पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९५०

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सौडी ( ६४४ ) सौभाग्य २ उदारता | ३ कृपालुता | दयालुता | ४ मैत्री | सोनंदिन } ( ४० ) वलराम का नामान्तर । प्रेम । सावर्य } ( न० ) सुन्दरता ! मनोहरता। सौडी (स्त्री० ) पीपरामूल सौतिः (पु० ) कर्ण का नामान्तर । सौत्यं ( न० ) सारधीपन | सौत्र (वि० ) [ सी०-सौत्री ] १ सूतसम्बन्धी २ सूत्र में वर्णित धातु । सैनः ( पु० ) १ ब्राह्मण १ भ्वादि आदि दशगण में होने वालों से भिन्न केवल सूत्र में वर्णि धातु । सौत्रांत्रिकाः (पु० बहु० ) सौगत नाम की बौध सौत्रान्शिकाः [ धर्म की शाखा विशेष। सौत्रामणी (स्त्री० ) पूर्वदिशा। सौदर्य ( न० ) भाईपना | सौदामनी ( श्री० सौदामिनी ( स्वी० ) ( बिजली । विद्युत । सोदानी ( स्त्री० ) सौदायिक (वि० ) [ स्त्री० - सौदायिकी ] वह सम्पत्ति जो किसी स्त्री को विवाह के समय दी जय और जो उसीकी हो जाय। सौदायिकं (न० ) स्त्रीधन जो उसे विवाह के समय मिला हो । सौंध (वि० ) [स्त्री० --सौधी] अमृत सम्बन्धी अमृत रखने वाला । २ प्लास्टर वाला थस्टर- कारी किया हुआ |- कारः, (पु० ) मैमार | राज थाई। अस्तरकारी करने वाला।- वासः, ( पु० ) राजसी भवन | महल जैसा मकान। सौघं ( न० ) १ सफेदी से पुता हुआ भवन । विशाल भवन राजप्रासाद | ३ चाँदी। ४ दूधिया पत्थर | सौन (वि० ) [ स्त्री० -सौनी ] कसाईयन या कसाई खाने से सम्बन्ध रखने वाला।धर्म्य, ( न० ) घोर शत्रुता । सौनं (न० ) कसाई के घर का माँस । सौनिकः ( पु० ) कसाई । सौनदं ( १० ) बलराम का मुसल . सौप (न० ) १ सोंठ २ पक्षा सौपर्णेयः (पु० ) गरुड़ जी । सौप्तिक : वि० ) [ स्वी० - सौतिकी ] १ निद्रा सम्बन्धी निद्राजनक । प्रस्थापन - पर्वन्. ( म० ) महाभारत का दसयां पर्व वधः, ( पु० ) पारडयों के शिविर में सोते हुए लोगों का अश्वत्थामा द्वारा हत्या कृत्य । सौप्तिकं ( २० ) १ रात्रि के समय का आक्रमण । २ वह आक्रमण जो रात के समय सोते लोगों पर किया जाय। सौबलः (पु० ) शकुनि का नामान्सर । सौवजी ) ( खी० ) गान्धारी या दुर्योधन की माता सौवलेयी का नाम । सौभं ( न० ) हरिश्चन्द्र की नगरी का नाम, जिसके विषय में कहा जाता है कि, वह अन्तरिक्ष में लटक रही है। सौभगं ( न० ) १ सौभाग्य । २ समृद्धि | धन- दौलत । सौभद्रः ) ( पु० ) सुभद्रा के पुत्र अभिमन्यु का सौभद्रेयः ) नामान्तर | सौभागिनेयः ( पु० ) किसी भाम्यवन्ती का पुत्र | सौभाग्यं ( न० ) अच्छा भाग्य | अच्छी किस्मत | सुगमता । २ शुभव | कल्याणस्व । ३ सौन्दर्य | मनोहरता | ४ गरिमा महत्व | ५ सौभाग्यपन । ६ बधाई | मुबारकवादी ७ ईगुर| सेंदूर सुहागा |~ विह, ( न० ) १ सौभाग्य का या हर्ष का लक्षण जैसे रोरी का माथे पर तिलक । २ सौभाग्यवती होने के चिह्न यथा हाथों की चूड़ियाँ, मांग का सेंदुर, पैरों के विद्युधा--तन्तुः, ( पु० ) वह डोरा जो वर के गले में विवाह के दिनों में डाला जाता है। मंगलसूत्र-तृतीया ( स्त्री० ) भाद्र शुद्ध तृतीया