पृष्ठम्:सुभाषितरत्नभाण्डागारम्.djvu/२

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१. मङ्गलाचरणप्रकरणम्
विषया पृष्ठे | श्लेोका विषया प्टष्ठ | श्लेोका वेिषया पृष्ठे | श्लेोका-
परब्रहृ १| १-१९ | त्रिमूर्तय १४| १--४ ( सीता ) २१| ९३
गणेश २| १--३५ ! विष्णु १४{ १--४९ ( हनूमान्र्) | २१| ९४-९५
सरस्लती ३| १-1३ | शङ्ख • | 1६| `४४-`४५ ( रामकृष्णैाँ) | २१| ९६-९८
शिव •- | ३| १-१६७| चक्रम् • • •| 1 ६| 1 ६-४ ७ कृष्ण २२! ९९--१९४
जटाजूट ९j|१२०-१२२ गरुड 1 ६!| ४< (बलभद्र ) 2६ाँ1९५"-१९७
गङ्ग ९,|१२३-१३४] शेष १६| ४९ (रुक्मिणी) | २६|१९८
शशिलेखा ९|१३५--१३७|ं लक्ष्मी १६ाँ| १-१५ (राधा) २६|1९९-२० ०
लोचनम् ९|१३<--१४२| समुद्र १७| १५ (नन्दक ) २६|२० १
कण्ठ १०|१४३--१४६| ब्रह्मा १७| 1-४ ( वेणु २६[|२०२
शिरोमालिका १०|1४७ दशावतार १७| १-२१२ बुद्ध २६|२ प्०३-२.०९
गण -i * ०|{1४८ मत्स्य 1 ८! ५-१५ कल्कि २७|२१ ०-२१ २
नन्दी १०{१४९ कूर्म १८| १६-२२ २७| 1-२०
ताण्डवम् ••| १०|१५०-१६०| वराह १<| २३-४० (किरणा ) २७j| 1७---१९
अर्धनारीश्वर •.! १०|१६१-१६७ नृसिंह १९| ४ १-५९ ( तुरगा ) 2८j2 ०
पार्वर्तृी • •| १ १j १--५४ |1 वामन २०| ६ ०-६ ८ 1 न्वन्द्र २८| १-३
षण्मुख. .•| १३| १-३ | परशुराम २०| ६९-७४ |1 पृथिवी • • |[ 2 <' *
हरिहरौ •.' १३! १-१० f रामचन्द्र २० |l ७५--९२
२. सामान्यप्रकरणम्
सुभाषितप्रशैसा •..| २९| १-२१ बिह्वण •. .|| ३५ाँ| २९ छान्दसप्रर्शसा `४१| १i
विद्याप्रर्शस •| २९| 1-1६ भट्टारहरिचन्द्र ३५| ३० ४१|! १
कान्व्यप्रर्शसा ३०| १-५० | भवभूते ' . | ३६| ३१-३३ !| वैयाकरणप्रर्शसा .| ४१| १-८
नाठ्यप्रर्शसा ...| ३२| १-२ भास • | ३६| ३४ वैयाकरणनिन्दा ४१|ां| १-३
• कुकाव्मनिन्दा •..| ३२|| १-५ मयूर ३३| ३५-३६ | नैयायिकप्रर्शसा ; . | ४१| १-५
सामान्यकविप्रशैसा ...| ३२| १-६८ |1 मातङ्गदिवाकर [ ३६|! ३७ नैयायिकनिन्दा ' .| ४३| १-१०
विशिष्टकविप्रर्शसा .. ! ३४| २--७१ मुरारि •• !| ३६| ३<-४० |1 मीमासकप्रर्शसा ४३| १-५
अमरसिंहः •..|| ३४|ं| १ रढ्नखेटदीक्षित ३६| ४१ मीमासकनिन्दा ४३| १~-२
कालिदास. •..| ३४|| २-७ राजशेखर ३६| ४२-४३ l वैद्यप्रर्शसा ४३| १-६
गणेश्वर• •-•| ३'^| < वाल्मीकि ३६| ४४-५२ |1 कुवैद्यनिन्दा - i `४४{ 1-~९
गुण्माठ्य. ••-•| ३५| ९--११ विजय ३६| ५३ गणकप्रर्शसा ४४| १-६
गोविन्दराजः .•.| ३५!| १२ विष्ञ्जक ३६!| ५४ कुगणकनिन्दा ४४| १--६
श्ञ्जमश्नाथपण्डित. | ३५| १३-१६ व्यास ...!| ३६!| ५५-५८ |1 पौराणिकनिन्दा . .| ४४| १
जन्मदेवः •--| ३५! १७ शाकळ्छ्रमप्ल .. | ३७j ५९ पुरोहितनिन्दा .--| ४५!| १
ज्योतिरीशः ••.| ३५| १८ सातक्ाहन ••.| ३७| ६० कायस्थनिन्दा •• |!| ४५| १-४
दण्डी ••.! ३५| १९--२० सुदर्शन. •••j ३७| ६1 सज्मनप्रर्शसा ••.! ४५| १--२७८
द्रोणः •..| ३५ाँ २1 सुबन्धुः •• •ाँ ३७*| ६२ दुजैननिन्दा •-.| ५४|| १-२८३
श्षनद. •••[ ३'५ाँ २२ कविकृन्दम् ••.! ३७| ६३-७१ | लक्ष्मीखभाव •- |! ६२!| १-४३
नरहरिः •••{ ३'*| २३ कुकविनिन्दा . .! ३७| १-३० |l धनप्रशंसा ••-{ ६४1 १-1६
प्रवरसेन. ••.| ३५| २४ पण्डितप्रशंसा ••.! ३<| १-२८ ! धननिन्दा •• •! ६४! 1-२०
बणः -•.! ३५! २५--२८ | कुपण्डितनिग्दा •..jं| ३९| १-७७ | धनिप्रर्शसा ••.|l ६५| १-1५