पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol8.djvu/५५४

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सतिवाजभर समियांनभर १०,७९ १०८० समय भारद्वाज १०, १८१२ सरमा दवशुनी १०१०८२४६८१०८११ सर्प द्रवुद जरत्कण 1 सहरिन्द्र १०,९६ सभ्य आङ्गिरस १,५१-५७ सस अनिय ५०३ सहनुवा नापांगिर ११०० सहस सूनु । साधरण | अनि । मनु सांदय द्रमि | साधनो भौवन १०,१५७ सामद | द्र- मत्स्य सारियकशा १०,१४२५६ सापराशी २०१८९ साजिद्र सूया निवारी ९८६११२०३१४ सिधुक्षित् मैयमघ १०,७५ सिन्धुद्रीप आम्बरीष १०९ सुक्ष आलिरस ८९२८६३ सुकीर्ति काशीवत १० १३१ सुतभर आनेय ५११ १४ मुदा पैनबन १०, १३३ सुदीहिराहिरस ८७१ ऋग्वेदे समाध्ये सुपण काण्व ८,५९ सुपणस्ता श्यपुत्र १०,१४४ सुद-दुर्गैपायन लौपायनो वा ५२४ सुमित्र कोल्स २०१०५ १० सुमिग्रो बाध्य १०६९ १०,७० सुराधा वागिर १,१० सुवदा शैरीषि १०, १४७ सुइस्तो घोषय १०४१ सुहोत्रा भारद्वाज ६३१ ६,३२ सुनुराभव १०,१७६ सूर्या सावित्री १०८५ साभरि काग्य ८,१९ २१ ८१०३ सेम १२,१२४ १५ १ सोमाहुतिमागद २४ - Ve सौखीक 1६ - अग्नि । सौभर |द्र कुक्षिक 1 सोम्य द्र-बुध । सौय द्र- अभितपा घर्म चक्षु विश्राद् । सौदोत्र |द्र अजमीळ्ह पुरुमोळ्छ । स्तम्ब मिश्र शाह १०, १४३ ७ ८ स्थौर द्र- अग्नियुत अग्नियूप | स्यूमरश्मिर्भार्गव १०,७७ २००८ स्वस्त्याय ५,५०, ५,५१ हरिमन्त्र आशिरस ९,७२ इयत्त प्रागाथ ८७२ इविधान आागि १० ११ १०१२ हैरण्यरतूप हिरण्यगर्भ प्राजापत्य १०,१२१ हिरण्यस्तूप भाङ्गिरस १ ३१३५ हैरण्यस्तूप | - [मचंद्र | [ ४७०८ ]