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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९४८

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सोड सोड ( व० कृ० ) वहन किया हुआ सहन किया हुआ। सोढ़ ( वि० ) [ स्त्री० --सोढ़ी ] धीरजवान सहिष्णु । २ शक्तिमान । योग्य | ( ( वि० ) 1 उत्सुक । अत्यन्त उत्सुक २ खेदजनक | ३ शोकान्वित | सोत्क सोत्कंठ सेोत्कण्ड सोयास (वि० ) १ अत्यधिक | २ बहुत बढ़ाया | सोपहास ( वि० ) १ व्ययपूर्ण । वृणाव्यञ्जक हास्य हुआ अतिशयोक्त | ३ व्यङ्ग्यपूर्ण | कटाक्षयुक्त | व्याजस्तुतियुक्त | युक्त । सोपाकः ( पु० ) पतित जाति का आदमी। सोत्यासः (पु० ) अट्टहास सोत्प्रासः (पु० ) 2 व्यङ्ग्यपूर्ण अतिशयोक्ति । सोत्प्रासं ( न० ) व्याजस्तुति | सोत्सव (वि० ) हर्षवर्दक आनन्दवर्द्धक सोत्साह (वि० ) उत्साहपूर्वक सोत्सुक ( वि० ) खेदपूर्ण । शोकान्चित । सोत्सेध (वि० ) उग्रत उठा हुआ। ऊँचा | लम्बा सोदर (वि० ) एक उदर या पेट से उत्पन्न । सोदरः (पु० ) सहोदर भाई । सोदरा ( सी० ) सगी बहिन । सौदर्यः ( पु० ) सहोदर भ्राता। सोद्योग ( वि० ) मिहनती। परिश्रमी अभ्यवसायी। सोद्वेग ( वि० ) १ उत्सुक उत्कण्ठित सशङ्कित | २ शोकान्ति। सोद्वेगं ( न० ) उत्सुकता पूर्वक सोनह: ( पु० ) लहसुन सोन्माद ( वि० ) पागल सिट्टी सनकी । सोमकरण ( वि० ) यह जिसके पास अपेक्षित समस्त श्रौज़ार या सामान हो । ९४२ ) सोम सोपरोध ( वि० ) १ व २ अनुगृहीत सोपरोधं ( अध्यय०) प्रतिष्ठासहित | सोपसर्ग (वि० ) १ किसी बड़ी मुसीबत या समुद में पड़ा हुआ । २ भावी अमङ्गल सूचक | ३ किसी भूत प्रेत द्वारा आवेशित ४ व्याकरण में उपसर्ग सहित | सोपद्रव (वि० ) उपयों सहित | उपदव युक्त । सोपथ (वि० ) धू । कपटी। धोखेबाज़ | सोपधि (वि० ) कपटी धू सोपात (वि० ) १ किसी बड़े सङ्कट में पड़ा हुआ। २ शत्रुओं से भाक्रान्त | ३ ग्रस्त जैसे चन्द्र और सूर्य ग्रस्त होते हैं।

सोपाधि ) ( वि० ) [ स्त्री० -सोपात्रिकी ] सोपाधिक १ उपाधि सहित । २ विशेष उपाधि सहित | सोपान ( न० ) सिवढी सीढ़ी | जीना। -पंक्ति, ( स्त्री० ) - पथः, ( पु० ) -पद्धतिः, (स्त्री० ) -परम्परा, (स्त्री० ) ~मार्गः, ( 30 ) जीना। नसैनी । सीढ़ी । - सोमः ( पु० ) १ एक खता जिसका रस यज्ञ के काम के में आता है। २ सोमवल्ली का रस १३ अमृत ४ चन्द्रमा १ किरण ६ कपूर | ७ जल म पवन वायु कुबेर का नाम । १० शिव का नाम | 99 मन का नाम | १२ [ किसी समासान्त शब्द के अन्त में आने पर इसका अर्थ होता है- मुरूप, प्रधान, सर्वोत्तम । यथा नृसोम ] -अभिषवः, ( पु० ) सोमरस का निकालना। सोमं ( म० ) १ काँजी २ थाकाश अहः, ( पु०) सोमवार आख्यं ( न० ) लाल कमल ईश्वरः, ( पु० ) शिवजी का एक प्रसिद्ध प्रतिनिधि उधा, ( स्त्री० ) प्रसिद्ध नदी नर्मदा का नाम / कान्तः, ( पु० ) चन्द्रकान्तमणि । -क्षयः, ( पु० ) चन्द्र की कला का हास हः, ( पु० ) वह पात्र जिसमें सेमरस एकत्रित किया जायज, ( वि० ) चन्द्रमा से उत्पन्न [~जः, ( पु० ) बुधग्रह |~~-जं, ( न० ) दूध। -धारा, ( स्त्री० ) आकाश । आसमान -नाथः, ( पु० ) शिव- जी के द्वादश ज्योतिर्लिङ्गों में से एक सोमनाथ नामक प्रभासक्षेत्र में स्थान विशेष प