सुत्रामाणं पृथिवा ऋग्वेदे समाप्ये Asa wwwwww सुनामाण पृथिवी १०,६३, १० सुदो दक्ष प्रत्तुना १०,९१, ३ सुदामे दवा वसु १,४७,६ सुदेव महासति ५५३, १५ सुदेवास्थ काण्यायना ८५५४ सुदेवो अद्य प्रपतेद् १०, १५, १४ सुदेवो असि वरण ८,६९१२ सुनिमंया निर्मशिन ३,३९,१२ सुनीतिभिर्नयासि २,२३,४ सुनीयो घास सर्यो ८,४६,४ सुनोठा मधुमत्तम ९३०, सुनीता सोमा ७३२,८ सुन्दन्ति सोम रधिरासो १०,७६,७ सुपर्ण इत्या १०,२८, १० सुपणे चस्ते मृगो ६०५,११ सुपर्ण विशश कवयो १०, ११४, ५ सुपण पुत मासते ९,१०५११ सुगणी वाचमरतोष १०९४,५ 1 सुपेश सुरथ १,४९, २ सुपेश मा ५,३, १३ सुनतीक बयोधा ५,५,६ वीर २,१३,११ सुदी] ८२२, १८ पानी क्षय ७,६६५ सुमास्यापा ४२५८६ सुप्रै सूचसो ११९०६ सुशक्षाण देववन्द्रं १०,४३,३ राज्य १,८६,७ सुभग सतिषु ८२०,१५ सुभगा देवा शृणुत १०,०८,८ मोरिय वधू १०,८५,३३ ३,५८, ३ युवन्ति ३,५८, १ गुराँ ८,६८,१६ सुरुषमे हि सुरेशमाथि १,१८८६ ११ ७ि४, १२ विश्यमाम ९८४१२ सुविद्युत सुनिरजम् १,१०,७ सुवोर रविमा भर ६, १६,२९ सुवीरम्ते जनिता मन्यत ४,१७,४ सुवीरासो वयं धना ९,६१,२३ सुवीर्ये स्वव्य ८१२, ३३ सुबुद्रथो वर्तते १,१८३,३ सुदासो बोधि गृणते ९,४४.६ सुशिल्पे बृहती मही ९,५,६ सुशेवो मो मृळया ८,९,७ सुपड़ा सोम तानि ९,२९, ३ सुपुथ्वीस ऋभव १,१६१,१३ सुपुष्वासन निरुपस्थे १,११७,५ सुपुमा यातमदिद्धि १,१३७,१ सुपोमे शर्यणावति ८, ५,२९ सुष्टुभो वा वृषण्वसू ५,७५,४ सुष्ठामा रथ सुयना १०,४४, २ सुवाणास इन्द्र स्तुमसि १०, १४८, १ सुप्वाणासो व्यद्रिभि° ९,१०१,११ सुरुकाया मातृमृष्य १, १२३, ११ सुबहते स्वनीक ७, ३, ६ सुसंदृश स्वामय प्रति पश्येम १०,१५८,५ सूर्गानन्द्रमसौधाता सुसरा रवा वय मघवन् १,८२, ३ सुसमिद्धाय शोचिषे ५,५,१ सुसमिद्धो म था वह ९१३, १ सुनचाक प्रथम १०,८८,८ सूनभि वचोभि ५४५४ सुनोमनिनाश्विना गुणाना १,११५, ११ सूयवसाद्भगवती १, १६४,४० सूर उपाऊँ तवं ४,१६,१४ सूरमं] बृहन्त २,१३०९ सूरचिदा हरितो १०, १२, ८ सूरविद्रय परितम्याय ५,३१,११ भूरो न यस्पा ६३.३ सूर्य १०, ११,३ महरिकेश १०, १३९, १ ९,६९, ध्येय पक्ष ७, ३३, सूर्यासता १०,१९०३ [ ४०२८ ]
पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol8.djvu/७२२
दिखावट