शवृत ६८९६ व्यावृ ( ० ० ) १ छूटा हुआ निवृण २ मना A 4 किया हुधा | वजित ४ अलहस किया हुआ ३ हुआ विभाजित २ मनोनीत 1 हुआ ६ चारों ओर से घेरा हुआ आदित | का प्रशंसित सराहा हुआ । घुमाया. हुआ । परदा करने की . व्यासः ( पु० ) १ ऑॉड । वितरण | भाग आग करके अलगाने की क्रिया २ विश्लेपय ३ याहु ध ● ! विस्तार । ४ अंसर । भेत्र । चौड़ाई आँहाई ६ का व्याप या वह रेखा जो किसी बिस्कुल गोल रेखा या ग्रुण के किसी एक स्थान से बिल्कुल सीधी चल कर दूसरे सिरे तक पहुॅच हो ! ७ उधारय का दोष संग्रहकर्त्ता विभागक एक प्रसिद्ध ऋषि जो पराशर के शीरस और सत्यवतो के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। १० कथावाचक । पुराणों की कथा सुनाने वाला। व्यावृत्तिः (०) किया | २ बहिन्य व्यासक्त ( ० ० ) १ जो बहुत अधिक असत हुआ हो। जिसका मन वेतरह या गया हो । २ विये वेष दियुक्त इज्याकुल । विकल घबड़ाया हुआ। परेशान | व्यासंगः ( ( 50 ) व्यास बहुत अधिक भासक्ति | २ बहुत अधिक भक्ति या अनुगन १३ ध्यान । वियुक्ति | विच्छेद ५ परिश्रम पूर्वक " अध्ययन | व्यासिद्ध ( ३० कृ० ) वर्जित हुआ ( माल ) ! निषिद्ध | रोका या (ज० ) १ उधारण कथन | २ बहुता। वर्णन = व्याहार: ( पु० ) १ बढ़ता भाषण शब्द राशि २ ध्वनि | नाद | उसाट फेर मार्गअंशया ३ वैपरोस् । C 1 यतिक्रमण किया हुआ ' व्युत्क्रन (व० ४० । कान्त) र प्रस्थानित गय हुआ त्यानं ( ० ) ११ उद्योग के के युधिति ( स्वी०) विरुव डेढ खड़ा होना । विरोध भरोध ३ स्वतंत्र होकर काम करना । वेच्छानुसार काम करना समाधि ५ नृत्य विशेष ६ हाथी को उठाने की किया व्यु: MSr व० ० ) का हुआ यंगा हुआ उच्चा किया हुआ [1] + दुपा भवन : २३ गायत्री के साथ हरे जाने यि यथा भू.. भुवः स्वःसंख्याको तल और कोई साताद व्युत (स्पी० युच्छेदः ( पु० ) बिना वरचा (५०) । गढ़वड़ी क्रम में व्युत (व० ऋ० ) भीगा हुआ पानी से तर व्युत ( ० हुआ। व्याहत (ब० कृ० ) 1 मना किया हुआ निषिद्ध | २ व्यर्थ | ३ रोका हुआ हुआ४ हताश किया हुआ। २ निवारित । | युवासः ( 50 ) अड़चन डाला घबड़ाया हुआ। भवनीत 1- अर्थता, स्त्री० ) निबन्ध रचना-व्युपदेशः (पु० ) बहाना मिस शैली के दोषों में से एक व्युपरमः ( पु० ) अवसान | समाप्ति । व्युत्पत्ति (श्री० ) किसी पदार्थ आदि की विशेष प उत्पत्ति या उसका विकास या विद्या | ३. पूर्ण अवगति पुरी पूरी जानकारी विद्वा व्युत्पन्न (व० ० ) १ निकला हुआ विद्या द्वारा बना हुआ ३ शाख आदि का अच्छा जाता हो । शब्द साधन ४ जो किसी व्युपशमः (पु० / + ३ ० ) खारिज किया हुआ फेंका दूर करने या फेंकने को किया | २ बहिष्करण ३ निरादर तिरस्कार | ४ सारण! इनन । दाशकरण | १ शनवान | = senfer! निनान्त अवसान | [ यहाँ वि उपवर्ग का अर्थ है। ] व्युट ( ० ०० : जला हुआ कुलमा हु
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८२६
दिखावट