पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८६२

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शैलेय ( sxk ) शैलेय ( न० ) १ शिलाजीत २ गुगुल ३ सँधा गोटीर्य (न० ) विक्रम शो ( वि० ) ३ सुस्त । काहिज | ! शैलेयः (पु० ) १ सिंह २ मधुमक्षिका | शैल्य ( चि० ) परीक्षा 0- शैल्प ( न० ) पथरीलापन। कड़ापन | शैव (चि० ) [ स्त्री० - शैवी ] शिव सम्बन्धी | शैवं ( न० ) अष्टादश पुराणों में से एक। शैव: ( पु० ) १ शैव सम्प्रदाय | २ शैव सम्यदायी । शैवलं ( न० ) पद्माक | पद्मका पदुमाख । शैवलः ( पु० ) सिवार । शैवलिनी ( स्त्री० ) नदी । शैवाल देखो शैवलः । शैव्यः (पु० ) १ कृष्ण के चार घोड़ों में से एक का नाम २ पाण्डव दल के एक योद्धा राजा का नाम । २ घोड़ा । शैशिरः ( 30 ) काजे रश का चातक पड़ी। शैयोपाध्यायिका ( स्त्री० ) बच्चों की शिक्षा | शो ( धा० प० ) [ शयति शात या शित ] पैनाना पैना करना | २ पटला करना । १ } शोकः ( 1 go ) शोक रज सन्ताप पीड़ा- - अग्निः - अनलः ( पु० ) दुःख की भाग - अपनांदः, ( ५० ) दुःख का दूर होना |-- श्रभिभूतः, -प्राकुल - आविट, उपहत, -विहल ( वि० ) शोक पीड़ित-नाश: ( पु० ) अशोकवृष । शोचनं ( न० ) दुःख शोक विलाप । 4 1 शोचनीय (वि० ) १ शोक करने येहस्य | २ जिसकी दशा देख कर दुःख हो। दुष्ट शाधक पराक्रम | २ नीच ओछा शैशवं ( म० ) बचपन। ( सोलह वर्ष के नीचे ) । शैशिर (वि० ) [ स्त्री० - शशिरी ] जाड़े की ऋतु । शोणित (वि० ) 5 लाल । बैंगनी | सम्बन्धी । शोचिस् ( न० ) 1 प्रकाश | दीप्ति । श्रामा । चमक | २ शोला । -केशः, ( शोषिकेश: ) अग्नि का नामान्तर | हुए। शोठः ( पु० ) १ मूर्ख मूह | २ दीर्घसूत्री १ नीच या कमीना आदमी ४ शठ | धर्म | शो ( घा०] प० ) [ शोधर्ति ] जाना | २ जान हो जाना शोगा (वि० ) [ श्री०- शीणी जाल | दिरमिजी लाल रंगा हुआ। शो ( न० ) १२ सेंदूर सिन्दूर | शोगाः ( पु० ) १ लाल रंग : २ आग ३ जालगन्ना | ४ कुम्मेद घोड़ा एक नद्र का नाम जो गोंडवाना से निकल कर पटना के पास गंगा में गिरता है। मंगलप्रद अम्बुः ( पु० ) प्रलयकालीन मंघों में से एक। (पु)-उपलः, ( पु० ) १ बाल पत्थर २ चुसी । पद्मः (पु० ) लाल कमल 1- रक्षं. ( न० ) लाल । चुनी । - शोषितं ( न० ) १ खून | २ केसर 1 श्राह्वयं, ( न० ) केसर उचित ( वि० ) रतरजित | --उपलः, (पु० ) चुनी। -चन्दनं, (न० ) लालचन्दन] /-, ( वि० ) खून पीने या चूसने वाला /-पुर, ( म०) वाणासुर की नगरी का नाम । शोणिमन् (पु० ) लाबी शोथ: (पु०) सूजन -जिहाः, ( पु० ) पुनर्नवा | -रोगः ( पु० ) जलंधर ( वि० ) सूजन दूर करने वाला भिलावा । रोग - - हत् (go ) शोध (पु० ) १ शुद्धि संस्कार २ ठीक किया जाना। दुरुस्ती ३ अदायगी ऋणशोध ४ बदला। पल्टा शोधक (वि० ) [ स्त्री०-शोधका-शोधिका ] १ शुद्धिसंस्कारक। २रेचन | ३ शुद्ध करने वाला। शोधकं ( म० ) एक प्रकार की मट्टी।