पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९५२

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सौराष्ट्र ( @8* ) स्कट् स्कन्द् सुराष्ट्र ( अर्थात् सूरत नगर ) सम्बन्धी या वहाँ से | सौवस्तिक ( बि० ) [ स्त्री० हौस्तिकी ] आशी- आया हुआ। र्वादात्मक सौराष्ट्र: ( पु० ) सुराष्ट्र देश सूरत प्रान्त || सोवस्तिकः ( पु० ) कुलपुरोहित । ( पुoबहु० ) सौराष्ट्र देश के अधिवासी सौराष्ट्र ( न० ) पीतल । फूल । काँसा । मौराष्ट्रिक ( न० ) त्रिष विशेष सौराष्ट्रिकः ( पु० ) फूल या कसा जैसी धातु विशेष। सौरिः (पु० ) शनिग्रह २ असन नामक वृक्ष । -~रसं, (न० ) पुखराज याकूत | सौरिक (वि० ) [ खी० -सौरिकी] १ स्वर्गीय | २ मादफ नशीला ३ मदिरा पर लगने वाला (कर या महसूल ) सौरिकः ( पु० ) १ शनिग्रह | २ स्वर्ण । ३ शराब बेंचने वाला कलवार । सौरी (स्त्री० ) सूर्य की पत्नी । सौरीय (वि० ) [ श्रो०-सौरीयी] १ सौर्य । २ सूर्य के लिये उपयुक्त या सूर्य के योग्य सौर्य (वि० ) [ श्री० - सौयीं] सुर्य सम्बन्धी सूर्य का | सौलभ्यं ( न० ) सुलभता सहज में प्राप्तव्य । २ सहजस्व । सौवाध्यायिक ( थि० ) [ स्त्री० - सौवाध्यायिकी ] स्वाध्याय का स्वाध्याय से सम्बन्ध रखने वाला। सौवर (वि० ) [ श्री०- सौवरी] ध्वनि या किसी राग सम्बन्धी । - सौधास्तव ( वि० ) [ श्री०- सौधास्तवी] जगह वाला खूबसूरती से स्थापित। सोविदः सौविददलः ( पु० ) जनानखाने का अनुचर या चाकर । सौधीरं ( न० ) १ बरीफल १२ सुर्मा । ३ खट्टी कॉजी | सौवीर: ( पु० ) एक प्रदेश का नाम और यहाँ के अधिवासी ।-अंजनं, ( न० ) सुर्मा या काजल | सौवीरकं ( म० ) जवा के आटे की खट्टी कौंजी । सौवीरकः ( पु० ) १ बरी का फल | २ सुवीर का वासी ३ जयद्रथ का नाम । सौवीर्य ( म० ) बड़ी शूरवीरता या पराकम । सोशीटपं ( न० ) अच्छा स्वभाव | अच्छा चलन । सौअवसं ( न० ) प्रसिद्धि । प्रख्याति । | सौष्ठवं ( न० ) १ उत्तमता । नेकी । भलमनसाइत | २ सौन्दर्य | उत्कृष्टतर सौन्दर्य पड़ता। चातुर्य ४ आधिक्य २ हल्कापन | सौस्नातिकः ( पु० ) वह जो किसी अन्य से पूछे कि उसका स्नान भली भाँति हुआ है या नहीं। सौहार्द (न० ) अच्छा हृदय होने का भाव। मैत्री । सौल्कि ( पु० ) तांबे का काम करने वाला । सौव (वि० ) [ स्त्री०~~सौवी ] अपनी निज की सम्पत्ति सम्बन्धी २ स्वर्गीय या स्वर्ग का। सौवं ( न० ) आदेश अनुशासनपन्न | सौचयामिक ( वि. ) [ श्री०- सौवग्रामिकी ] | सौहार्दः (पु० ) मित्र का पुत्र | अपने निज के ग्राम का। सौहार्य ) सो सौहृदयं ( न० ) दोस्ती | प्यार | सौवर्बल ( दि० ) [ स्त्री० ---सौवर्धजी ] सुवर्चल | सौहित्य ( न० ) १ सन्तोष | श्रवाना । २ परिपूर्णता । सम्पूर्णता | ३ मिहरवानी। दोस्तीपन | नामक देश का या उस देश से निकला हुआ। सौवर्चलं ( न० ) १ सज्जीखार । २ लवण विशेष | स्कंद ) (धा० आर०) [ स्कम्दते, ] 1 कूदना | २ स्कन्द्र ) उठाना २ उट्टेलमा बाहिर निकालना। सौवर्णं ( वि० ) [ श्री०-~-सौवर्णी ] 1 सुनहला । स्कंद } ( भा० प० ). [ स्कन्दति, स्कन्न ] ऊपर को २ तौल विशेष | स्कन्दू । कूदना फलोगना | २ उचुलना