घपर्व ] ] वध्योऽभविष्यत्स मैमसेनिर्घटोत्कचः ॥ २५ न निहतः पूर्वमेय युष्मत्प्रियेप्सया । हे चाह्मणद्वेपी यज्ञद्वेपी च राक्षसः ॥ २६ लोप्ता पापात्मा तस्मादेष निपातितः । देता चाप्युपायेन शकदत्ता मयानघ ॥ २७ धर्मस्य लोप्तारो चध्यास्ते मम पाण्डव । संस्थापनार्थं हि प्रतिज्ञेपा ममाव्यया ॥ २८ सत्यं दमः शौचं धर्मों ही श्रीर्वृतिः क्षमा । वन रमे नित्यमहं सत्येन ते शपे ॥ २९ द्रोणपर्व इति श्रीमहाभारते द्रोणपर्वणि पट्पञ्चाशदधिकशततमोऽध्याय ॥ १५६ ॥ ) Dus Da = B ( 52159128 ) पातित | घा' ) D1 कर्णेन वि( Dr om ) निपातित पायेन 25 Da om 25 (of v 1 23 )
- एन)
– 6) Ds महाहवे pr महामधे ) & Ksशक्त्या कर्ण कथचम् 1s In च Ba ( lor स) - Dns एवं G1 Ali तथा सृधे 26 Drom 26 (cf यावी ( for भयान) मच्छया, &K Dover (for "gen) De reads 26 285 on warg 23 ) -ª) T Ga s GAन (lar नि ) -1) 2 27 Dhs om. 27°4 [ ek 125 ) De reade 27on ४) Dns यशदता च परदायमा महता (313 DM-5 छोसा) च पा" Do म धर्मगोता पा (1) Dna M3 एवं Das पूर ( for एप ) -} RazD14-घड़िता, D1# M1 हूँ ( for f) Dos सा ( for et) Ds [B]म्युशन [7.156 33 न विपादस्त्वया कार्यः कर्ण वैकर्तनं प्रति । उपदेयाम्युपायं ते येन तं प्रसहिष्यसि ॥ ३० सुयोधनं चापि रणे हनिष्यति घृकोदरः । तस्य चापि वधोपायं वक्ष्यामि तक पाण्डव ॥ ३१ वर्धते तुमुलस्त्वेष शब्दः परचमं प्रति । विद्भवन्ति च सैन्यानि त्वदीयानि दिशो दश ॥ ३२ लब्धलक्ष्या हि कौरव्या विधमन्ति चमूं तव । दहत्येप च वः सैन्यं द्रोणः प्रहस्तौ वरा ॥ ३३ | 28 Da reads 264lon sharg - Mi Lo 3) TG9-24 धर्मदि (lar धर्मस) Do नोहारी (for A} DI ये धर्मस गोतारी -33 Do वक्ष्यास ( for ध्यास) -~-De on 28t – Ka घर्मसंस्थापनाप . Due D1699 पतार्थाय ( In 'चैव ) - *] $5 st : D प्रतिष्ठेपा, Ds 'ज्ञेयं (fox पा) Ba Da - माध्यया 29 ) 51 यम (fur दम ) 4 } Ga his s ransp ही and भो Do for भीर). ॐ सवि मया कृता, S (GF TWISSIng) मयोद्यता (For (for धृति ) – * } 1 Dn Ds 1य (for तन्त्र) Dua D11 भवेन्, IDh 4 भवन्, {For रमे) Da यत्र तत्र न मे द्वेष (for BTE) G० नमे ★ } ha सखे D21 Ma केदावे (Bic) (lar ते शपे ) IDur अहं तत्राभव स ( Das 'बा D1 *य सदा 30 ") 8 मा ( for ) Dna Da4118 अप्रमादस (for न विषादम्) -4] Ds उपदेष्यामि ( for स्वामि) Bs उपायेम ( for यते) - d} Dus से, Di1 T G2sMs-5 एवं ( for से ) II Ds महरि (Ds निष्पति Gs विपछि (for प्रसहि ) 31 ) Ba Dea दुर्योधन (for सुयो _ } Da वधियति (for हमि ) – 01 61 Ba 5T Gra transp अपि and Ds तस्य वापविभोपाय (RLD ) - Dur बचत पाडव Das18 विषये (Ds से ) तप पांडव 32 ) Dor DD1 तुम Dns तुमलय (for मु छन्) 1 चैप) Ks चैव ( for श्वेष ) D3 1 ते सुमल पार्थ ) Das Diदि (forg) "} Dो ( for यानि ) & K (Ko smasing Di ३० समतत ( For विशो दश) 33 ") Ks Dea Dnz Das 8 (Gsng) लक्षा (Jor ऋक्ष्या) 13 das कौरव्य (for ब्या) ) ka Dhs प्रति ( lor तय ) - B De Darsh पुत्र { for एप In पर ( for चव ] Dar Dसैकमे (चसैम्पं [908 ] C248 9 / 18 K7122