पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९८५

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हिमानी प्रस्थ --सुतः, ( पु० ) मैनाक पर्वत सुता, ( स्त्री० ) १ पार्वती २ गंगा | हिमानी (स्त्री० ) बर्फ का ढेर वायुचालित बर्फ 1 ( ६७९ ) का स्तूप | हिरां ( न० ) सुबर्थ । २ वीर्य ३ कौड़ी | हिररामय ( वि० ) [ श्री० --हिरगमयी ] सुवर्ण का बना हुआ । सुनहला था हिररामयः (पु० ) मझा जी का नामान्तर । शिरक्षयं ( न० ) सोना २ सुवर्णपात्र ३ चाँदी ४ कोई भी मूल्यवान धातु । सम्पत्ति । जायदाद ३ वीर्य ७८ माँप विशेष | वस्तु | द्रश्य १० धतूरा -कक्ष ( दि० ) सोने की करधनी पहिनने वाला - कशिपुः, ( पु० ) एक बैल का नाम --कोशः, ( पु० ) गर्भः, (पु० ) वह जिनका जन्म सुव अरड से हुआ २ विष्णु सूक्ष्म शरीर /-- द, ( वि० ) सुवर्णं देने वाला !~ः (go ) | समुद्र ।~~-दा, (सी० ) पृथिवी नामः, ( पु० ) मैनाक पर्वत । बाहुः, (3०) शिव का नाम । ९ सोन नदी रेतस्, ( पु० ) १ अन्नि । २ सूर्य 1 ३ शिव का नाम ४ चित्रक या! अर्क का पौधा -वर्णा ( स्त्री० ) नदी 1 - | वाहः, ( पु० ) सोन नदी हिरण्यय (चि० ) [ स्वी०- हिरण्ययी ] सुनहजा हिस्कू ( थव्वया० ) १ विना | छोड़कर | २ बीच में | ३ समीप ४ नीचा हिजू (धा० प० : [ हिलति ] स्वेच्छानुसार क्रीड़ा करना | हिल्ला (१०) एक प्रकार की चिड़िया। दिल्लोलः ( पु० ) ३ बम हिल्यलाः ( स्त्री० पु० ) मृगशिरस नपत्र | ही ( अध्यया० ) १ यावर्य थकावट, शोक सूचक अव्यय विशेष । तरंग | बहर | २ हिंडोल राग । रतिबन्ध विशेष | हीन ( ० ० ) १ व्यक्त। त्यागा हुआ छोड़ा हुआ। २ वर्जित रहित बिना ३ नष्ट ४ त्रुटिपूर्ण

  • घटाया हुआ। ६ अल्पतर । निम्नतर। ७ नीच

कमीता ! J हीनः ( पु० ) १ दोषयुक्त गवाह । २ दोषयुक्त प्रति- वादी [ नारद ने ऐले पांच प्रकार के प्रतिवादियों का उल्लेख किया है। यथाः- धन्यवाद जोपस्थायी मिस्तरः | आहूतमपक्षाची पद्दीन: पंचवे स्टः ॥ ] ---अंग, (वि० ) अंगदीन । कुल-ज, (वि० ) कमीना । अकुलीन/-ऋतु. ( वि० ) यज्ञहीन (~-जाति, (वि०) १ नीच जाति का। २ जातियहिष्कृत पतित /~-योनिः, ( पु० ) नीच जाति का | २ नीच पद का वादिन, ( वि० ) दोपयुक्त बयान देने वाला २ बयान बदलने वाला मूंगा - ( न० ) नीच लोगों के साथ रहने वाला । सेवा, ( स्त्री० ) नीच की सेवा या चाकरी । ह्रींतालः ? ( पु० ) दलदल में उत्पन्न छुहारे या खजूर हीन्तालः ) का पेड़। हीर: ( पु० ) सर्प | २ हार | ३ शेर । ४ नैषध चरितकार श्रीहर्ष के पिता का नाम । 5 २ हीरः ( पु० ) ३ ६ इन्द्र का वज्र | हीरा ।—अंगः, हीरं ( न० ) ) ( पु० ) इन्द्र का बज्र हीरकः ( पु० ) हीरा । हीरा ( स्त्री० ) : लक्ष्मी जी की उपाधि हीलं ( न० ) वीर्य | धातु । चीटीं हीही (अव्यया० ) आश्चर्य या हर्पसूचक अध्यय विशेष | हु ( भा०प० ) [ जुहोति, हुत ] : निवेदन करना। भेंट करना। २ यज्ञ करना। ३ खाना | हुडू (धा०प० ) [ होत] जाना। [पु०-दुडति]. जमा करना । हुङ: ( पु० ) १ भेड़ा| मेष । २ लाहे का खंभा या मेख आ चोरों से यथने के काम में आता है। ३ एक प्रकार का होता ४ लोहे का डंडा या गदा। ५ मूह मूर्ख ६ ग्रामशूकर | ७ दैत्य | राचस | ( पु० ) मेवा | हुडः हुडकः ( पु० ) १ ढोल जो विशेष आकार का होता म दात्यूह पक्षी ३ किवाड़ों में लगी चटखनी । ४ नशे में चूर आदमी। हुहुन् ( न० ) बैल का शैभना। २ धमकी का शब्द ।