide them into three groups to find the heavier group by balancing any two groups. Similarly, find the heavier ball in the heavier group.
- Divide them into three groups to find the unequal group by balancing any two groups. Divide them into two pairs to find the unequal pair and now weigh both balls from the unequal pair.
- 22 times.