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पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol3.djvu/३९५

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9436 बे नि क मारवेध अनचाल महा ॥ २ ॥ ● समा अद तुर्तीपाटके पड़ोऽध्यायः एसि सिन्ध्यावास मायनः माग वन ॥ १ ॥ - र्मात्राम सन्दर्मातुः सर्वपमेड' बे इमिका कुन्तुष्ट मनोव पुरोसिए। मधुम्देवे "बार", "पह १६. मेखि द्वियो अण बगोचरः ॥ ॥ 15,1. १६ २,१९१३. मते इत्वरि बास्नामेसम्पये अनाः ॥ ८ ॥ था अई तामविस्ता qie 4.1.6. व: ॥ ५ ॥ " 1 करवाया २-१.१५ † A¹ ¹. १. "रमने कर्म ५. 4. t. १.८०.१. १०.३१.१९१, ११. ५. १५२. 14. मि से ॥ ॥ से मपि ॥१४